Kader Khan Death Anniversary: इस वजह से कादर खान ने छोड़ दिया था फिल्मों में विलेन बनना, फिर शुरू की थी कॉमेडी
कादर खान हिंदी सिनेमा का एक ऐसा नाम जिसे कभी भूला नहीं जा सकता है। वह अजीज और मशहूर कलाकारों में से एक थे। कादर खान अपनी फिल्म में जिस किरदार को भी अपनाते थे उसकी छाप हमेशा बड़े पर्दे पर बनी रहती थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। कादर खान, हिंदी सिनेमा का एक ऐसा नाम जिसे कभी भूला नहीं जा सकता है। वह अजीज और मशहूर कलाकारों में से एक थे। कादर खान अपनी फिल्म में जिस किरदार को भी अपनाते थे, उसकी छाप हमेशा बड़े पर्दे पर बनी रहती थी। उन्होंने फिल्मों में विलेन से लेकर कॉमेडियन तक, अपने अलग-अलग किरदारों से दर्शकों के दिलों को जीता था।
कादर खान अच्छे कलाकार होने के साथ एक उम्दा डायलॉग्स लेखक भी थे। उन्होंने हिंदी सिनेमा की कई फिल्मों में सदाबहार डायलॉग्स भी लिखे हैं। कादर खान की पुण्यतिथि 31 दिसंबर को होती है। उनका जन्म 22 अक्टूबर 1937 में काबुल अफगानिस्तान में हुआ था। उनका परिवार अफगानिस्तान को छोड़कर भारत के मुंबई में आकर बस गए था। कादर खान का परिवार मुंबई से सबसे गंदे और बदनाम इलाके कमाठीपुरा में रहता था।
कादर खान के घर की माली हालात ठीक नही थी। इसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने पढ़ाई करना शुरू की। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई और फिर कॉलेज में नाटक लिखने लगे थे। कुछ समय बाद कादर खान एक कॉलेज में लेक्चरर बन गए, लेकिन कादर खान ने नाटक लिखना नहीं छोड़ा और देखते ही देखते वह फिल्मों के लिए डायलॉग्स लिखने लगे। शुरुआत में कादर खान ने कई फिल्मों के लिए बेहतरीन डायलॉग्स लिखे।
फिर कुछ वक्त बाद कादर खान फिल्मों में अभिनय करने लगे। अपने करियर की शुरुआत में कादर खान ने कई फिल्मों में विलेन के किरदार किए थे। उनके किरदार को दर्शकों का काफी प्यार मिला था। लेकिन एक समय ऐसा आया जब कादर खान ने विलेन का किरदार करना छोड़ दिया था। उन्होंने विलेन का किरदार न करने का फैसला अपने परिवार और कॉलेज स्टूडेंट्स की वजह से लिया था।
दरअसल कादर खान जब फिल्मों में विलेन का किरदार करते थे तो उनके बेटों को स्कूल में अन्य स्टूडेंट्स चिढ़ाते थे। यहां तक कि एक बार उनके बेटे सरफराज का पिता के विलेन रोल को लेकर झगड़ा भी हो गया था। वहीं कादर खान की पत्नी भी उन्हें फिल्मों में विलेन बनने से रोकने लगी थीं। इतना ही नहीं उनके पूर्व कॉलेज के स्टूडेंट्स भी जब कादर खान से मिलते थे तो उन्हें विलेन का रोल न करने के सलाह देते थे।
इसके बाद कादर खान ने फिल्मों में विलेन के रोल छोड़ कॉमेडी करने लगे। उन्होंने गोविंदा के साथ मिलकर कई फिल्मों में कॉमेडी थी। जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया था। कादर खान ने अपने करियर में दाग, परवीश, सुहाग, कुर्बानी, नसीब, याराना, कुली, आंटी नंबर 1, दुल्हे राजा, अंखियों से गोली मारे और दिवाना मैं दिवाना सहित लगभग 300 फिल्मों में अभिनय और कुछ 250 फिल्मों के डायलॉग लिखे हैं। उन्होंने अपनी ज्यादातर फिल्मों के डायलॉग्स लिखे थे।