'तीन डायलॉग थे', डेब्यू फिल्म को लेकर Kubbra Sait ने खोला राज, 2 घंटे 25 मिनट की मूवी में मिला इतना सा रोल
ओटीटी प्लेटफॉर्म से अपनी खास पहचान बनाने वालीं अभिनेत्री कुबरा सैत (Kubbra Sait) इंडस्ट्री की मंजी हुई अदाकारा है। हाल ही में अजय देवगन की फिल्म सन ऑफ सरदार 2 में नजर आने वालीं कुब्रा ने अपनी पहली फिल्म को लेकर खुलकर बात की है और बताया है कि उसमें सिर्फ उनके 3 डायलॉग थे।
एंटरटेनमेंट डेस्क, मुंबई। फिल्म और वेब सीरीज में लगातार काम कर रही कुब्रा सैत (Kubbra Sait) खुद की हौसलाअफजाई को मानती हैं सबसे जरूरी। खुश रहने का अपना सलीका कुब्रा ने हाल ही में दैनिक जागरण के मंच पर साझा किया है।
पहली फिल्म में थे सिर्फ 3 डायलॉग
‘सुल्तान’ और ‘देवा’ फिल्मों की अभिनेत्री कुब्रा सैत समय-समय पर स्वयं की हौसलाअफजाई करना भी जरूरी मानती हैं। हालिया प्रदर्शित फिल्म ‘सन आफ सरदार 2’ में नजर आईं कुब्रा ने अपने अभिनय सफर की शुरुआत साल 2011 में फिल्म ‘रेडी’ से की थी। कुब्रा कहती हैं,
फोटो क्रेडिट- इंस्टाग्राम
‘फिल्म ‘रेडी’ के दौरान मैंने जुहू में लगे एक पोस्टर में पहली बार स्वयं को इतनी बड़ी स्टारकास्ट के साथ देखा था। हाल ही में ‘सन आफ सरदार 2’ के लिए हमारी तस्वीरें बड़ी-बड़ी होर्डिंग से लेकर इंटरनेट मीडिया तक छाई हुई हैं। इतना सफर तय करके इस पड़ाव तक स्वयं को देखना गर्व की बात है। लगता है कि कुछ पल के लिए रुक जाऊं और अपनी ही थोड़ी हौसलाअफजाई कर लूं।
फोटो क्रेडिट- इंस्टाग्राम
जिंदगीमें वैसे ही हम स्वयं पर काफी दबाव डालते हैं। जीवन में कभी अपनी प्रशंसा करने में पीछे नहीं रहना चाहिए। मेरी पहली फिल्म (‘रेडी’) में मेरे सिर्फ तीन डायलॉग थे, आज पूरी फिल्म कर रही हूं। अगर मैं अपनी इस उपलब्धि को देखकर इसकी खुशी ना मनाऊं, तो जिंदगी में क्या खाक ही किया।’ बता दें कि सलमान की रेडी में कुब्रा ने नौकरानी की भूमिका को अदा किया था।
बस काम करती रहूं
कुब्रा ने आगामी वेब सीरीज ‘लाल बत्ती’ में फिल्मकार प्रकाश झा के निर्देशन में काम किया है। वह बताती हैं, ‘वो तो बाबा हैं। वो किसी को भी सेट पर डांट सकते हैं, फिर वो कितना ही बड़ा स्टार क्यों ना हो। वो डांटते भी इसलिए हैं, क्योंकि वह स्वयं सेट पर बहुत सारी चीजें करते रहते हैं।
वो लाइट भी देखते हैं, डायलॉग भी देखते हैं, सिनेमैटोग्राफर ने कैमरे में कौन से लेंस पर कौन सा फ्रेम लगाया है, वो भी देखते हैं। उनके साथ काम करते हुए समझ ही नहीं आता कि निर्देशक कौन है। उनमें अहंकार बिल्कुल भी नहीं है। वो जिस ऊर्जा और उत्साह के साथ काम करते हैं, मैं चाहती हूं कि जब मैं 70 साल की हो जाऊं तो मैं भी वैसे ही काम करती रहूं।’
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