ऑस्कर अवार्ड जीतने के बाद Guneet Monga को किया गया अस्पताल में भर्ती, RRR के म्यूजिक डायरेक्टर का खुलासा
Guneet Monga Hospitalized निर्माता गुनीत मोंगा की शार्ट फिल्म द एलीफेंट विस्परर को बेस्ट डॉक्युमेंट्री का पुरस्कार दिया गया है। इसका निर्देशन कार्तिकी गोंसाल्विस ने किया था। अवार्ड्स शो के बाद उन्हें अपस्ताल में भर्ती कराया गया था।
नई दिल्ली, जेएनएन। Guneet Monga Hospitalized: ऑस्कर पुरस्कार जीतने के बाद फिल्म निर्माता गुनीत मोंगा को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके पीछे कारण यह है कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी। इस बात का खुलासा एमएम कीरावानी ने किया है। उन्होंने एक इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्होंने बताया है कि गुनीत मोंगा को सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने यह भी कहा कि ऑस्कर में जीत के बाद उनकी स्पीच को काट दिया गया था।
भारत ने दो ऑस्कर पुरस्कार जीते हैं
गौरतलब है कि भारत ने पंचानवे एकेडमी अवार्ड में इतिहास रच दिया है। भारत ने दो ऑस्कर पुरस्कार जीते हैं। पहला आरआरआर फिल्म के गाने नाटू-नाटू के लिए बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग केटेगरी में दिया गया है। वहीं, दूसरा बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट्स के लिए मिला है। एमएम कीरावानी ने अवार्ड स्टेज पर जाकर स्वीकार किया था। इसके साथ उन्होंने फिल्म के निर्देशक एसएस राजामौली का आभार व्यक्त किया था।
गुनीत मोंगा को अस्पताल में भर्ती कराया गया था
जब गुनीत मोंगा स्टेज पर बोलने आई। तब टाइम की कमी की वजह से उनकी स्पीच को कट शॉट कर दिया गया था। इसके चलते कई लोगों ने ऑस्कर पुरस्कार को भी ट्रोल किया था। पुनीत को लेकर अब एमएम कीरावानी ने एक नया इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्हें खुलासा किया है कि गुनीत को उस घटना के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया क्योंकि उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी। इसके पहले गुनीत मोंगा ने इस बात को बताया था कि ऑस्कर पुरस्कार जीतने के बाद उनके चेहरे पर शॉक का भाव था।
गुनीत मोंगा कहती हैं, 'मेरे चेहरे पर सदमे का भाव था'
गुनीत मोंगा कहती हैं, 'मेरे चेहरे पर सदमे का भाव था। मैं बस यह कहना चाहती हूं कि भारत की पहली प्रोडक्शन को ऑस्कर मिला है जो कि बहुत बड़ी बात है। मेरा दिल जोरो-जोरो से धड़कने लगा था। मैं बहुत दूर से आई थी लेकिन मेरी बात नहीं सुनी गई। वेस्टर्न मीडिया अकेडमी अवॉर्ड को लताड़ रही है कि उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी। कई लोगों को बुरा लगा कि मुझे मेरी बात रखने का अवसर नहीं दिया गया। यह भारत का क्षण था, जिसे मुझसे छीन लिया गया।'