मेहनत पर पायरेसी का डाका! Baaghi 4 समेत मूवीज के लीक होने से परेशान मेकर्स, बोले- 28 हजार करोड़ का नुकसान...
बागी 4 (Baaghi 4) और द बंगाल फाइल्स (The Bengal Files) फिल्में सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने के कुछ ही घंटों के भीतर इंटरनेट मीडिया पर लीक हो गईं। उनके कलेक्शन में भारी नुकसान की बातें कही गईं। बड़े-छोटे बजट की फिल्में वेब सीरीज क्षेत्रीय सिनेमा सब पायरेसी का शिकार हैं। इससे होने वाले नुकसान बचने के तरीकों समेत कई पहलुओं के बारे में पढ़ें ये आर्टिकल।

प्रियंका सिंह, मुंबई। 'अपने माता-पिता का आशीर्वाद लेकर अपनी फिल्म ओह माय गाड देखने सिनेमाघर जा रहा था। पेट्रोल पंप पर रुका, जो व्यक्ति मेरी गाड़ी में पेट्रोल भर रहा था, वह अपने फोन पर ओह माय गाड का पायरेटेड वर्जन देख रहा था। बहुत दुख हुआ।’ यह कहना है फिल्मकार उमेश शुक्ला का। फिल्म इंडस्ट्री के लिए परेशानी का सबब बनी पायरेसी एक बार फिर चर्चा में है, क्योंकि बागी 4 (Baaghi 4), द बंगाल फाइल्स (The Bengal Files) प्रदर्शित होने के चंद घंटों में लीक हो गईं।
कैसेट, सीडी, डीवीडी के दौर से ही पायरेसी फिल्मकारों के लिए चिंता का विषय बनी है। अब डिजिटल के दौर में ऑनलाइन पायरेसी से निपटना कठिन है। कॉपीराइट वाली फिल्में, वेब सीरीज गैरकानूनी तरीके से चोरी करके वेबसाइट्स या ऐप्स पर अपलोड कर दी जाती हैं। निर्माता आनंद पंडित कहते हैं कि पायरेसी दीमक की तरह इंडस्ट्री को खोखला कर रही है।
फिल्मों के बॉक्स ऑफिस पर असर
फिल्म लीक होने से बॉक्स ऑफिस कलेक्शन प्रभावित होता है। उसका असर फिल्म निर्माता के अगले प्रोजेक्ट पर पड़ता है। आर्थिक नुकसान के साथ ही रचनात्मक प्रेरणा खत्म हो जाती है। डिजिटल पायरेसी वैश्विक चुनौती है। कुछ सेकेंड में कंटेंट दुनियाभर में फैल जाता है। निर्माता तमाम तरह के प्रयास कर रहे हैं कि सर्वर को सुरक्षित किया जाए, वाटरमार्क लगाएं, साइबर सेल के साथ संपर्क में रहें। लेकिन इससे निपटना कठिन है।
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द भूतनी के निर्देशक फिल्मकार सिद्धांत सचदेव कहते हैं कि लोग सैयारा (Saiyaara), महावतार नरसिम्हा (Mahavatar Narsimha) देखने थिएटर तक आए हैं। कोविड के बाद से दर्शकों को ओटीटी पर कंटेंट देखने की आदत है। ऐसे में फिल्मकारों के लिए चुनौती है कि हम सिनेमाघर में ऐसा कंटेंट दें कि दर्शक ओटीटी की प्रतीक्षा या पायरेटेड वर्जन देखने के बजाय पहले दिन थिएटर आने के लिए बेकरार हों ।
पायरेसी का जिम्मेदार ओवरसीज प्रिंट
वहीं रेड, दृश्यम फिल्मों के निर्माता कुमार मंगत पाठक पायरेसी की असल वजह ओवरसीज (विदेश के) प्रिंट को मानते हैं। उनका कहना है कि फिल्में ओवरसीज प्रिंट से ही लीक होती हैं। रेड के हमने करीब 13000 लिंक्स हटवाए थे, लेकिन सौ निकालो तो दो सौ और डाल देते हैं।
थिएटर मालिकों को हजारों करोड़ का नुकसान
द बंगाल फाइल्स के निर्माता अभिषेक अग्रवाल कहते हैं कि तेलंगाना पुलिस के अनुसार पायरेसी के कारण भारतीय सिनेमाघरों को 28 हजार करोड़ का नुकसान इस साल हुआ है। अगर कमाई नहीं होगी, तो बड़े बजट की फिल्मों को बनाना निर्माता के लिए दिन प्रतिदिन कठिन हो जाएगा। पायरेसी को रोकने के लिए भी निर्माता को ही पैसे लगाने पड़ते हैं। एंटी पायरेसी एजेंसी को काम देना होता है।
द भूतनी (The Bhootni) फिल्म के लीक होने का दर्द झेल चुके फिल्म के निर्देशक सिद्धांत सचदेव कहते हैं कि द भूतनी का क्लाइमेक्स भव्य था। थिएटर का अनुभव देने वाले साउंड थे, जबकि ओटीटी और टीवी के लिए साउंड अलग से मिक्स होता है। तकनीशियन और फिल्मकार जब अपनी ही फिल्म का पायरेटेड वर्जन देखते हैं, जिसकी क्वालिटी खराब है और दर्शक उस आधार पर फिल्म को भला-बुरा कहने लग जाते हैं, तो कलाकारों की रचनात्मकता पर सवाल उठता है। जवान, पठान, फाइटर जैसी फिल्में बड़े पर्दे के लिए ही बनी हैं।
कम होना चाहिए थिएटर टिकट के दाम?
