सलमान की फिल्म के साथ हुई ये कांटछांट, सेंसर से टाइगर ज़िंदा है को मिला सर्टिफिकेट
ये फिल्म उस सच्ची घटना पर आधारित है, जब साल 2014 में आतंकवादी संगठन आई एस आई एस ने इराक में 46 नर्सों को बंधक बना लिया था।
मुंबई। सेंसर बोर्ड ने सलमान खान और कटरीना कैफ स्टारर फिल्म टाइगर ज़िंदा है में तीन कट्स लगाने के साथ फिल्म को यू/ ए सर्टिफिकेट दे कर पास कर दिया है।
ख़बरों के मुताबिक अली अब्बास ज़फर के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म को सेंसर ने स्क्रीन कर 14 दिसंबर को सर्टिफिकेट दे दिया है। जानकारी के मुताबिक टाइगर ज़िंदा है को सेंसर की एक्जामिनेशन कमिटी यू/ए सर्टिफिकेट दिया है। फिल्म में दो ऑडियो और एक विजुवल कट लगाया है और बाकी हिस्से पर सेंसर ने पूरी संतुष्टि जताई है। सूत्रों के मुताबिक फिल्म ने नर्स को लात मारने का सीन हटाया गया है जबकि दो अपशब्दों को या हटाने या बदलने को कहा गया है। टाइगर ज़िंदा है को दो घंटे 41 मिनिट के रन टाइम के साथ पास किया गया है।
दरअसल फिल्म पद्मावती की रिलीज़ के दौरान जब इस तरह की ख़बरें आई थीं कि सेंसर बोर्ड 68 दिनों के भीतर सब्मिट नहीं की गई फिल्मों को नियत समय पर सर्टिफिकेट नहीं देगा, तब बॉलीवुड में ख़ूब खलबली मची और इस कारण कपिल शर्मा की फिरंगी, सनी लियोनी की तेरा इंतज़ार और हॉलीवुड फिल्म जस्टिस के हिंदी वर्ज़न को आगे बढ़ाना पड़ा था। तब ये भी कहा जा रहा था कि सलमान खान की टाइगर ज़िंदा है भी नियमों के चक्कर में न फंस जाए। लेकिन ऐसा नहीं है और टाइगर ज़िंदा है अपने निर्धारित समय पर 22 दिसंबर को ही वर्ल्ड वाइड रिलीज़ होगी।
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साल 2012 में यशराज फिल्मस के बैनर पर एक था टाइगर बनाई गई थी, जिसका निर्देशन कबीर खान ने किया था। पांच साल बाद निर्देशक बदल कर ये फिल्म लौट रही है लेकिन जोड़ी पहली फिल्म की तरह सलमान और कटरीना ही हैं। ये फिल्म उस सच्ची घटना पर आधारित है, जब साल 2014 में आतंकवादी संगठन आई एस आई एस ने इराक में 46 नर्सों को बंधक बना लिया था।