जब नवाब बने थे Sholay के 'गब्बर सिंह', Amjad Khan का ये किरदार देख इमोशनल हो गए थे सत्यजीत रे
Satyajit Ray on Amjad Khan हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में जब भी मशहूर खलनायकों की बात होगी तो उसमें अमजद खान का नाम जरूर शामिल होगा। यू्ं तो अमजद खान ने अपने करियर में कई बेहतरीन करिदार दिए। मगर पहचान उन्हें गब्बर सिंह ने ही दिलाई। आज दिग्गज अभिनेता की 84वीं पुण्यतिथि है। उनके अभिनय में इतना दम था कि सत्यजीत रे की आंखो में भी आंसू आ गए थे।
नई दिल्ली: Satyajit Ray on Amjad Khan: ‘कितने आदमी थे रे सांबा' ये डायलॉग तो आप लोगों ने सुना ही होगा। अमजद खान आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। आज उनकी 84वीं पुण्यतिथि है। दर्शकों के दिलों में उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई थी जो आज भी बरकरार है। अमजद खान नाम इंडस्ट्री के उन लोगों में शामिल है जिन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट डेब्यू किया था। आज उन्हें गब्बर सिंह के रोल से याद किया जाता है। हालांकि दिवंगत अभिनेता ने अपने करियर में इससे कई बेहतर फिल्मों में काम किया। लेकिन गब्बर सिंह के कारण उनके बाकी करिदार कहीं खोए नजर आते हैं।
क्रूर विलेन छोड़ जब बने नवाब वाजीद अली शाह
साल 1977 में रिलीज हुई फिल्म 'शतरंज के खिलाड़ी' में जब क्रूर और खतरनाक विलेन के रोल से कोहराम मचाने वाले अमजद खान को दर्शकों ने 'नवाब वाजीद अली शाह' के रोल में देखा तो हर कोई हैरान रह गया। एक्टर के इस रोल में काफी गहराई थी। वाजीद अली शाह की किरदार निभाते हुए वे कहते हैं,
'जब छोड़ चले लखनऊ नगरी...कहें हाल की हम पर क्या गुजरी...'।
ये उनका बेहतरीन अभिनय ही था जिसने खुद फिल्म के निर्देशन सत्यजीत रे को भावुक कर दिया। इसी फिल्म में उन्होंने एक मजेदार डायलॉग कहा था जिसपर आज भी सिनेमा प्रेमी ठहाके लगाते हैं। वो अपने वजीर जो गुमसुम सिंसकियां भर रहे थे की चुटकी लेते हुए कहते हैं, क्या हुआ, रेजीडेंट साहब ने कोई गजल तो नहीं सुना दी'।
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फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते थे अमजद खान
अमजद खान के बेहतरीन एक्टर होने के साथ साथ काफी पढ़े लिखे इंसान थे। उन्हें उन हॉलीवुड से आए लोगों से संपर्क करने का काम भी दिया गया था जिन्हें निर्देशक रमेश सिप्पी ने एक्शन के लिए भेजा था। ऐसी इसलिए की वो सेट पर इकलौते ऐसे इंसान थे जिन्हें फर्राटेदार अंग्रेजी बोलनी आती थी। अमजद खान एक्टर का काम एक्टिंस से काफी ज्यादा और बेहतर था।
Photo Credit- IMDb
51 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन
अपने 50 साल के करियर में दिवंगत एक्टर ने कई फिल्मों में काम किया जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने अपने 20 साल के फिल्मी करियर में 132 से अधिक फिल्मों में काम किया है। वे अभिनेता जयंत के बेटे थे। पर्दे पर उन्हें ज्यादातर विलेन के रोल में भी ही देखा गया। जुलाई 1992 में, 51 वर्ष की उम्र में, दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था।
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