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    Dadasaheb Phalke Award रजनीकांत से पहले ये हस्तियां कर चुकी हैं हासिल, जानिए विजेताओं सहित पुरस्कार की धनराशि के बारे में

    By Priti KushwahaEdited By:
    Updated: Thu, 01 Apr 2021 02:16 PM (IST)

    केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार सुबह 1 अप्रैल 2021 को इसकी सूचना दी है। इस ज्यूरी में आशा भोंसले मोहनलाल विश्वजीत चटर्जी श ...और पढ़ें

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    Photo Credit- South Actor Photo Credit- Rajinikanth twitter Photo Screenshot

    नई दिल्ली, जेएनएन। ​​साउथ फिल्म इंडस्ट्री के भगवान कहे जाने वाले एक्टर रजनीकांत आज पूरी दुनिया में जाने जाते हैं। अभिनेता से राजनेता बनने तक का सफर तय करने वाले रजनीकांत आज जिस मुकाम पर हैं, वहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने बहुत मेहनत की है। करीब पांच दशकों से सिनेमा जगत पर राज करने वाले रजनीकांत को सिनेमा जगत में बेहतरीन काम करने लिए दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा जाएगा। इस बात की जानकारी खुद केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार सुबह 1 अप्रैल, 2021 को इसकी सूचना दी है। इस साल ये सिलेक्शन जिस ज्यूरी ने किया है उस ज्यूरी में आशा भोंसले, मोहनलाल, विश्वजीत चटर्जी, शंकर महादेवन और सुभाष घई जैसे कलाकार शामिल रहे हैं। रजनीकांत से पहले ये पुस्कार कई अन्य दिग्गज कलाकारों को दिया जा चुका है। आइए जानते हैं... रजनीकांत से पहले किन कलाकारों को यह पुरस्कार मिल चुका है? इसके लिए कलाकारों का चयन कैसे किया जाता है? कौन देता है इस पुस्कार को?

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    जानें कौन थे दादा साहब फाल्के.. 

    दादा साहब फाल्के जिनके नाम से ये पुस्कार दिया जाता है आखिर कौन थे वो? आपको बता दें कि भारतीय सिनेमा का जन्मदाता कहे जाने वाले दादा साहब फाल्के का जन्म 30 अप्रैल, 1870 को हुआ था। उन्होंने साल 1913 में 'राजा हरिश्चंद्र' नाम की पहली  फुल-लेंथ फीचर फिल्म बनाई थी। वो न सिर्फ एक जाने-माने निर्माता और स्क्रीन राइटर, बल्कि एक फेमस निर्देशक भी थे। उन्होंने 19 साल के फिल्मी करियर में 95 फिल्में और 27 शॉर्ट फिल्में बनाईं। लेकिन फिल्म 'द लाइफ ऑफ क्राइस्ट' उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट माना जाता है। ये एक मूक फिल्म थी। इस फिल्म को बनाने के लिए उन्हें अपनी पत्नी से पैसे उधार लेने  पड़े थे। उनके हिंदी सिनेमा में ऐतिहासिक योगदान के चलते 1969 से भारत सरकार ने उनके सम्मान में 'दादा साहब फाल्के' अवॉर्ड की शुरुआत की गई थी। बता दें कि दादा साहब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च और प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है। वहीं, ये पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने सिनेमाजगत में बेहतरीन काम किया होता है। सबसे पहला दादा साहब फाल्के अवॉर्ड अभिनेत्री देविका रानी को दिया गया था। उन्हें 17वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स समारोह में इस पुरस्कार से नवाजा गया था। देविका रानी को भारतीय सिनेमा पहली सुपरस्टार भी कहा जाता है। 

     (फोटो क्रेडिट - मिड डे) 

    साल 1969 में देविका रानी को मिला था पहला अवॉर्ड। यहां देखें रनजीकांत से पहले की पूरी लिस्ट...  

    1969 - देविका रानी, 1970 - बिरेंद्रनाथ सरका 1971 - पृथ्वीराज कपूर, 1972 - पंकज मल्लिक, 1973 - रूपी मियर्स (सुलोचना), 1974 - बीएन रेड्डी, 1975 - धीरेंद्रनाथ गांगुली, 1976 - कानन देवी, 1977 - नितिन बोस, 1978 - रायचंद बोरल, 1979 - सोहराब मोदी, 1980 - पैदी जयराज, 1981 - नौशाद, 1982 - एलवी प्रसाद, 1983 - दुर्गा खोटे, 1984 - सत्यजीत रे, 1985 - वी. शांताराम, 1986 - बी नागी रेड्डी, 1987 - राज कपूर, 1988 - अशोक कुमार, 1989 - लता मंगेशकर, 1990 - अक्कीनेनी नागेश्वर राव, 1991 - भालजी पेंधरकर, 1992 - भूपेन हजारिका, 1993 - मजरूह सुल्तानपुरी, 1994 - दिलीप कुमार, 1995 - राजकुमार, 1996 - शिवाजी गणेसन, 1997 - कवि प्रदीप, 1998 - बीआर चोपड़ा, 1999 - ऋषिकेश मुखर्जी, 2000 - आशा भोसले, 2001 - यश चोपड़ा, 2002 - देवानंद, 2003 - मृणाल सेन, 2004 - अदूर गोपालकृष्णन, 2005 - श्याम बेनेगल, 2006 - तपन सिन्हा, 2007 - मन्ना डे, 2008 - वीके मूर्ति, 2009 - डी. रामनायडू, 2010 - के. बालचंद्र, 2011 - सौमित्र चटर्जी, 2012 - प्राण, 2013 - गुलजार, 2014 - शशि कपूर, 2015 - मनोज कुमार, 2016 - कासीनाथुनी विश्वनाथ, 2017 - विनोद खन्ना, 2018 - अमिताभ बच्चन, 2019- रजनीकांत 

    सम्मान में दी जाती है ये चीजें... 

    आपको बता दें कि हर साल सिनेमा जगत से किसी एक कलाकार को इस पुरस्कार के लिए चुना जाता है। वहीं, विजेता को एक स्वर्ण कमल मेडल, शॉल और 10 लाख रुपये नकद पुरस्कार से नवाजा जाता है। ये पुस्कार विजेता को डायरेक्टरेट ऑफ फिल्म फेस्टिवल्स द्वारा नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स समारोह दिया जात है। यह पूरी प्रक्रिया केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के द्वारा की जाती है। रजनीकांत को मिलाकर अब तक कुल 51 लोगों को यह सम्मान दिया जा चुका है।