आशा पारेख अगर शादी करतीं तो टूट जाता इस जाने-माने फ़िल्ममेकर का घर...
आशा पारेख 1959 से 1973 के बीच हिंदी फ़िल्मों की टॉप अभिनेत्रियों में शुमार रही थीं। फ़िल्मों के अलावा आशा पारेख फ़िल्मों से जुड़े कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रहीं। (Photo- Mid-Day)
नई दिल्ली, जेएनएन। हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख ने फ़िल्मों की एक लम्बी विरासत छोड़ी है। कई बेहद कामयाब फ़िल्मों की हीरोइन रहीं आशा ने उम्रभर अकेले रहने का फ़ैसला किया था और इसके पीछे एक इमोशनल वजह है, जिसका खुलासा उन्होंने पहले अपनी बायोग्राफी और फिर वर्व मैगज़ीन को दिये इंटरव्यू में किया है।
आशा ने अपने सिंगल स्टेटस के बारे में सवाल करने पर कहा कि यह उनकी ज़िंदगी का सबसे अच्छा फ़ैसला था। आशा ने बताया कि वो जिस शख़्स से प्यार करती थीं, वो शादीशुदा थे। ऐसे में उनसे शादी करके वो घर तोड़ने वाली औरत नहीं कहलाना चाहती थीं। इसलिए उनके पास सिर्फ़ यही विकल्प बचा कि वो आजीवन सिंगल रहें। आशा पारेख न अपनी ज़िंदगी के इस अहम और इमोशनल किस्से का ज़िक्र अपनी बायोग्राफी हिट गर्ल में भी किया है, जो 2017 में रिलीज़ हुई थी। इसमें आशा ने बताया कि वो फ़िल्ममेकर नासिर हुसैन से प्यार करती थीं, मगर वो शादीशुदा थे, जिसकी वजह से आशा ने उनसे दूरी बना ली थी।
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आशा, वहीदा रहमान और हेलन की अच्छी दोस्त हैं और अक्सर इन तीनों को साथ घूमते हुए देखा जाता है।आशा पारेख 1959 से 1973 के बीच हिंदी फ़िल्मों की टॉप अभिनेत्रियों में शुमार रही थीं। फ़िल्मों के अलावा आशा पारेख फ़िल्मों से जुड़े कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रहीं। 1994 से 2000 तक सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन की अध्यक्ष रहीं। सेंसर बोर्ड की पहली महिला अध्यक्ष बनने का गौरव भी इन्हें ही हासिल है।
साल 1992 में कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए वह पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित की गई थीं। आशा पारेख ने अपने करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट की थी। अपने शुरुआती करिर में आशा को रिजेक्शन का सामना करना पड़ा था। 1959 में आशा को बतौर हीरोइन नासिर हुसैन ने अपनी फ़िल्म दिल देके देखो में ब्रेक दिया, जिसमें शम्मी कपूर लीड रोल में थे। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
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