Kishore Kumar Death Anniversary: किशोर दा के ऐसे अनसुने किस्से, जिसके बारे में आप शायद ही जानते हों
Kishore Kumar Death Anniversary एक लड़की भीगी भागी सी और कोई हमदम न रहा जैसे गाने देने वाले सिंगर और एक्टर किशोर कुमार के गाने आज भी बड़े चाव से सुने जाते हैं। पढ़ें उनके ऐसे अनसुने किस्से जिसके बारे में शायद ही आप जानते हों।

नई दिल्ली, जेएनएन। Kishore Kumar Death Anniversary: बहुमुखी प्रतिभा के धनी दिग्गज अभिनेता और सिंगर किशोर कुमार के बारे में शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा, जिसे न पता हो। अपनी जबरदस्त गायिकी और अनोखी कॉमिक टाइमिंग से उन्होंने फैंस के दिलों में एक अलग जगह बनाई। किशोर कुमार अपनी सिंगिंग को लेकर तो बॉलीवुड में मशहूर तो थे ही, लेकिन इसके साथ ही वह अपने चंचल स्वभाव से भी हर किसी का मन मोह लेते थे। हालांकि एक्टर अशोक कुमार के भाई होने के बावजूद भी उन्हें हिंदी सिनेमा में अपनी जगह बनाने के लिए खूब पापड़ बेलने पड़े। आज हम उनकी डेथ एनिवर्सरी पर आपको उनकी जिंदगी से जुड़े 10 ऐसे दिलचस्प और अनसुने किस्से बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में शायद ही आप जानते हों।
ऐसा था किशोर कुमार का सपनों का आशियाना
बॉलीवुड में सफलता पाते ही हर एक्टर और सिंगर खुद के लिए एक आलीशान घर बनवाना चाहता है, किशोर कुमार भी उन्हीं में से एक थे। हालांकि किशोर कुमार का सपनों का आशियाना दूसरों से काफी अलग था। रिपोर्ट्स की मानें तो किशोर कुमार ने एक बार अपने घर में आर्किटेक्चर को बुलाया और उन्हें कहा कि वह ऐसा घर चाहते हैं, जहां बस हर कमरे में पानी हो यहां तक कि उनका बेडरूम भी। इतना ही नहीं सिंगर की तो ये भी ख्वाहिश थी कि उनके बेडरूम में एक नांव हो जिसमें वह बैठकर डायनिंग हॉल तक जा सके, हालांकि उनका ये सपना साकार नहीं हुआ।
राजेश खन्ना से किशोर कुमार की थी अच्छी दोस्ती
सुपरस्टार राजेश खन्ना और किशोर कुमार आपस में काफी अच्छे दोस्त थे। दोनों ने साथ में 1976 में आई फिल्म 'महबूबा' में काम किया था। इस फिल्म का गाना 'मेरा नैना सावन भादो' काफी बड़ा हिट हुआ था, लेकिन ये बात शायद ही आप जानते होंगे कि इस गाने को पहले मुहम्मद रफी गाने वाले थे। लेकिन राजेश खन्ना ने प्रोड्यूसर से ये गाना किशोर कुमार से गंवाने के लिए कहा, इसके लिए उन्होंने लगभग एक महीने तक अपने प्रोड्यूसर को मनाया था। बाद में ये गाना एक बहुत ही बड़ा हिट साबित हुआ।
किशोर कुमार ने प्रोड्यूसर के सामने रखी ऐसी शर्त
दिग्गज एक्टर अशोक कुमार के भाई होने के बावजूद भी किशोर दा को इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी थी। एक बार किशोर कुमार निर्माता-निर्देशक बी आर चोपड़ा के पास काम मांगने के लिए गए थे, लेकिन उन्हें काम देने के लिए बी आर चोपड़ा ने उनके सामने कुछ शर्त रखीं, जिसे उन्होंने मानने से साफ इंकार कर दिया। इसके बाद जब किशोर कुमार बड़े सिंगर बन गए तो उन्होंने बीआर चोपड़ा की फिल्म में गाना गाने के लिए एक शर्त रखी। उन्होंने उनसे कहा कि धोती पहनकर, पान खाते हुए टेबल पर खड़े होकर उन्हें उनसे गाना गाने के लिए विनती करनी पड़ेगी।
मेल और फीमेल आवाज में गाते थे किशोर कुमार
किशोर कुमार उस सदी के एक ऐसे सिंगर थे जो मेल और फीमेल दोनों ही आवाज में गाना गाते थे। 1962 में रिलीज हुई फिल्म 'हाफ टिकट' में उन्होंने 'आके सीधे लगी दिल पे जैसी' गाने में उसका मेल और फीमेल वर्जन दोनों गाया था। दरअसल ये गाना वह सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर के साथ गाने वाले थे, लेकिन लता मंगेशकर किसी कारण वश रिकॉर्डिंग नहीं कर पाई जिसके बाद उन्होंने अकेले ही इस गाने को गाया।
लता मंगेशकर से 1 रुपए फीस कम लेते थे किशोर कुमार
दिग्गज सिंगर लता मंगेशकर को किशोर कुमार काफी मानते थे। जब भी वह लता मंगेशकर के साथ कोई गाना गाते थे, तो प्रोड्यूसर उनकी फीस के बारे में पूछा करते थे। ऐसा कहा जाता है कि किशोर दा प्रोड्यूसर से हमेशा ये कहते थे कि रिकॉर्डिंग के लिए जितना पैसा दिया गया है, मेकर्स उन्हें उससे एक रुपए कम दें।
महमूद से किशोर कुमार ने ऐसे लिया था बदला
ऐसा कहा जाता है कि किशोर दा अगर किसी से बदला लेने पर उतारू हो जाते थे, तो वह किसी की भी नहीं सुनते थे। फिल्म 'प्यार किए जा' में मेहमूद ने किशोर कुमार से ज्यादा पैसे लिए थे, बस यही बात उन्हें बिलकुल रास नहीं आई। फिल्म 'पड़ोसन' में डबल पैसा लेकर उन्होंने मेहमूद से अपना बदला लिया।
खंडवा की दूध-जलेबी के शौकीन थे किशोर कुमार
किशोर कुमार भले ही फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा थे, लेकिन वह खुद को बॉलीवुड की पार्टीज और चकाचौंध से खुद को दूर रखना ही पसंद करते थे। लेकिन उन्हें खंडवा(मध्य प्रदेश) की दूध-जलेबी बहुत पसंद थी। वह हमेशा ये कहा करते थे कि जब वह फिल्मों से संन्यास लेंगे तो खंडवा में जाकर ही बस जाएंगे। उनकी इच्छा अनुसार उनका अंतिम संस्कार भी खंडवा में ही किया गया था।
मधुबाला के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए करते थे ये काम
किशोर कुमार और मधुबाला के प्यार की कहानी बहुत ही दिलचस्प हैं। मधुबाला ने काफी कम उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया था, लेकिन उनकी अंतिम सांस तक किशोर कुमार ने उनका हाथ और साथ दोनों ही नहीं छोड़ा। किशोर कुमार ने एक इंटरव्यू में खुद इस बात का खुलासा किया था कि जब मधुबाला बीमार थीं तो वह बेड पर लेटे-लेटे काफी परेशान हो जाती थीं और मैं उन्हें हमेशा हंसाने और खुश रखने की कोशिश करता था'।
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