क्रिकेटर का बेटा जो अपने एक रोल से बन गया नेशनल क्रश, हाथ से निकल गई थीं 40 फिल्में; लोगों ने कहा - 'बदकिस्मत'
जुगल हंसराज एक भारतीय अभिनेता लेखक और फिल्म निर्माता हैं। उन्होंने शेखर कपूर की फिल्म मासूम (1983) में एक बाल कलाकार के रूप में अपना करियर शुरू किया। एक चाइल्ड एक्टर के तौर पर उन्हें खूब पसंद किया गया। उनके चेहरे का मुख्य आकर्षण थीं उनकी आंखें। लेकिन एक समय लोग उन्हें बदकिस्मत कहकर पुकारते थे जानिए क्यों?

एंटरटेनमेंट डेस्क,नई दिल्ली। जुगल हंसराज बचपन से ही हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा हैं। उन्होंने कई एक्टर्स के लिए चाइल्ड आर्टिस्ट का किरदार निभाया है। लेकिन साल 2000 ने उनके लिए सब कुछ बदल दिया। मोहब्बतें में एक रोमांटिक हीरो की भूमिका ने उन्हें रातोंरात नेशनल क्रश बना दिया।
10 साल की उम्र से कर रहे काम
जुगल जब अपने करियर की पीक पर थे तब उन्होंने लगभग 40 फिल्में साइन कीं। हालांकि, किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और समय के साथ लोग उन्हें 'बदकिस्मत' कहने लगे। 26 जुलाई 1972 को मुंबई में जन्मे जुगल पूर्व क्रिकेटर प्रवीण हंसराज के बेटे हैं। अपने पिता से अलग राह चुनते हुए, उन्होंने 10 साल की उम्र में अभिनय में कदम रखा। 1983 में आई फिल्म मासूम में अपनी भूमिका से उन्होंने नसीरुद्दीन शाह और शबाना आज़मी जैसे दिग्गज अभिनेताओं के साथ अभिनय करते हुए भी सबका दिल जीत लिया।
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मोहब्बतें में शाह रुख के साथ किया काम
लेकिन ये जरूरी नहीं कि जिस एक्टर को लोग चाइल्ड एक्टर के तौर पर पसंद करें वो बड़े होकर भी वही फेम हासिल करे। जुगल ने बतौर मुख्य अभिनेता अपनी शुरुआत उर्मिला मातोंडकर के साथ "आ गले लग जा" से की थी। हालांकि उनकी ऑन-स्क्रीन जोड़ी को पसंद किया गया, लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई। उन्हें असली सफलता सालों बाद "मोहब्बतें" से मिली, जिसमें उन्होंने समीर शर्मा का किरदार निभाया था।
इस अभिनेत्री के साथ उड़ी थी डेटिंग की अफवाह
शाह रुख खान और अमिताभ बच्चन जैसे दिग्गज अभिनेताओं के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर करने के बावजूद जुगल मोहब्बतें में अलग ही नजर आए और अपने किरदार के लिए उन्हें खूब पसंद किया गया। को-एक्टर किम शर्मा के साथ उनकी केमिस्ट्री चर्चा का विषय बन गई। दोनों के बीच असल जिंदगी में रोमांस की अफवाहें भी उड़ीं, लेकिन दोनों में से किसी ने भी इन अटकलों की पुष्टि नहीं की। समीर का उनका किरदार उनके सबसे यादगार प्रदर्शनों में से एक है।
हाथ से निकल गई 40 फिल्में
अफसोस की बात है कि सफलता के बावजूद, उनकी साइन की हुई 40 फिल्मों में से कई या तो बंद हो गईं या कभी रिलीज़ ही नहीं हुईं। इंडस्ट्री में उन्हें एक बदकिस्मत अभिनेता का तमगा मिलने लगा। आईएएनएस की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह छवि कुछ समय तक उनके साथ रही, हालांकि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से इसे कभी अपनी भावनाओं पर हावी नहीं होने दिया। उन्होंने एक बार कहा था, "जो कुछ भी आपके लिए बना है, वह आपके पास आएगा।"
मॉडल के तौर पर भी किया काम
सालों बाद, जुगल ने सैफ अली खान के बेटे इब्राहिम अली खान अभिनीत फिल्म "नादानियां" से वापसी की कोशिश की। लेकिन फिल्म ने कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया और जुगल भी कहीं दबकर रह गए। फिल्मों में कदम रखने से पहले, उन्होंने टीवी और प्रिंट विज्ञापनों में एक मॉडल के रूप में काम किया। इन सालों में उन्होंने निर्देशन और लेखन में भी हाथ आजमाया और फिल्म निर्माण के अन्य क्षेत्रों में भी अपनी छाप छोड़ी। जुगल हंसराज अब अपनी पत्नी और बच्चों के साथ न्यूयॉर्क में रहते हैं।
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