अयोध्या में जन्में राम और मेरठ में पर्दे के श्रीराम, फिल्मों से दूर काटना पड़ा 9-10 साल का वनवास
एक जमाना था जब रामानंद सागर का सीरियल रामायण टीवी पर आता था। और जिस वक्त सीरियल प्रसारित होता था सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता क्योंकि उस वक्त सभी लोग रामायण देख रहे होते थे।
नई दिल्ली, जेएनएन। एक जमाना था जब रामानंद सागर का सीरियल रामायण टीवी पर आता था। जिस वक्त सीरियल प्रसारित होता था, सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता क्योंकि उस वक्त सभी लोग रामायण देख रहे होते थे। उस महान सीरियल रामायण में राम का किरदार निभाया था, एक्टर अरुण गोविल ने। रामायण के दौर में अरुण गोविल की लोकप्रियता का आलम यह था कि लोग उन्हें ही भगवान राम समझ लेते थे। उन्हें देख हाथ जोड़ते और उनके पांव छूते।
ताराचंद्र बडजात्या की फिल्म 'पहेली' से डेब्यू
अरुण गोविल का जन्म 12 जनवरी 1958 को मेरठ में हुआ था। पढ़ाई के दौरान ही उन्हें स्टेज पर नाटक करने का शौक हो गया। अरुण को पहला ब्रेक मिला ताराचंद्र बडजात्या की फिल्म पहेली (1977) में। फिर उन्होंने सावन को आने दो, इतनी सी बात, हिम्मतवाला और सांच को आंच नहीं जैसी फिल्मों में मुख्य भूमिकाएं निभाईं। टीवी सीरियल विक्रम बेताल में भी उनका रोल पसंद किया गया। अरुण गोविल ने लव कुश, कैसे कहूं, अपराजिता जैसे मशहूर टीवी शो में काम किया।
View this post on Instagram
कभी राम की छवि से बाहर नहीं निकल पाए
राम के किरदार से मशहूर होने के बाद लोग अरुण गोविल राम के किरदार में ही देखना पसंद करते थे। इसलिए फिर उन्हें कोई अच्छा किरदार ही नहीं मिला। 9-10 साल फिल्मों से दूर रहने के बाद राम के किरदार से निकलने की कोशिश की। निगेटिव रोल किए, बोल्ड सीन दिए, पर सफल नहीं हुए। अरुण गोविल को आज भी राम के रूप में ही जाना जाता है।
View this post on Instagram
पर्दे पर ये अभिनेता बन चुके हैं राम
अरुण गोविल के अलावा साउथ के मशहूर अभिनेता एनटीआर रामा राव ने कई बार पर्दे पर भगवान राम का किरदार निभाया। 1997 में आई फिल्म 'लव-कुश' में राम अभिनेता जितेंद्र बने थे। वहीं तेलुगु फिल्म राम्म्या तंडरी में शोभन बाबू, 2008 में एंडीटीवी एमेजिन पर आए रामायम में गुरमीत चौधरी, 2015 में सोनी के महाबली हनुमान में गगन मलिक और 2016 में सिया के राम में आशीर्ष शर्मा श्रीराम बने थे। नीतिश भारद्वाज भी राम बन चुके हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।