Amitabh Jaya Wedding Anniversary: हर सुख-दुख में अमिताभ के साथ रहीं जया, टूटने नहीं दी रिश्ते की जंजीर
Amitabh Jaya Wedding Anniversary अमिताभ बच्चन और जया बच्चन की शादी को 50 साल पूरे हो गए। 3 जून 1973 को जया ने अमिताभ बच्चन का हाथ थामा था और तब से लेकर आज तक हर परिस्थिति में उनके साथ चट्टान की तरह खड़ी रहीं हैं।

नई दिल्ली, जेएनएन। Amitabh Jaya Wedding Anniversary: मांग में सिंदूर भरे, एक चौड़े बॉर्डर वाली साड़ी, हाथ में पूजा की थाली और चेहरे पर शर्मीली सी मुस्कान... 70 के दशक में बॉलीवुड फिल्मों में हिरोइन का डिस्क्रिप्शन कुछ ऐसा ही होता था, एक परफेक्ट भारतीय नारी। पति के लिए व्रत रखने वाली, घर को किसी भी हाल में एक सूत्र में बांधने वाली और बाहर किसी दूसरी औरत के साथ चक्कर के बावजूद, 'मेरा पति मेरा देवता है' टाइप की सोच और मौत के मुंह से अपने सुहाग को छीन कर लाने वाली...
भारतीय नारी की मिसाल
ये सभी गुण आपको हिंदी सिनेमा की एक दिग्गज अभिनेत्री में देखने को मिलेंगे, जिसने रियल लाइफ को सुपर वुमन की तरह जिया है। अपने पति, परिवार और बच्चों के लिए वो सब कुछ किया है, जिसकी कल्पना किसी आदर्श भारतीय नारी से की जाती है। वो हैं अमिताभ बच्चन की धर्मपत्नी जया बच्चन।
जया ने बदली अमिताभ की किस्मत
पर्दे पर अपनी चंचल आंखों से बिना संवाद बोले ही सब कुछ कह जाने वाली जया बच्चन की मुलाकात अमिताभ बच्चन से साल 1970 में पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट में हुई। अमिताभ बच्चन का करियर इस वक्त हिचकोले खा रहा था तो जया उस जमाना में सफलता के अर्श पर थीं। लाइन से फ्लॉप फिल्में देने वाले अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म 'जंजीर' करने के लिए राजी होने वाली जया ने उनकी किस्मत बदल दी। फिल्म सुपरहिट रही और इनके बीच प्यार का अंकुर फूटा।
शादी को हुए 50 साल
3 जून 1973 को दोनों ने परिवार की मांजूरी से सात फेरे लिए। जया बच्चन ने एक सफल अभिनेत्री होने के बावजूद फिल्मों से दूरी बना ली। फिल्म इंडस्ट्री में सफल होने के बाद काम छोड़कर घर संभालने का फैसला लेना किसी के लिए आसान नहीं होता है और जया के लिए भी ऐसा बिल्कुल नहीं रहा होगा। पर उन्होंने अपने परिवार के लिए ये परित्याग किया। लोगों ने बातें बनाईं, लेकिन जया ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
ऐसे पटरी पर लाई शादीशुदा जीवन
जया, घर और बच्चों की परवरिश में व्यस्त हो गई, कि तभी उनके और अमिताभ बच्चन के रिश्ते के बीच एक महीन सी 'रेखा' खिचनी शुरू हो गई। फिल्मों गलियारों में बातें होने लगी ये, 'रेखा' और भी गाढ़ी होती चली गई। जया को भविष्य में आने वाले इस तूफान का अंदाजा भी नहीं था। अखबारों और गॉसिप मैगजीन में इस इश्क को चटखारे लेकर लिखा जाने लगा। लेकिन उस वक्त भी एक भारतीय नारी की तरह जया ने अपने दाम्पत्य को बचा लिया और अपनी शादीशुदा जीवन को पटरी पर ले आईं।
हॉस्पिटल में थे अमिताभ, जया मांग रही थीं दुआएं
26 जुलाई 1982 को बेंगलुरु में 'कुली' फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। एक एक्शन सीन के दौरान अमिताभ बच्चन बुरी तरह घायल हो गए। तीन दिन तक डॉक्टरों को पता ही नहीं चला कि आखिर बिग बी को वो चोट लगी कहां हैं। उनकी धड़कन एक मिनट में 72 की जगह 180 की स्पीड से चलने लगी और वे कोमा में चले गए थे। ऑपरेशन के बाद भी अमिताभ बच्चन की हालत नाजुक बनी हुई थी। ब्रीच कैंडी अस्पताल के बाहर हजारों प्रशंसकों की भीड़ लगी रहती थी। देशभर में उनके लिए प्रार्थनाओं का दौर जारी था।
हर हाल में दिया परिवार का साथ
इस दौरान भी जया ने सत्यवान की सावित्री की तरह अपने पति की दिन रात सेवा की। हर कोई उनकी तारीफ कर रहा था। जाने कितने ही मंदिरों में उन्हें मत्था टेका, पूरे दिन हैरान,परेशान जया के साथ देशभर की दुआएं थीं। आखिरकार अमिताभ बच्चन ठीक होकर घर आ गए और जया बच्चन ने साबित कर दिया कि वो हर परिस्थिति में परिवार के साथ चट्टान की तरह खड़ी हैं।
ऐसा रहा अब तक का सफर
90 के दशक में वो दौर भी आया जब अमिताभ बच्चन आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे। उन्होंने अपनी सारी पूंजी एक फिल्म कंपनी में लगाई और वो डूब गया। इस दौरान भी जया ने अमिताभ बच्चन को पूरा सपोर्ट दिया। बिग बी ने टीवी पर 'कौन बनेगा करोड़पति' करने के हां कहा और जया ने उनके इस फैसले का पूरी तरह से साथ दिया।
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