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हाईकोर्ट ने लेखक की याचिका मंजूर की, 'पीके' पर ठोंका 4 करोड़ का दावा

फिल्म 'पीके' की कहानी चुराने का आरोप लगाने वाले उपन्यासकार कपिल इसापुरी की याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया है। कोर्ट ने इसापुरी की याचिका में मुआवजा राशि एक करोड़ से बढ़ाकर चार करोड़ किए जाने को भी स्वीकार कर लिया।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2015 08:43 PM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2015 06:24 AM (IST)
हाईकोर्ट ने लेखक की याचिका मंजूर की, 'पीके' पर ठोंका 4 करोड़ का दावा

नई दिल्ली। फिल्म 'पीके' की कहानी चुराने का आरोप लगाने वाले उपन्यासकार कपिल इसापुरी की याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया है। कोर्ट ने इसापुरी की याचिका में मुआवजा राशि एक करोड़ से बढ़ाकर चार करोड़ किए जाने को भी स्वीकार कर लिया। लेखक के वकील जेपी सिंह ने अदालत में इस मामले की पैरवी की। 8 दिसंबर को इस केस में अगली सुनवाई होगी।

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गौरतलब है कि उपन्यासकार कपिल इसापुरी ने निर्माता विधु विनोद चोपड़ा पर फिल्म की कहानी चुराने का आरोप लगाया था। इसापुरी का कहना है कि फिल्म 'पीके' की पटकथा के अंश उनके उपन्यास 'फरिश्ता' से लिए गए हैं। कपिल ने क्षतिपूर्ति के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

क्या है 'फरिश्ता' की कहानी

उपन्यासकार कपिल इसापुरी का कहना है कि 2013 में आई उनकी नॉवेल 'फरिश्ता' का कुछ हिस्सा चोरी करके फिल्म में इस्तेमाल किया गया है। याचिका में लिखा है, 'नॉवेल में पाखंडी धर्मगुरुओं पर अंधविश्वास की आलोचना की गई है और कहा गया है कि धर्म का धंधा प्राकृतिक नहीं बल्कि लोगों द्वारा बनाया गया है और नकली है। कुछ लोगों के समूह में आप नहीं पहचान सकते कि कौन किस धर्म से है।

'फरिश्ता' में युवा लेखक कपिल ईसापुरी ने समाज में फैली कुरीतियों को उजागर करने का प्रयास किया है। लेखक ने तीन संवेदनशील मुद्दों को उठाते हुए भ्रष्टाचार, नक्सलवाद और आतंकवाद पर गहरी चोट की है।

उपन्यास के कथानक में लेखक एक ऐसे विश्व की कल्पना करता है, जहां मानवता का राज हो और अन्य तमाम निर्ममताएं वहां से दूर हों। वह ऐसे भारत की परिकल्पना करना चाहता है, जहां जाति और धर्म के मुकाबले देश सर्वोपरि हो। लेखक कपिल ईसापुरी का यह उपन्यास अंधविश्वासों की पोल खोलता है।


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