Movies on 1984 Riots: दिलजीत दोसांझ दिखाएंगे 1984 का दर्दनाक मंजर, इन फिल्मों ने भी दिखाया दंगों का दर्द
Movies Based on 1984 Riots 1984 के उस भयावह मंजर को सुनकर आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। 1 नवंबर 1984 को हुए सिख दंगों की कहानी को बड़े पर्दे पर कई बार सहजता से बताया गया है। हाल ही में फिल्म जोगी का ट्रेलर रिलीज किया गया है।

नई दिल्ली, जेएनएन। Movies based on 1984 Riots: मशहूर पंजाबी सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ की फिल्म 'जोगी' 16 सितंबर को ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज होने जा रही है। फिल्म 1984 के सिख विरोधी दंगों पर आधारित है। इसका ट्रेलर जारी कर दिया जा चुका है, जिसमें दिलजीत एक ऐसे व्यक्ति जोगी का किरदार निभा रहा है, जो दंगे में फंसे अपने परिवार और लोगों की जान बचाना चाहता है। फिल्म में दिलजीत के अलावा जीशान अय्यूब, कुमुद मिश्रा और हितेन तेजवानी भी लीड रोल में हैं।
बहरहाल, यह पहली फिल्म नहीं है, जिसकी कहानी की पृष्ठभूमि 1984 के दंगों पर आधारित है। इससे पहले भी कई फिल्में 1984 के उस भयावह मंजर को दिखाती हुई बनाई जा चुकी हैं।
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हवाएं
2003 में आई फिल्म 'हवाएं' सिख दंगों के मुद्दे पर बनाई गई पहली फिल्म थी। इसे अमितोज मान ने निर्देशित किया था। यह फिल्म हिंदी और पंजाबी दोनों ही भाषाओं में रिलीज की गई थी। इसमें बब्बू मान, माही गिल और खुद अमितोज ने भी अभिनय किया था।
पंजाब 1984
निर्देशक अनुराग बसु ने पंजाब के काले दौर 1984 की कहानी को 2014 में बड़े पर्दे पर दिखाया था। इस फिल्म में दिलजीत दोसांझ और किरण खेर मुख्य भूमिका में थे। इसमें दिखाया गया था कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद कैसे निर्दोष सिखों की हत्या कर दी जाती है।
ग्रहण
सत्य व्यास के लोकप्रिय उपन्यास 'चौरासी पंजाब' से प्रेरित वेब सीरीज 'ग्रहण' में भी 1984 के उस मंजर को दिखाया गया है, जिसे सुनकर लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। हालांकि, सीरीज का पूरा फोकस इसी पर नहीं है। 84 के दंगों के अलावा इसमें ऋषि और मनु की प्रेम कहानी को भी दिखाया गया है।
31 अक्टूबर
2016 में शिवाजी लोटन पाटिल के निर्देशन में बनी '31 अक्टूबर' रिलीज हुई थी। फिल्म का शीर्षक उसी तारीख को हुए दंगे पर आधारित रखा गया था। इसकी कहानी 31 अक्टूबर, 1984 की एक सामान्य सुबह से शुरू होती है, जिसमें एक पंजाबी परिवार की दिनचर्या को दिखाया गया है। धीमी गति से चल रही दिल्ली की रफ्तार अचानक तब तेज हो जाती है, जब एकाएक पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की खबर फैल जाती है। सरदारों के प्रति लोगों के नजरिये बदल जाते हैं। फिल्म की कहानी में दिखाया गया है कि कैसे एक पंजाबी परिवार इस नरसंहार में बचाव के तरीके ढूंढता है।
47 टू 84
राजीव शर्मा के निर्देशन में बनी यह फिल्म 30 मई, 2014 को रिलीज हुई थी। इस फिल्म में 1984 के काले मंजर के साथ ही 1947 के भारत-पाकिस्तान के बंटवारे को भी दिखया गया है। फिल्म विभाजन के संग दंगो की दास्तां को समेटे हुए हैं।
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