फाइटर में प्लेन के बीच का एक्शन या स्त्री 2 के क्लाइमेक्स में भेड़िये का आ जाना बड़े पर्दे पर ही अच्छा लगता है। थिएटर को जिंदा रखने के लिए कंटेंट का सम्मान करें। सुपरस्टार थिएटर से बनते हैं। सिस्टम बनाना होगा अभिनेता आमिर खान ने जब पिछले दिनों सितारे जमीन पर को यूट्यूब पर सौ रुपये में पे पर व्यू के तहत रिलीज किया, तो कहा गया कि यह मॉडल पायरेसी कम करेगा। दर्शक सस्ते दाम पर घर बैठे परिवार के साथ फिल्म देख सकते हैं। उमेश भी महंगे टिकट के दाम को पायरेसी का कारण मानते हैं। वह कहते हैं कि सिनेमाघर मालिकों से मैं कहूंगा कि टिकटों के दाम कम करें, तब बात बन सकती है।
पायरेसी पर लगनी चाहिए लगाम
रेड 2 फिल्म की पायरेसी झेल चुके निर्माता कुमार मंगत पाठक कहते हैं कि निर्माताओं को अपना एक सिस्टम बनाना होगा कि हर प्रिंट पर डिकोडिंग हो, ताकि पता चले कि कहां से लीक हुई है। हम फिल्म सेंसर में भेजें या पोस्ट प्रोडक्शन के लिए, उस पर वाटर मार्किंग होती है, लेकिन डिजिटल पर इसे पकड़ना कठिन है, क्योंकि डिजिटल के प्रिंट में मार्किंग का सिस्टम नहीं है। आनंद पंडित कहते हैं कि सही समय पर कानूनी कदम और इंडस्ट्री की तरफ से जागरूकता अहम है। हम सभी निर्माताओं, डिस्ट्रीब्यूटर्स, एग्जीबिटर्स और ओटीटी प्लेटफार्म को मिलकर एक इकोसिस्टम बनाना होगा, जहां कंटेंट सुरक्षित रहे। वाटरमार्किंग और डिजिटल राइट्स मैनेजमेंट को मजबूत बनाया जा रहा है।
इन बड़ी फिल्मों पर पड़ा डाका
- ईद पर रिलीज हुई सलमान खान की फिल्म सिकंदर को पायरेसी के कारण करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था। ऐसा ही कुछ राधे : योर मोस्ट वांटेड भाई फिल्म के दौरान हुआ था, जब फिल्म को पे-पर-व्यू माडल के तहत रिलीज किया गया था। कुछ ही घंटों में फिल्म की पायरेटेड कापी लीक हो गई। सलमान खान ने पायरेसी को इंडस्ट्री के लोगों की मेहनत के साथ अन्याय बताया था।
- वार 2 भी पायरेसी की चोट से बच नहीं पाई ।
- जियोहाटस्टार पर रिलीज हुई सरजमीन भी लीक हुई, जिसने ओटीटी प्लेटफार्म की व्यूअरशिप को भी प्रभावित किया । मोहनलाल अभिनीत मलयालम फिल्म एल2 : एम्पुरान की भी पायरेटेड कापी वायरल हुई ।
- अच्छी कमाई करने वाली मलयालम सुपरहीरो फिल्म लोका: चैप्टर 1 आनलाइन लीक हुई।
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