माता-पिता से किस भाषा में बात करती हैं कल्कि कोचलिन? बताया- क्यों पसंद है एक्टिंग
अभिनेत्री कल्कि कोचलिन का मानना है कि बहुसांस्कृतिक परिवेश में पली-बढ़ी होने के कारण उन्हें अपने व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को जानने का अवसर मिला। उन्होंने बताया कि फ्रेंच तमिल और विविध धार्मिक मान्यताओं वाले माहौल में रहने से उन्हें अलग-अलग परिस्थितियों में ढलने और सहानुभूति विकसित करने में मदद मिली जिसका प्रभाव उनके अभिनय में दिखता है।

एंटरटेनमेंट डेस्क, मुंबई। अलग-अलग माहौल में रहने का असर इंसान के व्यक्तित्व पर पड़ता है। 'खो गए हम कहां' फिल्म की अभिनेत्री कल्कि कोचलिन का कहना है कि बहुसांस्कृतिक परवरिश में रहने से उन्हें खुद के विभिन्न पहलुओं को तलाशने का मौका मिला। इस अनुभव ने उन्हें अभिनय में अधिक गहराई लाने में मदद की है।
कल्कि से यह पूछे जाने पर कि क्या आउटसाइडर की तरह महसूस करने से उन्हें भूमिकाओं में अधिक सहानुभूति और गहराई लाने में मदद मिली है?
इस पर कल्कि ने कहा कि मुझे यकीन है कि ऐसा हुआ है। मैं फ्रेंच, तमिल, अंग्रेजी व विविध धार्मिक विश्वास को मानने वाले माहौल में बड़ी हुई हूं। इन सभी ने मुझे विभिन्न परिस्थितियों में खुद को ढालने और अलग होने का मौका दिया है।
माता-पिता से किस भाषा में बात करती हैं कल्कि?
पांडिचेरी में जन्मी फ्रांसीसी माता-पिता की संतान अभिनेत्री कल्कि कोचलिन ने कहा कि मैं माता-पिता के साथ खाने की मेज पर फ्रेंच बोलते हुए बहुत ही अलग व्यक्ति होती, स्कूल में अलग व पड़ोस के बच्चों के साथ खेलते हुए अलग व्यक्ति होती थी।
अभिनेत्री ने कहा कि उनके विविध अनुभवों ने उन्हें खुद के कई अलग- अलग पहलुओं से जुड़ने का मौका दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इसने मुझे एक तरह से अलग-अलग व्यक्तित्वों तक पहुंच बनाने में मदद की है और मुझे वह हिस्सा पसंद है। इसलिए मुझे अभिनय पसंद है। मैं अपने इन सभी अलग-अलग पहलुओं को व्यक्त कर सकती हूं।
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