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Anurag Basu Films: अनुराग बसु के पास हैं कई स्क्रिप्ट, कंफ्यूज हैं कि किस पर काम शुरू करें

Anurag Basu Films हाल ही में रिलीज हुई एंथोलॉजी फिल्म लूडो के बाद फिर अटकलें लगाई जा रही हैं कि अनुराग बसु अपनी फिल्म लाइफ इन अ मेट्रो की सीक्वल पर काम करेंगे। इसका जवाब खुद अनुराग ने दे दिया है।

By Mohit PareekEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 12:57 PM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 12:57 PM (IST)
Anurag Basu Films: अनुराग बसु के पास हैं कई स्क्रिप्ट, कंफ्यूज हैं कि किस पर काम शुरू करें
लूडो के डायरेक्टर अनुराग बसु (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, जेएनएन। हाल ही में रिलीज हुई एंथोलॉजी फिल्म लूडो के बाद फिर अटकलें लगाई जा रही हैं कि अनुराग बसु अपनी फिल्म लाइफ इन अ मेट्रो की सीक्वल पर काम करेंगे। इसका जवाब खुद अनुराग ने दे दिया है। दरअसल, अनुराग 2007 में रिलीज हुई अपनी फिल्म लाइफ इन अ मेट्रो की सीक्वल बनाने के लिए स्क्रिप्ट के साथ तैयार हैं। मगर उनके पास इतनी कहानियां लिखी हुई हैं कि वह हर बार कंफ्यूज हो जाते हैं कि उन्हें अगली कहानी क्या बनानी हैं।

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लूडो के साथ भी ऐसी ही हुआ था, उस वक्त भी अनुराग लाइफ इन अ मेट्रो 2 बनाना चाहते थे, लेकिन संगीतकार प्रीतम के कहने पर उन्होंने लूडो बनाई। लाइफ इन अ मेट्रो 2 को बनाने की योजनाओं के संबंध में अनुराग कहते हैं कि मेरे लिए अब तक यह कंफ्यूजन बना हुआ है। मेरे पास फिर से चार से पांच स्क्रिप्ट तैयार हैं। मुझे लगता है कि जब अगली फिल्म बनाऊंगा, फिर मैं अपने करीबियों से यह सवाल करुंगा कि क्या बनाऊं।

हर फिल्म यही सोचकर लिखता हूं कि यही बनानी है, लेकिन मेरी यह दिक्कत है कि फुलस्टॉप कहां लगाना है, यह मुझे पता नहीं चल पाता है। लाइफ इन अ मेट्रो 2 की स्क्रिप्ट खत्म कर दी है। ऐसे में मुझे उस पर काम शुरू कर देना चाहिए था, लेकिन फिर मैं उसे साइड में रख देता हूं और दूसरे पर काम शुरू कर देता हूं। मुझे लगता है कि मैं अपना कंफ्यूजन खुद बढ़ाता हूं।

उन्होंने जागरण को ही बताया था, 'लाइफ इन ए मेट्रो में चार कहानियां थीं। चारों एक मिजाज और एक जॉनर की थीं। उसे करना आसान हो जाता है। मैंने इस बार सोचा कि चार अलग जॉनर की कहानी को जोड़ते हैं। सब अलग मिजाज की होंगी। शुरू में बड़ा मुश्किल लग रहा था। मुझे लग नहीं पा रहा था कि यह कहानी बन पाएगी। फिर करीब पंद्रह दिन बाद कहानी लिख ली गई। लगा कि यह ठीकठाक बन गई है। मैंने कहानी लोगों को सुनाना शुरू किया। उन्हें भी पसंद आई।' 


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