Gadar 2 Tara Singh: 'गदर' में इस सोल्जर से प्रेरित थी 'तारा सिंह' की कहानी, दर्द भरी है प्यार की असली दास्तां
Gadar 2 Tara Singh सनी देओल तारा सिंह बनकर एक बार फिर से फैंस के दिलों पर छा गए हैं। उनकी और सकीना की जोड़ी को 22 साल बाद भी फैंस वही प्यार दे रहे हैं। साल 2001 में रिलीज हुई गदर एक प्रेम कथा ने बॉक्स ऑफिस पर उस समय धमाल मचाया था लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसमें सनी देओल का किरदार असल जिंदगी से प्रेरित था।
नई दिल्ली, जेएनएन। Gadar 2 Tara Singh: सनी देओल की 'गदर 2' इस वक्त सिनेमाघरों में धूम मचा रही है। इस फिल्म ने महज 5 दिनों में 200 करोड़ से ज्यादा का बिजनेस इंडियन बॉक्स ऑफिस और वर्ल्डवाइड कर लिया है। 11 अगस्त को ये एक्शन ड्रामा फिल्म OMG 2 से थिएटर में टकराई थी।
सनी देओल और अमीषा पटेल 22 साल के बाद सकीना और तारा सिंह के किरदार में लौटे हैं। साल 2001 में सनी देओल 'तारा सिंह' बनकर स्क्रीन पर आए थे, उनका ये किरदार अब फैंस के लिए एक इमोशन बन चुका है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि सनी देओल की फिल्म 'गदर-एक प्रेम कथा' असल जिंदगी के एक फेमस कपल से प्रेरित कहानी है।
इस सोल्जर से प्रेरित था सनी देओल का 'तारा सिंह' का कैरेक्टर
हाल ही में अनिल शर्मा ने बताया था कि उनकी गदर और गदर 2 की कहानी की 'रामायण' और 'महाभारत' से प्रेरित है। अब हालिया रिपोर्ट्स की मानें तो' गदर-एक प्रेम कथा' की कहानी और उसमें सनी देओल का 'तारा सिंह' का किरदार ब्रिटिश आर्मी में तैनात पूर्व सैनिक बूटा सिंह की असल जिंदगी की कहानी से इंस्पायर था।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बूटा सिंह जालंधर, पंजाब में जन्में थे। जिस दौरान इंडिया और पाकिस्तान का बंटवारा हो रहा था और कई मुस्लिम परिवारों को खदेड़ा जा रहा था, तो उस दौरान बूटा सिंह ने 'जैनब' नाम की मुस्लिम लड़की की जान बचाई थी।
जैसा कि गदर में दिखाया है कि तारा सिंह-सकीना को अपने घर में पनाह देता है। रिपोर्ट्स की मानें तो ऐसा ही कुछ बूटा सिंह की जिंदगी में भी हुआ, जहां उन्होंने 'जैनब' को अपने घर में पनाह दी और धीरे-धीरे दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया और उसके बाद दोनों शादी के बंधन में बंध गए।
भारत-पाकिस्तान के समझौते में बिछड़ गए बूटा सिंह-जैनब
एक लेख के मुताबिक अलग होने के करीब एक दशक बाद जब भारत-पाकिस्तान सरकार ने ये निर्णय लिया कि दोनों तरफ की महिलाओं, जिनको अगवा किया गया था, उन्हें ढूंढकर उनके घर पहुंचाया जाएगा, तो उसमें जैनब को भी मन मारकर अपने परिवार के पास पाकिस्तान में लौटना पड़ा।
रिपोर्ट्स की मानें तो बूटा सिंह के भतीजे ने जैनब के इंडिया में होने के बारे में जांच करने वालों को बता दिया था। रिपोर्ट्स की मानें तो जैनब लाहौर में अपने परिवार से मिली, लेकिन कुछ सालों बाद जब उनके माता-पिता का निधन हुआ, तो जैनब की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई और उनकी बहन उनकी ज्यादाद की कानूनी रूप से हकदार बन गईं।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बूटा सिंह के पास एक पत्र आया था, जिसमें जैनब की दूसरी शादी के बारे में लिखा था, जिसके बाद बूटा सिंह ने खुद पाकिस्तान जाकर अपनी पत्नी को अपने साथ लाने का निर्णय लिया था।
जैनब ने बूटा सिंह संग जाने से किया था इनकार?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बूटा सिंह ने दिल्ली में अधिकारियों से उनकी पत्नी को वापस बुलाने की गुजारिश की, लेकिन अंततः जब उनके सामने कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा तो उन्होंने इस्लाम धर्म अपनाया और गैर कानूनी तरह से वह पाकिस्तान अपने बच्चों और पत्नी को लाने के लिए गए।
जब बूटा सिंह वहां पर पहुंचे तो जैनब के परिवार ने उन्हें अपने परिवार का हिस्सा बनाने से मना करते हुए उन्हें पाकिस्तानी पुलिस के हवाले कर दिया। ऐसा कहा जाता है बूटा सिंह से प्यार करने के बावजूद कोर्ट के दबाव में जैनब ने खुद उनके साथ जाने से इनकार कर दिया, लेकिन बेटी को उनके साथ भेज दिया।
ऐसा कहा जाता है कि अपनी मोहब्बत से इस जुदाई को बूटा सिंह नहीं बर्दाश्त कर पाए और उन्होंने सामने से आ रही ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी। जैनब और बूटा सिंह की दो बेटियां हैं, जिनका नाम तनवीर और दिलवीर है। ऐसा कहा जाता है कि उनका परिवार कभी भी जैनब और बूटा सिंह की दर्दनाक लव स्टोरी पर बात नहीं करते।