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    Right To Die अधिकार को मिला Kajol का सपोर्ट, कर्नाटक सरकार के फैसले की सराहना में कही ये बात

    By Anu Singh Edited By: Anu Singh
    Updated: Sun, 02 Feb 2025 03:23 PM (IST)

    हाल ही में कर्नाटक सरकार ने राइट टू डाई फैसले को लेकर एक कानून पास किया है। इस ऐलान के बाद बॉलीवुड एक्ट्रेस काजोल ने अपनी फिल्म सलाम वैंकी के हवाला देते हुए पोस्ट शेयर किया है। आइए आपको बताते हैं क्या होता है राइट टू डाई जिसे कर्नाटक सरकार ने अब लीगल कर दिया है। और इससे लोगों को क्या फायदा मिलेगा ये भी जानने की कोशिश करेंगे।

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    कर्नाटक सरकार का बड़ा फैसला (Photo Credit- Instagram)

    एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस काजोल एक्टिंग के अलावा अपने बेबाक अंदाज के लिए भी जानी जाती हैं। अभिनेत्री किसी भी मुद्दे पर अपनी राय रखने से पीछे नहीं हटती हैं। हाल ही में उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर फिल्म सलाम वेंकी को लेते हुए कर्नाटक सरकार के हालिया फैसले पर अपनी बात कही है।

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    दरअसल, वहां की सरकार ने हाल ही में गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों को सम्मान के साथ मरने का अधिकार (Right to Die with Dignity) देने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू कर दिया है। इस पर एक्ट्रेस ने भी अपनी राय रखी है।

    कर्नाटक सरकार के फैसले पर काजोल सपोर्ट

    अभिनेत्री ने इसे अपनी फिल्म 'सलाम वेंकी' को टैग करते हुए इस फैसले कहा, इस ऐतिहासिक फैसले के साथ, कर्नाटक देश का पहला राज्य बना है जिसने कानूनी रूप ग्रसित मरीजों को सम्मान के साथ मरने का अधिकार को लीगल किया है।'

    Photo Credit- Instagram

    इससे पहले काजोल ने एक दिल छू लेने वाली तस्वीर साझा की थी जिसमें वह अपने बेटे और अपने प्यारे दोस्त के साथ नजर आई थीं। एक्ट्रेस की फिल्म सलाम वेंकी में भी मुख्य किरदार कानूनी रूप से सिस्टम से लड़ता है ताकि उसे सम्मानजनक मौत का मार्ग अपनाने की अनुमति मिल सके।

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    क्या होता है 'राइट टू डाई'?

    कोई मरीज अगर गंभीर और लाइलाज बीमारी से पीड़ित है और एक वक्त के बाद वो जीवन जीने में रुचि नहीं रखता और क्योंकि उसकी बीमारी का कोई इलाज नहीं है तो वो इस कानून के तहत  सम्मान के साथ मरने का अधिकार रखता है। इस दौरान अस्पताल और डॉक्टर उस मरीज के फैसले का सम्मान करने के लिए बाध्य होंगे। डिस्ट्रिक्ट हेल्थ ऑफिसर (DHO) ऐसे केस को प्रमाणित करने के लिए सेकंडरी बोर्ड में न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरो सर्जन, सर्जन, एनेस्थेटिस्ट या इंटेंसिविस्ट को रखेगा। इसी बोर्ड के फैसले के बाद ही मरीज को गरिमा से मृत्यु का अधिकार दिया जाएगा।

    Photo Credit- Instagram 

    गरिमा से मृत्यु का अधिकार और इच्छा मृत्यु आपस में इंटरलिंक्ड हैं। मगर दोनों में काफी अंतर भी है। मृत्यु के अधिकार में किसी व्यक्ति को गरिमा के साथ अपने जीवन के अंतिम क्षणों का फैसले का हक मिलता। इसमें वो तय करता है कि वह आगे अपना इलाज को जारी रखना चाहता है या नहीं।

    Photo Credit- Instagram

    इच्छामृत्यु का मतलब है किसी गंभीर रूप से बीमार या पीड़ित व्यक्ति की जिंदगी को जानबूझकर कुछ तरीकों से समाप्त करना है जिससे उसके दर्द को कम किया जा सके। कानूनी तौर पर इच्छा मृत्यु भारत में अवैध और अपराध है।

    काजोल का वर्क फ्रंट

    काजोल को आखिरी बार कृति सेनन के साथ फिल्म दो पत्ती में देखा गया था। इस फिल्म में उन्होंने पुलिस ऑफिसर की भूमिका निभाई थी। फिल्म की कहानी घरेलू हिंसा के गंभीर विषय को दिखाने की कोशिश करती है। 25 अक्टूबर 2024 को नेटफ्लिक्स पर 'दो पत्ती' रिलीज किया गया था।

    Photo Credit- Instagram

    शशांक चतुर्वेदी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में कृति सेनन ने डबल रोल प्ले किया था। कृति और काजोल के अलावा फिल्म में शहीर शेख ने भी अहम भूमिका निभाई है। 

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