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    'मैंने सोचा गया काम से...' जब डायरेक्टर को सामने से नहीं पहचान पाए थे Jaaved Jaaferi, मांगनी पड़ी थी माफी

    जावेद जाफरी (Jaaved Jaaferi) को फिल्मों में उनके किरदार के लिए याद रखा जाता है। इन दिनों एक्टर अपनी अपकमिंग वेब सीरीज को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। इस बीच उन्होंने फिल्मी दुनिया से जुड़े कुछ अनुभवों के बारे में बात की। जावेद ने बताया कि जब वह एक पॉपुलर डायरेक्टर को नहीं पहचान पाए थे तो क्या हुआ था।

    By Sahil Ohlyan Edited By: Sahil Ohlyan Updated: Sun, 16 Feb 2025 06:00 AM (IST)
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    जावेद जाफरी जब एक पॉपुलर डायरेक्टर को नहीं पहचान पाए थे (Photo Credit- Jagran)

    प्रियंका सिंह, मुंबई। डिजिटल प्लेटफार्म पर लगातार काम कर रहे जावेद जाफरी (Jaaved Jaaferi) 20 फरवरी से स्ट्रीमिंग के लिए उपलब्ध वेब सीरीज ‘उप्स अब क्या?’ में नजर आएंगे। अपने काम से युवा कलाकारों को टक्कर दे रहे जावेद ने अपने फिल्मी अनुभव से लेकर सीरीज को लेकर खुलकर बात की है।

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    रिटायरमेंट का कोई विचार नहीं

    अभिनय एक ऐसा पेशा है, जहां काम करने की कोई उम्र नहीं होती। जब तक चाहें, काम करते रहें। कभी जिम्मेदारियों ने, तो कभी इस पेशे के प्रति प्यार ने रिटायरमेंट जैसे शब्द को अभिनेता जावेद जाफरी से दूर रखा है। इस पर जावेद कहते हैं, 'रिटायर होने का विचार कभी मेरे मन में नहीं आया। मेरे तीन बच्चे हैं। लोग जब पूछते हैं कि बच्चे कैसे हैं, तो मैं हंसते हुए कहता हूं कि बहुत महंगे हैं। जब आप पर जिम्मेदारियां आ जाती हैं, तो आप आराम के बारे में नहीं सोच सकते। हमारा पेशा ऐसा है कि हम काम न करना अफोर्ड नहीं कर सकते। इस काम में कोई स्थिरता नहीं है। आज काम है, फिर तीन महीने, एक साल तक हो सकता है कि आप खाली बैठे रहें।'

    जरूरतें थकने नहीं देतीं

    जावेद ने एक शेर का जिक्र करते हुए कहा, 'मुझको थकने नहीं देता ये जरूरतों का पहाड़, मेरे बच्चे मुझे बूढ़ा नहीं होने देते हैं।' उन्होंने बताया कि एक-दो हफ्ते की छुट्टियां मना लेना ही काफी है। उससे ज्यादा कभी छुट्टी ली भी नहीं है। उन्हें सक्रिय रहना और काम करना पसंद है। जावेद का मानना है कि दिमाग और शरीर को चलते रहना चाहिए। जहां तक उम्र की बात है, तो युवा महसूस करना एक माइंडसेट है। हालांकि, यह गलतफहमी भी नहीं होनी चाहिए कि आप गुलाटियां मारने लगें। यह वे लोग कर सकते हैं, जिन्होंने जिंदगी भर अपने शरीर को लचीला बनाए रखा है।

    Photo Credit- Instagram

    कलाकारों का काम उन्हें जवां रखता है

    जावेद का मानना है कि कलाकारों को उनका काम ही जवां रखता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, 'अब बच्चन (अमिताभ बच्चन) साहब एक्टिंग, डांस, एक्शन सब कुछ कर रहे हैं। शायद ही कोई ऐसा पेशा होगा, जहां इंसान मरते दम तक काम कर सकता है। जोहरा सहगल जी इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं।'

    इस सर्कस में सब स्टार हैं

    डिजिटल प्लेटफार्म पर कई इन्फ्लुएंसर भी अभिनय कर रहे हैं, जिन्हें कई बार ज्यादा फॉलोवर्स होने की वजह से अभिनय के मौके मिल जाते हैं। इस पर जावेद का मानना है, 'सर्कस में हर तरह के लोग होते हैं। कोई शेर के साथ करतब दिखा रहा है, कोई जोकर है। सब अपना काम कर रहे हैं और सर्कस सबकी वजह से चलता है, इसलिए सब स्टार हैं।'

    एंटरटेनमेंट के बदलते माध्यम

    जावेद का कहना है, 'एंटरटेनमेंट का माध्यम भी कई चीजों से चलता है। पहले केवल फिल्में होती थीं, फिर टीवी आया, अब डिजिटल प्लेटफार्म और इंटरनेट मीडिया है। हर चीज की अपनी जगह है। कोई शॉर्ट वीडियो देखना हो या टाइम पास करना हो, तो इंटरनेट मीडिया पेज खोल सकते हैं। लेकिन जब कहानी देखनी हो, अलग दुनिया का अनुभव करना हो, तो वेब सीरीज या बड़े पर्दे पर जाकर फिल्म देखना बेहतर होता है, जहां जबरदस्त साउंड और 100 लोगों के साथ बैठकर कहानी का अनुभव लिया जा सकता है। कोई भी किसी के काम के ऊपर नहीं जा रहा है, सबके अलग क्षेत्र हैं।'

    Photo Credit- Instagram

    जीवन में कभी कोई ‘उप्स’ पल आया है?

    इस पर जावेद हंसते हुए कहते हैं, 'हां, मेरी एक दिक्कत है कि मुझे चेहरे और नाम ज्यादा याद नहीं रहते हैं। एक बार एक साहब मेरे पास आकर बोले, आपका इंटरव्यू देखा, काफी अच्छा था। मैंने उन्हें थैंक यू कहा और पूछा, ‘आप क्या करते हैं? उन्होंने जवाब दिया, ‘मैं फिल्म निर्देशक हूं।’ मैंने सोचा, गया काम से! फिर माफी मांगते हुए कहा कि आपके साथ काम नहीं किया है, न ही आपकी फोटो देखी है, तो चेहरे से पहचान नहीं पाया। उन्होंने भी सहजता से कहा, ‘कोई बात नहीं।'

    जीवन के मजेदार पल

    जावेद ने आगे बताया, 'कई बार पार्टी में भी ऐसा होता है। पत्नी जब साथ होती हैं, तो वह बता देती हैं कि अब जिससे मिल रहे हो, उससे पहले भी मिल चुके हो।” जावेद की ईमानदारी और सरलता उनके व्यक्तित्व को और भी खास बनाती है।'