'हीरामंडी' की रिलीज से पहले बोले संजय लीला भंसाली बोले- 'महिलाओं को सुनने की है जरूरत'
संजय लीला भंसाली बॉलीवुड के सेलिब्रेटेड डायरेक्टर माने जाते हैं। एक दो फिल्मों को छोड़ दिया जाए तो उनकी हर फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता के झंडे गाढ़े हैं। इन दिनों डायरेक्टर हीरामंडी को लेकर लाइमलाइट में हैं। ये फिल्म तवायफों की जिंदगी पर आधारित है। मगर हीरामंडी की रिलीज से पहले संजय लीला भंसाली की ही गंगूबाई काठियावाड़ी ने विदेश में कमाल किया है।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। संजय लीला भंसाली ने हिंदी ऑडियंस और बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं। उनकी मूवी का कॉन्सेप्ट कुछ भी हो। कहानी से लेकर एक्टर्स के कॉस्ट्यूम और इस्तेमाल किए जाने वाले प्रॉप तक पर बारिकी से काम किया जाता है।
संजय लीला भंसाली इन दिनों 'हीरामंडी: द डायमंड बाजार' को लेकर लाइमलाइट में हैं। यह फिल्म लाहौर के शाही मोहल्ला 'हीरामंडी' में तवायफों की कहानी दिखाएगी। इसी के साथ भंसाली अपनी एक फिल्म को लेकर चर्चा में आ गए हैं। 2022 में उनकी और आलिया भट्ट के करियर की भी ब्लॉकबस्टर फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' रिलीज हुई थी।
'गंगूबाई काठियावाड़ी' का विदेश में जलवा
'गंगूबाई काठियावाड़ी' को घरेलू बॉक्स ऑफिस पर अपार सफलता मिली थी। वहीं, अब फिल्म का जादू लॉस एंजेलिस में भी चला है। वहां के एयरो थिएटर में संजय लीला भंसाली की फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। जो फिल्में दिखाई गईं, उनमें 'गंगूबाई काठियावाड़ी' ने लोगों का ध्यान सबसे ज्यादा खींचा।'गंगूबाई काठियावाड़ी' के बाद अपकमिंग रिलीज 'हीरामंडी: द डायमंड बाजार' की झलक देखने मिली। 'गंगूबाई काठियावाड़ी' में देह व्यापार करने वाली महिला की कहानी दिखाई गई थी। वहीं 'हीरामंडी' में कोठे में नाचने वाली महिलाओं की स्टोरी दिखाई जाएगी। अपनी फिल्मों में महिलाओं को अलग लेकिन स्ट्रॉन्ग रूप से प्रेजेंट करने वाले संजय लीला भंसाली ने महिला किरदारों पर अपनी बात रखी।
'महिलाओं को सुनने की जरूरत'
'हीरामंडी: द डायमंड बाजार' 1 मई को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो रही है। इस प्रोजक्ट के साथ संजय लीला भंसाली ओटीटी स्पेस में डेब्यू करेंगे।संजय लीला भंसाली ने कहा, "मेरी फिल्में मजबूत महिला किरदारों पर आधारित है। हां हम उस जगह से आते हैं जहां देवी की पूजा की जाती है। मैंने कुछ बहुत बहुत मजबूत महिलाएं अपने जीवन में देखी हैं। महिलाओं को सुनने की जरूरत है, उनकी तरफ देखे जाने की जरूरत है और उनकी कहानी कहे जाने की जरूरत है। वह इंसानियत की निर्माता हैं। हम सभी उन्ही से आए हैं।''