Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Navratri Bhajans 2021: अनुराधा पौड़वाल और अनूप जलोटा भजनों की वजह से रखते हैं खास पहचान, देखें वीडियो

    By Rupesh KumarEdited By:
    Updated: Sat, 17 Apr 2021 06:58 PM (IST)

    भजनों के बजने पर भक्तिमय माहौल को लेकर अनुराधा पौड़वाल कहती हैं जिस वक्त हम लोग भजन गाते हैं मां पर हमारी जितनी आस्था रहती है वही भजन में परिलक्षित होती है। यह अनिवार्य भी है। भजन गाते समय पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है।

    Hero Image
    अनूप जलोटा कहते हैं, 'मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे भजनों के माध्यम से संसार की सेवा करने का अवसर मिला।'

    स्मिता श्रीवास्तव, प्रियंका सिंह, मुंबईl नवरात्र में हर तरफ रहती है मां दुर्गा के भजन-स्तुति और भेंटों की गूंज। इन्हें गाकर ही हिंदी सिनेमा में संगीत के सरताज बन गए कई गायक कलाकार... नवरात्र पर चहुं ओर जय माता दी के उद्घोष से माहौल भक्तिमय हो जाता है। हिंदी सिनेमा में अनूप जलोटा, अनुराधा पौड़वाल समेत अनेक गायक हैं जो सिर्फ अपने भजनों की वजह से खास पहचान रखते हैं। माता के जयकारों को गाने वाले इन गायकों और संगीतकारों की वाणी भक्तों को आस्था की नदी में डुबो देती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पिछले तीस साल से माता की भेटें लिखते आ रहे रवि चोपड़ा का कहना है, 'आज भी हर रोज सुबह उठने के बाद पूजा-पाठ करके मैं मां भगवती के चरणों में लिखने के लिए बैठ जाता हूं। सभी बड़े गायक स्वर्गीय नरेंद्र चंचल, अनुराधा पौड़वाल, सुरेश वाडकर, सुखविंदर सिंह ने मेरी लिखी भेंटों को गाया है। मेरे लिए इश्क माता रानी ही हैं। मैंने जब से होश संभाला है तब से घर में वैष्णों माता की ही पूजा देखी थी। मन उनसे ही जुड़ा हुआ था। गाजियाबाद का रहने वाला हूं, पहले खुद माता रानी का जागरण करता था। बिना पैसे लिए जागरण करते थे। मेरे एक मित्र थे, संजय बग्गा मुझे मुंबई ले आए थे। संगीतकार सुरिंदर कोहली ने मुझे सबसे पहले मौका दिया था। उन्होंने मुझे गुलशन कुमार से मिलवाया था। पहला एलबम था जागरण की रात, जिसे कविता पौड़वाल ने गाया था। काफी चीजें लिखना जानता हूं, लेकिन माता रानी के भजन लिखने में जो आनंद है, वह किसी में नहीं। यह पुण्य का काम भी है और आजीविका का साधन भी है। संगीत का दौर भले ही बदला हो, लेकिन मैंने ऐसा नहीं देखा कि भजन रिकॉर्ड होने कम हुए हों। भेंटें लिखने की वजह से दामन से भी ज्यादा खुशियां मां भगवती ने दी हैं।'

    अपने भजनों से जनमानस पर अमिट छाप छोडऩे वाले भजन गायक अनूप जलोटा कहते हैं, 'मैं खुद को बहुत भाग्यशाली समझता हूं कि मुझे भजनों के माध्यम से संसार की सेवा करने का अवसर मिला। लोगों में भक्ति भाव जगाना, तभी संभव है, जब मां की तरफ से आपको विशेष शक्ति प्राप्त हुई हो। उनकी ओर से ही आदेश होता है, उनके बिना कुछ संभव नहीं है। हम जब भी स्टूडियो में माता रानी का गाना गाते हैं, तो उनकी तस्वीर सामने लगवा देते हैं। उनकी लाल चुनरिया की जो छवि सामने आती है, उन्हें देखकर जब गाते हैं तो उस भजन की गहराई अलग ही होगी है। ऐसा हम हर भगवान के भजन गाने के वक्त करते हैं। मेरे लिए हर भजन एक नई चुनौती होती है। मुझे अपने सभी भजन याद रहते हैं। वे मेरे मस्तिष्क में लिखे हुए हैं। मुझे किसी कॉपी या डायरी को सामने रखकर गाने की जरूरत नहीं पड़ती है। माता रानी हमें इतनी शक्ति, ऊर्जा और ममता देती हैं कि उनका भक्त होना लाजमी है। भक्ति संगीत ही ऐसा संगीत है, जो जीवन में सबसे जरूरी संगीत है। सुबह उठकर भजन ही सुकून देता है, क्योंकि उस वक्त मन शांत होता है। मैं भाग्यशाली हूं कि मेरे गाए हुए भजनों से दिन की शुरुआत होती है।'

    भजनों के बजने पर भक्तिमय माहौल को लेकर अनुराधा पौड़वाल कहती हैं, 'जिस वक्त हम लोग भजन गाते हैं, मां पर हमारी जितनी आस्था रहती है वही भजन में परिलक्षित होती है। यह अनिवार्य भी है। भजन गाते समय पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है। भक्ति सिर्फ ऐसी चीज नहीं है जिसे सिर्फ एक पैराग्राफ में अच्छे से लिखा जा सके। 

    comedy show banner
    comedy show banner