कौन थी रोल्स रॉयस खरीदने वाली पहली भारतीय एक्ट्रेस, पहली सैलरी थी महज 1200 रुपये
हिंदी सिनेमा में मधुबाला और नरगिस जैसी दिग्गज अदाकाराओं के बारे में खूब बात होती है। मगर इस इंडस्ट्री में एक एक्ट्रेस ऐसी भी रहीं शुरुआत तो शानदार की लेकिन अचानक कहीं गायब हो गईं। आज हम आपको उस एक्ट्रेस के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने सादगी के उस जमाने में बोल्ड किरदारों को चूज किया और लग्जरी कार खरीदने वाली पहली अभिनेत्री बन गईं।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। 1950 के दशक में इराक की राजधानी बगदाद से एक ऐसी अदाकारी मुंबई की मायानगरी में कदम रखा और देखते ही देखते हिंदी सिनेमा जगत पर छा गई थी। उस जमाने में जब अभिनेत्रियां सादगी भरे अंदाज से फैंस का दिल जीत लेती थीं। उस दौरान इस लड़की ने बोल्ड और वैम्प वाले रोल से हर किसी को हैरान कर दिया था। ये कोई और नहीं 'मुड़ मुड़ कर न देख...' फेम नादिरा ही थीं, जिन्होंने कुछ ही फिल्मों ले जनता के बीच अपनी एक अलग पहचान बना ली थी।
नादिरा पर्दे पर अपने दमदार किरदारों के लिए जानी जाती थीं। अभिनेत्री असल जिंदगी में भी उतनी ही तेज-तर्रार थीं जितनी वो सिल्वर स्क्रीन पर दिखतीं थीं। नादिरा के हिस्से एक बड़ी उपलब्धि है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। वो हिंदी सिनेमा की पहली एक्ट्रेस रही हैं, जिन्होंने दुनिया की सबसे महंगी गाड़ियों में शामिल रॉल्स रॉयस खरीदी थी। आइए जानते हैं, बगदाद से आई इस खूबसूरत हसीना के बारे में...
ईरान के बाद बॉलीवुड बना नादिरा का नया ठिकाना
कातिल अदाओं वाली नादिरा का जन्म 5 दिसंबर 1932 में बगदाद के एक यहूदी परिवार में हुआ था। अभिनेत्री का असली नाम फ्लोरेंस एजेकिल था, लेकिन रुपहले पर्दे पर वो नादिरा के नाम से मशहूर हुईं। जब गाना 'मुड़ मुड़ के ना देख...' आया था उस वक्त अभिनेत्री महज 23 साल की थीं। उनकी खूबसूरती और नजाकत दर्शकों के दिलों में घर कर गई।
Photo Credit- Instagram/ TWM
नादिरा फिल्मों में अपने बोल्ड किरदारों के साथ फियरलेस अंदाज के लिए भी फेमस थीं, लेकिन राज कपूर के साथ काम करने की उनकी जिद ने उन्हें हमेशा के लिए बदल दिया। इस फैसले के कारण वो पहली फिल्म ही सुपरहिट देने वाली आगे हिंदी सिनेमा की खलनायिका के रूप में सामने आईं।
कैसे पड़ा नादिरा नाम?
नादिरा पहली बार 10 साल की उम्र में हिंदी फिल्म 'मौज' में नजर आई थीं। इसके बाद फिल्म 'आन' के साथ उन्हें इंडस्ट्री में कदम रखने के लिए ब्रेक मिला। इस फिल्म में नादिरा के अपोजिट लीड रोल में दिलीप कुमार थे। 'आन' का डायरेक्शन महबूब खान ने किया था।
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वो पहले फिल्म नरगिस को लेना चाहते थे, लेकिन अभिनेत्री उस वक्त राज कपूर की फिल्म 'आवारा' की शूटिंग कर रही थीं। ऐसे में महबूब खान की नजर बला की खूबसूरत नादिरा पर पड़ी, जो उस वक्त काम की तलाश में थीं। फिर क्या था महबूब खान ने उन्हें 'आन' में कास्ट कर लिया। उन्होंने ही फ्लोरेंस एजेकिल को नादिरा नाम दिया था।
करियर हिट करने के लिए निभाई विलेन की भूमिका
'आन' आते ही थिएटर्स में छा गई और बॉक्स ऑफिस पर शानदार बिजनेस किया। इसके बाद नादिरा ने 'वारिस', 'जलन', 'नगमा', 'डाक बाबू' और 'रफ्तार' समेत कई फिल्मों में काम किया, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि अचानक अभिनेत्री का करियर हिचकोले खाने लगा।
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1956 में रिलीज हुई 'श्री 420' में नादिरा एक क्लब डांसर के किरदार में नजर में आईं। फिल्म में उन्होंने शानदार अदाकारी की। यहां तक कि नरगिस भी उनके आगे फीकी पड़ गईं, लेकिन ये फिल्म नादिरा के लिए काल साबित हुई थी। अपने करियर के उस चरण में वह सबसे अधिक पेमेंट पाने वाली भारतीय अभिनेत्रियों में से एक थीं।
1200 की सैलरी और लग्जरी कार
कहा जाता है कि नादिरा ने जब फिल्मों काम करना शुरू किया था तब उन्हें 1200 रुपये सैलरी मिलती थी। इसके बाद उनके वेतन बढ़कर 2500 रुपये हो गई थी। बीतते वक्त के साथ जैसे उनके करियर का ग्राफ बढ़ा तो वो 3600 रुपये चार्ज करने लगीं। एक बार उनकी मां इतने रुपये देखकर हैरान रह गई थीं।
उनकी मां ने नादिरा से कहा था कि क्या वो रुपये चुराकर तो नहीं लाई हैं। नादिरा इतने रुपये कमाती थीं कि वो अपनी जिंदगी बहुत शाही और अपनी शर्तों पर जिया करती थीं। बॉलीवुड में वो पहली कलाकार थीं, जिसने सबसे पहले दुनिया की लग्जरी कार मानी जाने वाली Rolls Royce खरीद ली थी।
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