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    ऋषिकेश मुखर्जी किस बात से मुक्ति चाहते थे, धर्मेन्द्र ने खोला राज़

    By Manoj KhadilkarEdited By:
    Updated: Wed, 22 Aug 2018 04:11 PM (IST)

    धर्मेंद्र कहते हैं कि मेरी रियलिटी कोई गंदी रियलिटी नहीं है. न ही मेरे रोमांस से पवित्र कोई रोमांस रहा है. मैंने कभी किसी से बेवफाई नहीं की है. ...और पढ़ें

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    ऋषिकेश मुखर्जी किस बात से मुक्ति चाहते थे, धर्मेन्द्र ने खोला राज़

    अनुप्रिया वर्मा, मुंबई. धर्मेंद्र अपनी आने वाली फिल्म ‘यमला पगला दीवाना फिर से’ को लेकर काफी उत्साहित हैं. वह कहते हैं कि उनका सफर अभी पूरा नहीं हुआ है. अभी और भी सफर है, जो उन्हें पूरा करना है.

    धर्मेंद्र ने जागरण डॉट कॉम से बातचीत में अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने स्टारडम को कभी गंभीरता से नहीं लिया. आज भी वह अपने फैन्स से काफी प्यार और दुलार से मिलते हैं. चूंकि वह कहते हैं कि उन्होंने काफी मेहनत से जगह बनाई है. वह कहते हैं कि शुरुआती दौर में उनके पास पैसे नहीं होते थे तो वह एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए मुंबई में कई बार तैर कर भी जाते थे. धर्मेंद्र कहते हैं कि जब गुड्डी फिल्म आई थी, उसे देख कर लोगों का प्यार मेरे लिए और बढ़ गया था. उस फिल्म ने मुझे और अधिक स्टारडम दिला दिया था.

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    धर्मेंद्र कहते हैं कि अब लोग बायोपिक की बातें करते हैं लेकिन उस दौर में ऋषिकेश मुखर्जी ने मेरी लोकप्रियता को देखते हुए ये कहानी सोची होगी. उस फिल्म का वो दृश्य याद कीजिये, जब जया को लोग कहते हैं कि वो शादी शुदा है तो वह कहती हैं कि मैं सौत बनने को तैयार हूं. तो मैं मानता हूं और इस बात की कद्र करता हूं कि लोग मुझे उस कदर प्यार करते थे लेकिन तब भी मैंने लोगों को समझाया कि वह फिल्मी दुनिया है. उस पर अधिक मत जाओ. हालांकि इस फिल्म का ऐसा असर हुआ कि मैं फिल्म देख कर बाहर निकला तो लम्बी लाइन लगी हुई थी. लड़कियों ने कहना शुरू किया कि मैं भी गुड्डी हूं. मुझे ऑटोग्राफ दीजिये.

    धर्मेंद्र ऋषिकेश मुखर्जी के साथ अपनी यादों को शेयर करते हुए कहते हैं कि उनके साथ मैंने कई फिल्मों में काम किया था. वह मेरे लिए गुरु भी थे. दोस्त भी थे. मेंटर भी थे. वह मुझे इतना प्यार देते थे कि कभी डांट भी देते थे. कभी प्यार भी करते थे. भाई भी थे. मास्टर भी थे. मैं उनको बहुत सम्मान करता था. धर्मेंद्र भावुक होकर कहते हैं कि मैं आज भी वह दिन भूल नहीं पाता, जब वह बहुत बीमार थे और मैं उनसे मिलने पहुंचा तो उन्होंने मुझे कहा कि जो भी मेडिकल पाइप लगी है, इसे निकाल दो धर्म, मुझे मुक्ति दो. वहीं धर्मेंद्र से जब उनकी बायोपिक को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने अभी इस बारे में सोचा नहीं है. उन्होंने कहा कि मुझे ये भी पता नहीं है कि कभी बनेगी की नहीं. उन्होंने अपनी किताब के बारे में भी यही कहा कि मैं पर्सनल चीजों पर कम जाता हूं. जज्बाती हूं तो शायद ही कभी आगे बढूँ. धर्मेंद्र कहते हैं कि मेरी रियलिटी कोई गंदी रियलिटी नहीं है. न ही मेरे रोमांस से पवित्र कोई रोमांस रहा है. मैंने कभी किसी से बेवफाई नहीं की है. वह कहते हैं –

    पी शराब बेहिसाब, न पाला माशूकों का हिसाब.

    किसी को नहीं गिरने दिया.

    मिला मुझे मेरे वफाओं का शबाब. मैं दिल वाला इंसान हूं.

    मैंने सबसे वफाई की है.

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