Gulshan Grover के लाडले रखने जा रहे हैं बॉलीवुड में कदम, जानिए किस फिल्म से होगी उनकी शुरुआत?
अभिनेता गुलशन ग्रोवर अपनी आने वाली पारिवारिक फिल्म हीर एक्सप्रेस को लेकर उत्साहित हैं जिसके सह-निर्माता उनके बेटे संजय ग्रोवर हैं। गुलशन ने फिल्म निर्माण में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और आज की पीढ़ी की चुनौतियों पर बात की। उन्होंने सिनेमा के बदलते स्वरूप पर भी अपने विचार व्यक्त किए और बताया कि लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं

स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। बैडमैन के नाम से विख्यात अभिनेता गुलशन ग्रोवर ने कई सकारात्मक भूमिकाएं भी निभाई हैं। अब वह पारिवारिक फिल्म ‘हीर एक्सप्रेस’ में आएंगे नजर। इस फिल्म के सह निर्माता उनके बेटे संजय ग्रोवर हैं। बतौर निर्माता संजय की यह पहली हिंदी फिल्म है, जिसके बारे में अब हाल ही में गुलशन ग्रोवर ने बात की है।
आज के समय में बहुत कॉम्पिटिशन है
100 से ज्यादा फिल्मों का हिस्सा रहे गुलशन ग्रोवर खुद को पहली बार स्क्रीन पर देखने का अनुभव साझा करते हैं, ‘मेरी शुरुआत बहुत छोटे-छोटे रोल से हुई। मुझे कभी खुद को सहज होकर देखने का मौका नहीं मिला कि उसका मजा ले सकूं, मूल्यांकन कर सकूं कि यह मैंने ठीक नहीं किया। उसमें मुझे काफी समय लगा।
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फिल्म ‘अवतार’ में मुझे समझ आया कि यह मेरा लुक और पात्र है। उस समय मुझमें ज्यादा आत्मविश्वास नहीं था, मगर आज की पीढ़ी अलग है। अपने बेटे के संदर्भ में भी यही कहना चाहता हूं कि आज की जो पीढ़ी है वो बहुत ही जागरूक है। उसका एक्सपोजर भी ज्यादा है, लेकिन उनकी चुनौतियां हमसे ज्यादा है क्योंकि अब कांप्टीशन बहुत बढ़ गया है। आपको रिप्लेस करना आसान हो गया है। बस एक क्लिक में आपको बहुत सारे रिप्लेसमेंट मिल जाएंगे।’
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कब रिलीज होगी फिल्म 'हीर एक्सप्रेस'?
सिनेमा के बदलते मायने को लेकर गुलशन कहते हैं, ‘अलग-अलग जॉनर हैं। अलग-अलग विषय पर फिल्में बन रही हैं। उसकी अपनी आडियंस है। जैसे मैं दुनिया को डराता हूं, लेकिन मैं हॉरर फिल्म नहीं देख सकता। मैं बहुत इमोशनल फिल्म भी नहीं देख सकता क्योंकि मैं सिनेमाघर में इतने जोर-जोर से रोता हूं कि लोग टिप्पणी करने लगते हैं कि यह कैसा खलनायक है?’
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‘हीर एक्सप्रेस’ आठ अगस्त को प्रदर्शित हो रही है। तब फ्रेंडशिप वीक मनाया जा रहा होगा। किसी दोस्त की गलती को माफ न कर पाने के सवाल पर गुलशन कहते हैं, ‘अगर आपको दोस्त से शिकवा-शिकायत नहीं है तो कहीं न कहीं कुछ कमी है। दोस्तों से शिकायत या नाराज होना बहुत ही स्वाभाविक है। यह हर दोस्ती में होता है। आपके सब दोस्त अलग होते हैं, आप उनकी संवेदना के स्तर को जानते हैं। मुझे अपने दोस्तों से माफी मांगने में कोई दिक्कत नहीं होती।’
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