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    Jeetendra Birthday: हीरोइन का बॉडी डबल बनकर जितेंद्र ने किया था डेब्यू, फिर लगायी इन हिट फिल्मों की झड़ी

    Jeetendra Birthday 30 साल से अधिक के अपने करियर के दौरान जितेंद्र ने एक से बढ़कर एक हिंदी की हिट फिल्म दी है। अभिनेता के 81वें जन्मदिन के मौके पर यहां देखिए जीतेंद्र की कुछ सबसे लोकप्रिय फिल्में...।

    By Ruchi VajpayeeEdited By: Ruchi VajpayeeUpdated: Thu, 06 Apr 2023 04:18 PM (IST)
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    Jeetendra Birthday jeetendra play as Sandhya character double in his debut film

    नई दिल्ली, जेएनएन।Jeetendra Birthday: हिंदी फिल्मों के दिग्गज अभिनेता जितेंद्र अपने जीवन के 81 बसंत देख चुके हैं। 7 अप्रैल, 1942 को एक पंजाबी परिवार में जितेंद्र का जन्म हुआ था। परिवार ने अपने लाडले का नाम रखा रवि। उनका परिवार आर्टिफिशियल ज्वेलरी के बिजनेस में था, जो फिल्म इंडस्ट्री को गहने सप्लाई करते थे और इस तरह जितेंद्र का सिनेमा की दुनिया से परिचय हुआ।

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    बहुत से लोगों के इसके बारे में नहीं पता है, लेकिन एक बार, वी शांताराम को गहने देने गए जितेंद्री पर इस दिग्गज फिल्म डायरेक्टर की नजर पड़ी। फिर उन्हें 1959 की फिल्म 'नवरंग' में संध्या के बॉडी डबल के रूप में लिया गया। इसके बाद जितेंद्र को अपना पहला बड़ा ब्रेक 1964 में वी शांताराम की 'गीत गया पत्थरों ने' से मिला।

    हालांकि, यह 1967 की फिल्म 'फर्ज' थी जिसने उन्हें पॉपुलैरिटी के आसमान पर पहुंचा दिया। तब से अभिनेता के लिए पीछे मुड़कर नहीं देखा। 'फर्ज' के 'मस्त बहारों का मैं आशिक' गाने के लिए उन्होंने एक रिटेल स्टोर से जो टी-शर्ट और सफेद जूते उठाए थे, वही उनका ट्रेडमार्क बन गया।

    30 साल से अधिक के अपने करियर के दौरान, जितेंद्र के सिग्नेचर डांस स्टेप्स ने उन्हें 'बॉलीवुड के जंपिंग जैक' की उपाधि दी। अभिनेता के 81वें जन्मदिन के मौके पर, यहां देखिए जीतेंद्र की कुछ सबसे लोकप्रिय फिल्में:

    मेरे हुजूर (1968)

    राज कुमार और माला सिन्हा जैसे दिग्गज कलाकारों वाली फिल्म में जितेंद्र ने अपने अभिनय से लोगों को भावुक कर दिया। फिल्म का आखिरी सीन ये साबित करने के लिए काफी है कि क्यों इतने दशकों से रवि कपूर यानी जितेंद्र लोगों दिलों पर राज कर रहे हैं।

    परिचय (1972)

    जितेंद्र ने साल 1972 में फिल्म 'परिचय' से अपने अभिनय की छाप छोड़ी। फिल्म में उनके साथ जया बच्चन भी थीं, जो रमा के रोल में नजर आईं। कहानी रवि के पांच बिगड़ैल बच्चों को पढ़ाने के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन्होंने पिछले सभी शिक्षकों को भगा दिया है। फिल्म को दर्शकों ने सराहा और इसे क्रिटिक्स की भी सराहना मिली।

    तोहफा (1984)

    'तोहफा' जितेंद्र और श्रीदेवी की हिट जोड़ी को सिल्वर स्क्रीन पर ले आई। 1984 की क्लासिक के कुछ गाने आजकर हिट है, जिसमें तोहफा तोहफा तोहफा और 'एक आंख मारू तो' शामिल है।

    'हैसियत' (1984)

    इस फिल्म में जितेंद्र एक यूनियन लीडर की भूमिका निभाते हैं, जिसकी शादी भी उसकी बॉस से होती है। जब प्रबंधन और श्रमिकों के बीच संघर्ष होता है, तो जितेंद्र 'राम' को यह तय करना होता है कि उसका कर्तव्य अपनी पत्नी के प्रति है या अपनी यूनियन और श्रमिकों के प्रति। फिल्म में जितेंद्र की एक्टिंग को काफी सराहा गया था।

    मेरे साथी (1985)

    इस फिल्म में जितेंद्र ने एक खूंखार गैंगस्टर रंगा की भूमिका निभाई, जिसे रागिनी (जया प्रदा) पूरी तरह से बदल देती है। ये फिल्म भी काफी चर्चा में रही थी।

    आदमी खिलौना है (1993)

    'आदमी खिलौना है' में जितेंद्र ने रीना रॉय साथ मुख्य भूमिका निभाई थी। फिल्म में गोविंदा और मीनाक्षी शेषाद्रि भी थे। 1993 की रिलीज का निर्देशन जे ओम प्रकाश ने किया था।