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Kangana Ranaut Vs BMC: बॉम्बे हाई कोर्ट में बीएमसी ख़िलाफ़ दायर याचिका वापस लेंगी कंगना रनोट, जानें वजह

कंगना रनोट ने निर्माण कंपनी आरकेडब्ल्यू कंस्ट्रक्शन के साथ डिंढोशी सेशंस कोर्ट में स्टे के लिए याचिका दायर की थी। दिसम्बर 2020 में कोर्ट द्वारा याचिका खारिज करने के बाद कंगना ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख़ किया था।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Wed, 10 Feb 2021 08:44 PM (IST)Updated: Thu, 11 Feb 2021 07:46 AM (IST)
Kangana Ranaut's one more BMC Case. Photo- Instagram

नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनोट ने चौंकाने वाला क़दम उठाते हुए बृहन्मुंबई म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन (BMC) के ख़िलाफ़ बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर एक केस वापस लेने का फ़ैसला किया है। बीएमसी ने 2018 में कंगना को एक नोटिस भेजा था, जिसमें खार बिल्डिंग में स्थित उनके फ्लैट में कुछ अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था। कंगना ने इस नोटिस को बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। 

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कंगना के अधिवक्ता रिज़वान सिद्दीक ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि वो अगले चाल दिनों में मुकदमा वापस ले लेंगी और इसके बारे में बॉम्बे हाई कोर्ट को सूचित भी कर दिया है। उन्होंने बताया कि यह केस कंगना की खार की ऑर्चिड ब्रीच बिल्डिंग में स्थित प्रॉपर्टी को लेकर किया गया था। बीएमसी ने इस प्रॉपर्टी में कुछ अवैध निर्माणों को लेकर 2018 में डिमोलिशन नोटिस जारी किया था। कंगना इस मामले को हाई कोर्ट में जारी रखने के बजाय आदेश के मुताबिक, चार हफ़्तों के भीतर बीएमसी में निर्माण के नियमितीकरण के लिए आवेदन करेंगी। अदालत के आदेश के अनुसार, बीएमसी इस मामले में त्वरित कार्रवाई करेगी। अगर बीएमसी का आदेश कंगना के ख़िलाफ़ जाता है तो वो उन्हें फिर से अदालत जाने के लिए दो हफ़्तों का समय मिलेगा। हालांकि, इसका बीएमसी के लॉयर एप्सी चिनॉय ने काफ़ी विरोध भी किया। 

जस्टिस पीके चव्हाण के सवाल के जवाब में कंगना के अधिवक्ता बीरेंद्र सर्राफ़ ने बताया कि केस वापस लेना शर्त रहित है। 2018 में बीएमसी ने कंगना को डिमोलिशन नोटिस बेजकर कई अनियमितताओं के आरोप लगाये थे। नोटिस में कहा गया कि पांचवीं मंज़िल पर स्थित तीन अपार्टमेंट्स को मिला दिया गया है, अनुमन्य सीमाओं से अधिक निर्माण किया गया है और फ्लोर के खाली छोड़ गये 50 फीसदी एरिया पर कब्ज़ा किया गया है।

इस नोटिस के ख़िलाफ़ कंगना ने निर्माण कंपनी आरकेडब्ल्यू कंस्ट्रक्शन के साथ डिंढोशी सेशंस कोर्ट में स्टे के लिए याचिका दायर की थी। दिसम्बर 2020 में कोर्ट द्वारा याचिका खारिज करने के बाद कंगना ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख़ किया था। सेशंस कोर्ट ने माना था कि तीन फ्लैट्स को मिलाकर एक कर, संक, डक्ट और कॉमन पैसेज को अपनी सुविधानुसार कवर करके कंगना ने निर्धारित प्लान का गंभीर उल्लंघन किया है। 


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