Gufi Paintal Death: कभी असल जिंदगी में आर्मी ऑफिसर बनकर की देश की रक्षा, माइथोलॉजिकल शो संग रहा खास कनेक्शन
Gufi Paintal Passes Away 1988 में बीआर चोपड़ा की महाभारत में शकुनि मामा का किरदार निभाकर घर-घर में लोकप्रिय हुए गूफी पेंटल का 78 साल की उम्र में निधन हो गया। जानिए एक्टर की निजी जिंदगी और प्रोफेशनल लाइफ के बारे में कुछ दिलचस्प बातें।
नई दिल्ली, जेएनएन। Gufi Paintal Death: बीआर चोपड़ा की महाभारत में 'शकुनि मामा' का किरदार निभाकर घर-घर में लोकप्रिय हुए गूफी पेंटल का 78 साल की उम्र में निधन हो गया। कुछ दिनों पहले ही उनकी करीबी दोस्त टीना घई ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए उनके अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी फैंस के साथ शेयर की थी।
5 जून 2023 दिल और किडनी संबंधी बीमारी की वजह से उनका निधन हो गया। गूफी पेंटल का बॉलीवुड और टेलीविजन में एक लंबा सफर रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मनोरंजन इंडस्ट्री में अपना करियर शुरू करने से पहले गूफी पेंटल एक आर्मी ऑफिसर रह चुके हैं। जानिए उनकी निजी जिंदगी और प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।
पंजाब में हुआ था गूफी पेंटल का जन्म
गूफी पेंटल का जन्म 4 अक्टूबर 1944 में तर्न तरन, पंजाब में हुआ था। उनका असली नाम सरबजीत सिंह पेंटल था। गूफी पेंटल ने फिल्मों में आने से पहले इंजीनियरिंग में अपनी पढ़ाई पूरी की, लेकिन बचपन से ही कला के क्षेत्र में दिलचस्पी रखने वाले गूफी पेंटल ने अपने छोटे भाई के नक्शे कदम को फॉलो करते हुए फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से एक्टिंग का कोर्स किया।
बतौर अभिनेता इंडस्ट्री में पहचान बनाने वाले गूफी पेंटल सिर्फ एक्टर होने के साथ-साथ कास्टिंग डायरेक्टर, मॉडल, असिस्टेंट डायरेक्टर और डायरेक्टर के तौर पर काम कर चुके हैं। उन्होंने सिर्फ पर्दे पर ही 'शकुनि मामा' का किरदार नहीं निभाया, बल्कि एक न्यूज चैनल पर पॉलिटिकल डिस्कशन में वह 'शकुनि मामा' बनकर शो कर चुके हैं।
फिल्मों में आने से पहले आर्मी में थे गूफी पेंटल
गूफी पटेल ने एक मीडिया पोर्टल को दिए गए इंटरव्यू में अपनी जिंदगी से जुड़ी कई दिलचस्प बातें बताई थीं। उन्होंने बताया था कि वह इंडस्ट्री में आने से पहले आर्मी में थे। गूफी पेंटल ने अपनी आर्मी की जर्नी बताते हुए कहा था कि जब 1962 में भारत और चीन के बीच जंग छिड़ी थी, तो उस दौरान वह अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे।
उस समय कॉलेज में आर्मी के लिए भर्ती किया जा रहा था। गूफी पेंटल ने बताया कि वह हमेशा से आर्मी में जाने के इच्छुक थे। जब वह आर्मी में भर्ती हुए तो उनकी पोस्टिंग चीन बॉर्डर पर आर्मी आर्टिलरी में हुई।
बॉर्डर पर करते थे रामलीला
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने बताया था कि उन्हें एक्टिंग का शौक भी शुरुआत से था, इसलिए वह बॉर्डर पर ही रामलीला करते थे। उन्होंने बताया कि उनके समय पर बॉर्डर पर मनोरंजन के लिए टीवी या रेडियो नहीं हुआ करते थे, जिसकी वह से वह वहीं पर रामलीला करते थे, जिसमें वह हमेशा सीता का किरदार निभाते थे और रावण स्कूटर पर आकर उनका अपहरण करता था। यही से उन्हें एक्टिंग में थोड़ी बहुत ट्रेनिंग मिली थी।
इस फिल्म से किया था अपना करियर शुरू
गूफी पेंटल ने साल 1975 में फिल्म 'रफू चक्कर' से अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने दिल्लगी, देस-परदेस, सुहाग, दावा जैसी कई फिल्मों में काम किया। इसके बाद उन्होंने साल 1986 में 'बहादुर शाह जफर', दूरदर्शन के सीरियल के साथ अपनी शुरुआत की।
हालांकि, उन्हें जो असली पहचान मिली, वह 1988 में आए बीआर चोपड़ा के शो 'महाभारत' से मिली। इस शो में उन्होंने शकुनि मामा का किरदार निभाया। इसके बाद उन्होंने कानून, ओम नमः शिवाय, मिसेज कौशिक के पांच बहुएं सहित का शोज में काम किया।
माइथोलॉजिकल शो के साथ रहा खास कनेक्शन
बीआर चोपड़ा के शो महाभारत में बाय चांस 'शकुनि मामा' का किरदार पाने वाले गूफी पेंटल का माइथोलॉजिकल शो से एक अलग जुड़ाव रहा है। उन्होंने अपने करियर में कई माइथोलॉजिकल शो किये है। 1988 में महाभारत में 'शकुनि मामा' का किरदार निभा चुके गूफी पेंटल ने साल 1997 में दूरदर्शन की टीवी सीरीज 'ओम नमः शिवाय' में फिर काम किया।
इसके अलावा साल 2011 में उन्होंने 'द्वारकेश भगवान श्रीकृष्ण' में भी शकुनि का किरदार निभाया था। साल 2016 में उन्होंने 'कर्मफलदाता- शनि' में काम किया, जिसमें उन्होंने 'विश्वकर्मा' का किरदार अदा किया था। इसके बाद उन्होंने जितने भी शोज किये जैसे- कर्ण संगिनी, राधा कृष्णा, जय कन्हैया लाल की सभी माइथोलॉजिकल शो थे। जय कन्हैया लाल की उनका आखिरी शो था।
महाभारत को-स्टार पंकज धीर की एकेडमी के थे हेड
बड़े-बड़े सीरियल्स में अहम किरदार निभाने वाले गूफी पेंटल ने 'श्रीचैतन्य महाप्रभु' फिल्म डायरेक्ट की थी, इसके अलावा वह अपने महाभारत के को-स्टार पंकज धीर के अभिनय एक्टिंग एकेडमी स्कूल के हेड भी थे।