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फिल्मों की कहानी पर भारी पड़ता था हेमंत कुमार का संगीत, एयर इंडिया ने दिया था डेली पैसेंजर का खिताब

हेमंत दा की आवाज और संगीत इनता जबरदस्त था कि हर इंसान खुद को उससे जोड़ लेता था। यही वजह थी जो मशहूर संगीतकार सलिल चौधरी ने उनके लिए कहा था कि अगर भगवान भी जमीन पर अगर गाता तो हेमंत दा की आवाज में गाता।

By Anand KashyapEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 12:03 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 12:03 PM (IST)
फिल्मों की कहानी पर भारी पड़ता था हेमंत कुमार का संगीत, एयर इंडिया ने दिया था डेली पैसेंजर का खिताब
हिंदी संगीत और सिनेमा के मशहूर संगीतकार हेमंत कुमार, Instagram: bollywood.retroandtvfan

नई दिल्ली, जेएनएन। हेमंत कुमार, हिंदी संगीत और सिनेमा का ऐसा नाम जिसकी आवाज ने कई लोगों की मोहब्बत के गुलिस्तां बना दिए थे। एक ऐसे गायक, संगीत निर्माता-निर्देशक और फिल्म निर्माता, जिनके गानों से फिल्में हिट हो जाती थीं। हेमंत कुमार ने 50 और 60 के दशक में हिंदी फिल्मों में ऐसा संगीत दिया, जिसके कायल आज भी बहुत से संगीत प्रेमी हैं। उन्हें ज्यादातर लोग हेमंत दा कहकर पुकारते थे।

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हेमंत दा की आवाज और संगीत इनता जबरदस्त था कि हर इंसान खुद को उससे जोड़ लेता था। यही वजह थी जो मशहूर संगीतकार सलिल चौधरी ने उनके लिए कहा था कि अगर भगवान भी जमीन पर अगर गाता तो हेमंत दा की आवाज में गाता। उन्हें अपने शुरुआती करियर में शानदार संगीत और गानों से बंगाली सिनेमा में ऐसी छाप छोड़ी, जिसको कोई दूसरा गायक कभी नहीं मिटा सका। वहीं हिंदी सिनेमा में संगीतकार के तौर पर हेमंत दा की सफलता की शुरुआत फिल्मिस्तान स्टूडियो की फिल्म 'नागिन' से हुई थी।

यह फिल्म साल 1954 में आई थी। फिल्म 'नागिन' में लता मंगेशकर की आवाज में 'मन डोले मेरा तन डोले' गाने ने इतनी लोकप्रियता बटोरी कि इस फिल्म को हिट करवाया दिया था। इस गाने को हेमंत दा ने कंपोज किया था। वहीं फिल्म के निर्माता शशिधर मुखर्जी ने जब देखा कि 'नागिन' को सिनेमाघरों में दर्शकों की ठंडी प्रतिक्रिया मिल रही है तो उन्होंने इसके संगीत के एक हजार रिकार्ड्स होटलों और रेस्टोरेंट में मुफ्त में बंटवा दिए थे। इसके बाद जब फिल्म के गाने लोगों के दिलों को छूने लगे तो सिनेमाघरों में दर्शकों की भीड़ टूटने लगी थी और देखते ही देखते फिल्म 'नागिन' हिट हो गई थी।

'मन डोले मेरा तन डोले' की सफलता के बाद आलम यह हो गया कि हेमंत दा हिंदी सिनेमा और संगीत के सबसे ज्यादा व्यस्त रहने वाले संगीतकार बन गए थे। कहा जाता है कि वह इतना व्यस्त करने लगे थे कि बहुत बार उन्हें रोजाना हवाई जहाज पकड़कर मुंबई और कोलकाता के बीच सफर करना पड़ता था। मशहूर लेखक पंकज राग ने अपनी किताब 'धुनों की यात्रा' में जिक्र किया है कि, 'एयर इंडिया ने उन्हें डेली पैसेंजर का खिताब दे दिया था।' वहीं हेमंत दा के संगीत का परवान लोगों के दिलों-दिमाग में चढ़ता जा रहा था।

मशहूर गायिका लता मंगेशकर ने एक बार हेमंत दा के लिए कहा था कि वह जब गाते थे तो ऐसा लगता था कोई पुजारी मंदिर में बैठकर गा रहा है। इनके अलावा हेमंत दा रहस्मयी और रोमांचक फिल्में बनाने पर ज्यादा विश्वास रखते थे। और कमाल की बात यह है कि उनकी उन फिल्मों का संगीत कहानी पर भारी पड़ता था। हेमंत दा ने 'एक बार जरा फिर कह दो', 'मुझे शरमा के तुम दीवाना', 'है अपना दिल तो आवारा न जाने किस पे आएगा','बेकरार करके हमें यूं न जाइए','भंवरा बड़ा नादान है' और 'पिया ऐसो जिया में समाय गयो रे' सहित कई शानदार गानों को गाया और कंपोज किया था।  


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