फिल्म सुई धागा के सकारात्मक संदेश को फैलाने के लिए छोटी जगहों पर होगी फिल्म की स्क्रीनिंग
फिल्म सुई धागा में वरुण धवन और अनुष्का शर्मा ने अहम भूमिका निभाई थी।
मुंबई। मेक इन इंडिया थीम पर बनाई गई फिल्म सुई धागा में वरुण धवन और अनुष्का शर्मा ने अहम भूमिका निभाई थी। खास बात यह है कि, सुई धागा ने पूरे भारत को कनेक्ट करने की कोशिश की है। अब फिल्म के संदेश को देश के कोने-कोने में पहुंचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में फिल्म को 12 छोटे शहरों में स्क्रीन किया जा रहा है।
एंटरप्रीन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए फिल्म सुई धागा को देश के 12 छोटे शहरों में स्क्रीन किया जा रहा है जहां पर गांव के लोग इस फिल्म को देखकर प्रोत्साहित हो सकेंगे। बताया जा रहा है कि, फिल्म जब रिलीज हुई थी तब इसका अच्छा इम्पैक्ट पड़ा था। दर्शकों के बीच फिल्म ने जगह बनाई और क्रिटिक्स ने भी फिल्म के कंसेप्ट को अच्छा बताया। पैन इंडिया लेवर पर दर्शकों से फिल्म इमोशनल कनेक्ट करने में कामयाब रहे। ममता और मौजी की कहानी को दर्शकों ने सराहा। इसलिए अब 12 छोटे शहरों में फिल्म को स्क्रीन किया जा रहा है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक संदेश पहुंचाया जा सके। जानकारी के मुताबिक हर एक छोटे शहर में लगभग 200 से 300 लोग फिल्म को देख पाएंगे। अगर बात करें मध्यप्रदेश की तो सीधी, कटनी, विदिशा, खंडवा और राजगढ़ में फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग होगी। इसके साथ राजस्थान में बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, कोटा, सिकार और पाली में फिल्म की स्क्रीनिंग रखी जाएगी। इसके लिए अॉर्गनाइजर्स ने खास तौर पर टेंट बनवाया है। अॉर्गनाइजर्स को आशा है कि फिल्म के सकारात्मक संदेश को गांव के लोगों तक पहुंचाया जाएगा जिससे वे अपने टेलेंट को पहचान कर एंटरप्रीन्योर बन सकेंगे।
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आपको बता दें कि, मेक इन इंडिया वाली थीम पर बनी शरत कटारिया द्वारा निर्देशित फिल्म सुई घागा में वरुण धवन और अनुष्का शर्मा का देसी अवतार दिखा था। यह फिल्म इस साल 28 सितंबर को रिलीज हुई थी। फिल्म एक पति-पत्नी की कहानी है जो खुदके व्यापार की शुरुआत करते हैं। सुई-धागा में वरुण धवन और अनुष्का शर्मा पति-पत्नी के किरदार में हैं। फिल्म की कहानी ममता (अनुष्का शर्मा) और मौजी (वरुण धवन) की है। मौजी छोटी नौकरी करता है और कई बार अपने मालिक से अपमानित होता है। वहीं, ममता गृहणी है। ममता पति के अपमान से काफी परेशान हो जाती है और उसे नौकरी छोड़कर खुद का काम करने की राय देती है। मौजी नौकरी छोड़ देता है और सिलाई का बिजनेस शुरू करता है जिसमें ममता भी उसकी मदद करती है। धीरे-धीरे यह बिजनेस बढ़ता है और सफल होने लगता है। कहानी एक एेसे व्यक्ति की है जो बेरोजगार होने के बाद खुदका व्यापार शुरू करता है। मतलब बेरोजगार से खुदके रोजगार शुरू करने की कहानी को इस फिल्म के माध्यम से दर्शाया गया।
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