DDLJ को पूरे हुए 1100 हफ़्ते , जानिए ये पांच ख़ास बातें
फिल्म ने आज मुंबई के मराठा मंदिर सिनेमाघर में लगातार 1100 हफ़्ते पूरे किये तो यशराज फिल्म्स ने उसे आज के दौर से जोड़ दिया।
मुंबई। हिंदी फिल्मों में रोमांस को एक अलग मुक़ाम तक ले जाने वाली शाहरुख़ खान और काजोल स्टारर फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे' सिनेमाघर में सबसे अधिक समय तक चलने का रिकॉर्ड तो पहले ही बना चुकी है और अब इस फिल्म ने 1100 हफ़्ते पूरे कर एक और इतिहास बना डाला है।
सबसे नई बात ;-
यूं तो राज और सिमरन के प्यार का गणित , दिलवाले.. के हफ़्ते, महीने और साल की गिनती से बहुत बड़ा है लेकिन आदित्य चोपड़ा इस फिल्म से जुड़े हर सेलेब्रेशन को बड़ी ही शिद्दत से निभाते हैं। फिल्म ने आज मुंबई के मराठा मंदिर सिनेमाघर में लगातार 1100 हफ़्ते पूरे किये तो यशराज फिल्म्स ने उसे आज के दौर से जोड़ दिया। यशराज के ये आज के दिलवाले है धरम और शयरा यानि फिल्म ' बेफ़िक्रे ' के रणवीर सिंह और वाणी कपूर। दोनों फिल्मों की तस्वीरों को जोड़ कर इन दोनों ने 1100 हफ़्ते पूरे करने के लिए राज और सिमरन को बधाई दी है।
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कब उतरी थी परदे पर? : -
आदित्य चोपड़ा निर्देशित ' दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे ' 19 अक्तूबर 1995 को रिलीज़ हुई और 12 दिसंबर 2014 को मुंबई के मराठा मंदिर सिनेमाघर मे राज-सिमरन के इस रोमांस, बाउजी के पत्थर दिल एहसास और देस परदेस के अलग अलग संस्कारों की हद मे रह कर प्यार के लिए हर हद पार करने के जुनून ने 1000 हफ्ते पूरे कर रिकॉर्ड बना डाला। ये भारतीय सिनेमा पर मनोज कुमार की पूरब और पश्चिम के इफेक्ट से कुछ आगे की कहानी थी । करीब 190 मिनिट की इस प्रेम कहानी ने ना जाने कितनों को असल मे प्रेम करना सीखा दिया । कितने कडक मिज़ाज बड़ों को अपने बच्चों के लिए ये कहने पर मजबूर कर दिया – जा , जी ले अपनी जिंदगी ।
कैसे हुई शुरू : -
नब्बे के दशक के उस आखिरी दौर में आदित्य चोपड़ा अपने पापा यश चोपड़ा के पास एक कहानी ले कर गए थे। हमवतन दिलों के सात समंदर पार रोमांस की । आदित्य तब तक पिता के असिस्टेंट थे लेकिन यश चोपड़ा को उन पर भरोसा था । पर फिल्म बनाने में देर हो रही थी क्योंकि दिलवाले नहीं मिल रहे थे। आदि ने टॉम क्रूज का नाम सुझाया तो पापा नहीं माने। सैफ अली खान का नाम आया तो आदि नहीं माने। शाहरुख़ तब डर और बाजीगर के निगेटिव शेड में थे इसलिए रोमांस से डर रहे थे, पर मान गए। और काजोल तो जैसे सिमरन बनने के लिए तैयार ही बैठीं थी।करण जौहर ने यहीं से एक्टिंग की दुनिया मे कदम रखा । परमीट सेठी , मंदिरा बेदी और पूजा रूपरेल को पहली बार बड़े पर्दे का मुंह देखने मिला । यश चोपड़ा के छोटे बेटे उदय ने भी असिस्टेंट की कमान संभाली। फिल्म को दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे का ये टाइटल किरण खेर ने दिया था ।
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ये भी है रिकॉर्ड ;-
दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे को बॉलीवुड की ब्लॉक बस्टर फिल्मों मे गिना जाता है । चार करोड़ में बनी इस फिल्म ने भारत मे 106 करोड़ और विदेश मे 16 करोड़ का कारोबार किया । हां पर उसमे वो कलेक्शन शामिल नहीं है जो पिछले 21साल से मुंबई के मराठा मंदिर मे रोज एक शो के रूप मे मिलता है। फिल्म में वो सब कुछ रहा जो एक ब्लॉकबस्टर मसाला रोमांटिक फिल्म में चाहिए होता है। आनंद बक्शी के गीत, लता मंगेशकर और कुमार शानू के आवाज़ और जतिन ललित का म्यूजिक। बात चोपड़ा परिवार के घर की इज्ज़त की भी थी इसलिए आदित्य चोपड़ा की माँ पामेला ने " घर आजा परदेसी..." गाने में अपनी आवाज़ भी दी।
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'मदर इंडिया' और'शोले' के बाद ':-
डीडीएलजे ' रिलीज़ के अगले ही साल फिल्म को 10 फिल्मफेयर अवार्ड मिल गए और साथ में बेस्ट एंटेरटेनमेंट फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार भी । डीडीएलजे को ब्रिटिश फिल्म इंस्टीट्यूट की सूची मे 11वे नंबर पर रखा गया है । मदर इंडिया और शोले के बाद रैंकिंग सूची मे इसका नंबर आता है। किरदारों के कपड़ों को डिजाइन करने की जिम्मेदारी मनीष मल्होत्रा को दी गई थी और सरोज खान को कोरियोग्राफी की। बीच में सरोज की यशराज कैंप से अनबन हो गई तो उनकी जगह फरहा खान ने एक गाना कोरियोग्राफ किया। डीडीएलजे बॉलीवुड की ऐसी फिल्म थी जिसकी मेकिंग और उनकी डाक्यूमेंटरी ना सिर्फ बनाई गई बल्कि उसे फिल्म के रिलीज के दो दिन बाद दूरदर्शन प्रसारित किया गया ।
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इसे भी जान लीजिये ;-
डीडीएलजे में सही मायनो मे कुछ ऐसे गुण थे जो ये बाकी फिल्मों से अलग थी ।और उनमे सबसे बड़ा था उसका प्रेजेंटेशन । मोहब्बत का ये फ़साना विदेशी धरती पर गढ़ा जाना था इसलिए पंजाब के खेतों के अलावा लंदन और यश चोपड़ा का फेवरेट स्विट्जरलैंड और स्डड भी शूट के लिए चुना गया। आदित्य चोपड़ा फिल्म को लेकर इतने उतावले थे कि एक एक सीन को खुद एक्ट कर बताते थे। एक सीन तो उन्होंने गाड़ी की डिक्की में बैठ कर फिल्माया।