Bollywood News: दोस्त के चक्कर में पड़ गए थे लेने के देने, अरिजीत सिंह ने बताया- जब लगा था चोरी का इल्जाम तो कैसा फील हुआ था
अरिजीत सिंह ने बचपन का एक किस्सा सुनाया। जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे उन पर एक बार चोरी का इल्जाम लगा था। इस बारे में वे कहते हैं कि एक दिन एक दूसरे दोस्त एक बंद मकान में गए थे जाने के थोड़ी देर के बाद वहां कुछ लोग आए और वहां से कुछ चीजें चोरी का इल्जाम हमारे ऊपर लगा दिया था।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। जीवन में कोई घटना, कोई परिस्थिति भी कुछ न कुछ सीखा जाती है। चलेया... केसरिया..., झूमे जो पठान जैसे कई गाने गा चुके गायक अरिजीत सिंह को भी बचपन में उनके साथ हुई एक घटना ने काफी कुछ सीखा दिया, जिसके बाद उनके सोचने का पूरा तरीका ही बदल गया।
अरिजीत एक किस्से का जिक्र करते हुए कहते हैं कि मैं दसवीं कक्षा में था। मेरे तीन दोस्त थे, हमें लैब में जाना बहुत पसंद था कि वहां कैसे प्रयोग किए जाते हैं। एक दिन एक दूसरे दोस्त ने आकर कहा कि मुझे एक लैब मिला है, जहां कोई नहीं होता है। वो अपना निजी लैब होगा।
दोस्त ले गया सुनसान जगह
आगे अरिजीत ने बताया कि दोस्त ने कहा कि मेरे साथ चलो। बिना सोचे समझे हम तीनों दोस्त उसके पीछे अपनी साइकिल उठाकर चल दिए। एक जंगल जैसी जगह थी, वहां एक बड़ी सी दीवार थी। हम उसके ऊपर चढ़कर उस पार चले गए। एक बड़ा सा रूम था, उसमें एक लाइट लगी थी, बड़ा सा टेबल था। वहां पर बड़े-बड़े इंजेक्शन रखे थे, हम उसमें पानी भरकर पिचकारी खेलने लगे।
उन्होंने कहा कि हमारे शोर से कुछ लोग वहां इकठ्ठा हुए। उन्होंने स्कूल के हेडमास्टर को फोन कर दिया। इस जगह से एक दिन पहले कुछ प्लेट्स गायब हुई थीं। उसका इल्जाम उन्होंने हम पर डाल दिया। दरअसल, वह एक बंद पड़ा अस्पताल था, जिसके ऑपरेशन थिएटर को हम लैब समझ रहे थे। हमें तो लगा अब सब खत्म।
आंखें बंद करके किसी को फॉलो मत करो
हालांकि फिर स्पष्ट हुआ कि किसी और ने चोरी की थी। उस दिन मैंने यह सीखा कि किसी को आंखें बंद करके फॉलो नहीं कर सकता हूं। मुझे अपने आपको फॉलो करना है। अपने नियम खुद बनाने हैं।
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