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    Farooq Shaikh: जिंदगी का जश्न मनाते सिनेमा के हीरो फारुख शेख, चेहरे पर मुस्कान ला देंगी ये 6 फिल्में

    Updated: Tue, 26 Dec 2023 09:00 PM (IST)

    Farooq Shaikh Death Anniversary फारुख शेख ने अस्सी के दौर में ऐसी कई रोमांटिक कॉमेडी फिल्में कीं जिनमें जिंदगी की खूबसूरती ने दर्शकों को मोह लिया। ये फिल्में क्लासिक मानी जाती हैं जिन्हें ऋषिकेश मुखर्जी और सई परांजपे जैसे दिग्गज निर्देशकों ने निर्देशित किया था। इन फिल्मों में दीप्ति नवल परवीन बाबी और रेखा ने फीमेल लीड रोल्स निभाये। फारुख शेख का निधन 28 दिसम्बर 2013 को हुआ था।

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    फारुख शेख की पुण्यतिथि पर यादगार फिल्में। फोटो- स्क्रीनशॉट

    एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। अस्सी का दशक ऐसा था, जब हिंदी सिनेमा में बदलाव की बयार चल रही थी। एक तरफ समानांतर सिनेमा की गरम हवा दर्शकों को जिंदगी के कड़वी हकीकत से रू-ब-रू करवा रही थी, वहीं कुछ ऐसी फिल्में भी आ रही थीं, जो जिंदगी का जश्न मना रही थीं। इस सिनेमा के प्रतिनिधि चेहरे अमोल पालेकर और फारुख शेख बने। 

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    सादगी और सहजता में लिपटी कहानियां मध्यमवर्गीय परिवार की आकांक्षाओं और अरमानों का सिनेमाई चित्रण थीं। इसी कारण आज भी ये कहानियां वक्त की कैद से आजाद हैं। इन फिल्मों को देखकर चेहरे पर मुस्कान आना स्वाभाविक है। 

    फारुख शेख ने अपने करियर में ऐसी कुछ फिल्मों में मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं, जो आज क्लासिक मानी जाती हैं।28 दिसम्बर को उनकी दसवीं पुण्यतिथि पर याद करते हैं वो फिल्में, जो जिंदगी का उजले पक्ष को दिखाती है, बिल्कुल उनके मशहूर टीवी शो जीना इसी का नाम है की तरह। 

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    चश्मे बद्दूर

    1981 में आई सई परांजपे निर्देशत चश्मे-बद्दूर रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है, जिसमें फारुख और दीप्ति नवल ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं। कहानी तीन दोस्तों की है, जिन्हें एक ही लड़की से प्यार हो जाता है और फिर कैसे वो एक-दूसरे का पत्ता काटने की कोशिश करते हैं। दोस्तों के किरदार राकेश बेदी और रवि बसवानी ने निभाये थे।

    कहां देखें- गोल्डमाइंस बॉलीवुड यू-ट्यूब 

    कथा

    1983 में आई इस फिल्म का निर्देशन भी सई परांजपे ने ही किया था। इस रोमांटिक कॉमेडी में फारुख शेख, दीप्ति नवल के साथ नसीरुद्दीन शाह भी मुख्य भूमिका में थे। इसने बेस्ट फीचर फिल्म इन हिंदी कैटेगरी में नेशनल अवॉर्ड जीता था। फिल्म में मुंबई की एक चाल में रहने वाले लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी दिखाई गई थी।

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    रंग-बिरंगी

    1983 में आई ऋषिकेश मुखर्जी निर्देशित इस क्लासिक कॉमेडी फिल्म में अमोल पालेकर, फारुख शेख, देवेन वर्मा, परवीन बाबी और दीप्ति नवल ने मुख्य किरदार निभाये थे। इसकी कहानी एक कपल के इर्द-गिर्द घूमती है। पति काम में इतना बिजी है कि पत्नी के साथ रोमांस ही नहीं कर पाता। 

    कहां देखें- गोल्डमाइंस बॉलीवुड यू-ट्यूब

    किसी से ना कहना

    1983 में रिलीज हुई इस कॉमेडी फिल्म का निर्देशन भी ऋषिकेश मुखर्जी ने किया था। एक बार फिर फारुख शेख और दीप्ति नवल ने लीड रोल्स निभाये। वहीं, उत्पल दत्त भी फिल्म का हिस्सा थे। इसकी कहानी के केंद्र में उत्पल दत्त का किरदार है, जो अंग्रेजी को तमाम बुराइयों की जड़ मानता है और तय करता है कि अपने बेटे की शादी ऐसी लड़की से करेगा, जो अंग्रेजी नहीं बोलती हो।

    कहां देखें- गोल्डमाइंस बॉलीवुड यू-टयूब

    बीवी हो तो ऐसी

    1988 में आई बीवी हो तो ऐसी फैमिली ड्रामा फिल्म है, जिसमें रेखा और फारुख शेख ने लीड रोल्स निभाये थे। जेके बिहारी निर्देशित फिल्म में बिंदु ने फारुख की मां का रोल निभाया था, जो कड़क सास होती है। वहीं, कादर खान पिता के किरदर में थे। सलमान खान ने इस फिल्म से डेब्यू किया था। वो फारुख शेख के छोटे भाई के किरदार में थे। 

    कहां देखें- एनएच स्टूडियोज यू-ट्यूब

    मेरा दामाद

    1995 में आई यह फैमिली ड्रामा फिल्म है, जिसका निर्देशन पार्थो घोष ने किया था। इस फिल्म में फारुख शेख और जरीना वहाब के साथ उत्पल दत्त, अशोक कुमार और राकेश बेदी ने सहायक भूमिकाएं निभाई थीं। 

    कहां देखें- शेमारू कॉमेडी यू-ट्यूब

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