Salakaar बनाने पर डायरेक्टर को पाकिस्तान से मिली नफरत, अब पड़ोसी देश को दिया करारा जवाब
सलाकार निर्देशक Faruk Kabir ने हाल ही में जागरण न्यू मीडिया से बातचीत में बताया सीरीज बनाने के बाद पाकिस्तानी लोगों ने उन्हें नफरत भरे मैसेज भेजे। अब निर्देशक ने पड़ोसी देश के लोगों से सवाल पूछते हुए आतंकवाद पर तंज कसा है। सीरीज में नवीन कस्तुरिया मौनी रॉय मुकेश ऋषि जैसे कलाकारों ने काम किया है।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। डिजिटल प्लेटफार्म पर जासूसी पर आधारित और राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत कहानियां काफी बनाई जा रही है। इस कड़ी में हाल ही में आई वेब सीरीज सारे जहां से अच्छा और सलाहाकार की कहानी पाकिस्तान में परमाणु बम बनाने की योजनाओं को विफल करने पर आधारित रहीं। इस बारे में सलाहकार के निर्देशक फारुक कबीर कहते हैं कि यह मेरे लिए भी सरप्राइजिंग था दोनों सीरीज एक जैसी थीम पर थी, लेकिन यह महज संयोग था कि जब भारत पाकिस्तान के बीच तनाव हुआ है तभी यह रिलीज हुए।
कैसे लिखी गई सीरीज की स्क्रिप्ट
उसी दौरान पाकिस्तानी फील्ड मार्शल असीम मुनीर का बेतुका बयान आया। जब मैंने रिसर्च किया तो सोचा कि हमारी किताबों में इन ऑपरेशन के बारे में नहीं पढाया जाता। रिसर्च में पता लगा पहले जो इंफॉर्मेशन सीक्रेट थीं बाद में सार्वजनिक होने लगीं। उसी के आधार पर कहानी लिखी गई कहानी लिखी गई। उस वक्त हमारे पास सर्विलांस या हिडन कैमरे जैसी तकनीक तो थी नहीं इसीलिए भारतीय जासूसों को दुश्मन मुल्क में घुसकर इनफॉर्मेशन निकालनी होती थी। उस दशक में भारत को यह डर सता रहा था कि पाकिस्तान जियाउल हक के शासन में अपना पहला परमाणु बम न बना दे क्योंकि वह उस किस्म के इंसान थे जो लाल बटन को दबा सकते थे।
फोटो क्रेडिट- सोशल मीडिया
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सच्ची घटना से प्रेरित है सीरीज की कहानी
एक सीन में जिया का किरदार भारतीय जासूस से कहता भी है कि आपका हिंदुस्तान यह क्यों भूल गया है कि मैं देहरादून की इंडियन मिलिट्री अकादमी में ही पढ़ा हुआ हूं। यानी उन्हें हमारे सिस्टम और इंटेलीजेंस की काफी जानकारी थी। तो डर वाजिब था, इसलिए मुझे लगा कि इस कहानी को कहना चाहिए। दूसरा मुझे नहीं लगता कि इससे पहले किसी भी सीरीज या फिल्म में हमने जियाउल हक के इतिहास को दर्शाया हो। जब भी भारत पाकिस्तान की बात करते हैं तो आंतकवाद और कश्मीर पर ही करते हैं। सीरीज में भारतीय जासूस जिस प्रकार जियाउल के करीब आता है वह दिलचस्प था। यह सच्ची घटना से प्रेरित कहानी है।
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सलाहकार में विजुअल काफी सुंदर है। फारुक को रियल लोकेशन पर शूट करना ज्यादा भाता है। अपनी लोकेशन के सिलेक्शन पर वह कहते हैं कि,' मुझे सेट पर शूट करना बिल्कुल भी पसंद नहीं आता है। अगर आपने मेरी फिल्म खुदा हाफिज और खुदा हाफिज : चैप्टर 2-अग्निपरीक्षा देखी होगी तो उसमें भी लोकेशन पर बहुत मेहनत की थी। मैं 15-15 दिन अकेले लोकल लाइन प्रोड्यूसर के साथ लोकेशन खोजता हूं। देखता हूं कि कहानी में एक लोकेशन के बाद दूसरी आएगा तो वो दुनिया सही लगेगी या नहीं ? इस दौर में पीरियड ड्रामा शूट करना बहुत मुश्किल है। हर जगह बैनर, पोस्टर, नई गाड़ियां, रास्ते में नई इमारतें हैं। उन्होंने कहा, 'मैंने लद्दाख के कुछ क्षेत्रों में इसे शूट किया जहां ज्यादा पर्यटक नहीं जाते हैं। उसे इस दौर का और अतीत का कहूटा दिखाया है। बहुत सारी शूटिंग लखनऊ और उसके आसपास शूट किया है और थोड़ा बहुत मुंबई में।
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सलाहकार बनाने पर पाकिस्तान से मिली नफरत
सलाहकार बनाने पर उन्हें पाकिस्तानियों से इंटरनेट मीडिया पर अभद्र टिप्पणियां भी मिल रही है। फारुख कहते हैं कि इंस्टाग्राम पर डीएम में मुझे ढेर सारे नफरत वाले संदेश आ रहे हैं। मैं उनको नजरअंदाज करना पसंद करता हूं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद वह बौखलाए हैं जबकि हमने अपनी गरिमा को रखते हुए शो बनाया है। पड़ोसी मुल्क को भी गाली नहीं दी है। उसमें पाकिस्तानी किरदार नूर भी है जिसका पूरा गांव कहूटा में परमाणु संयंत्र के गंदे पानी की वजह से बर्बाद हो रहा है। उसका बच्चा भी गंदा पानी पीकर मर जाता है। वो आखिरी में भारतीय जासूस से पूछता है कि आप एनजीओ वाले नहीं हो साहब। आप कौन हो? तो वह घूम कर कहता है एक अच्छा पड़ोसी। वो हिंदुस्तानी होने के बावजूद नूर की तरफ सहानुभूति दिखाता है क्योंकि कहीं न कहीं वो इंसान भी है।
निर्देशक ने दिया ये जवाब
उन्होंने आगे कहा, 'पाकिस्तान में अराजकता का माहौल है। वह स्थिर देश नहीं है। यह चिंता का विषय है। अगर उनमें इतनी ही जागरुकता थी तो भारत के खिलाफ जो भी आतंकी गतिविधियां होती हैं वहां की आवाम क्यों नहीं आवाज उठाती है। कितने इजरायली ने अपनी सरकार के खिलाफ विरोध किया आप फिलीस्तान पर जो हमले कर रहे हैं उसे रोकिए। यह अमानवीय है। पाकिस्तान से हम ऐसी कोई भी आवाज उनकी आवाम से नहीं सुनते कि भारत में आतंकवाद बंद करो। उनकी हिम्मत इतनी होती है कि मुझ जैसे फिल्ममेकर को डीएम पर गाली दे सकते हैं।
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