Mohan Maharishi Death: निर्देशक और अभिनेता मोहन महर्षि का निधन, 83 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा
Mohan Maharishi Death रंगमंच के विख्यात निर्देशक अभिनेता नाटककार और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा दिल्ली के निदेशक रहे श्री मोहन महर्षि के निधन हो गया है । उन्होंने 83 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली ।

नई दिल्ली, जेएनएन। Mohan Maharishi Death: मनोरंजन इंडस्ट्री से एक दुखद खबर सामने आयी है। हिंदी रंगमंच और सिनेमा के दिग्गज निर्देशक, अभिनेता और नाटककार मोहन महर्षि का निधन हो गया। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के निदेशक रह चुके महर्षि 83 साल के थे।
उनके निधन की जानकारी अभिनेता पंकज झा कश्यप ने सोशल मीडिया पर साझा की, जिसके मुताबिक महर्षि ने मंगलवार सुबह अंतिम सांस ली। रंगमंच पर छह से अधिक दशक गुजार चुके महर्षि का जाना कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। खासकर, भारतीय रंगमंच की दुनिया में उनकी कमी शिद्दत से महसूस होगी।
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ऑल इंडिया रेडियो से रंगकर्म किया था शुरू
साल 1955 में मोहन महर्षि ने ऑल इंडिया रेडियो से अपना रंगकर्म शुरू किया था। तो वहीं, 1965 में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से डिप्लोमा किया और वह 1983 से 1986 में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक बने। उन्हें निर्देशन के क्षेत्र में 1992 में संगीत नाटक एकेडमी अवार्ड भी मिला था।
नाटकों के लिए जाना जाता था
मोहन महर्षि को उनके क्रांतिकारी नाटकों के लिए जाना जाता था, जिसमे आइंस्टीन (1994), राजा की रसोई , विद्योत्तमा और सांप सीढ़ी शामिल रहे। इसके अलावा उन्होंने अंधयुग, रानी जिंदन (पंजाबी), ओथेलो, मदर का भी निर्देशन किया था। इसके अलावा उन्होंने श्याम बेनेगल के भारत एक खोज में भी काम किया था। इसमें उन्होंने मुस्लिम समाज सुधारक सर सैयद अहमद खान की भूमिका निभाई थी।
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