वागले की दुनिया में शाहरुख खान के को-स्टार रहे अंजन बता रहे हैं क्यों शाहरुख़..द शाहरुख़ खान
अंजन श्रीवास्तव ने बाद में उनके साथ फिल्म कभी हां कभी न में भी काम किया और वह कहते हैं कि शाहरुख तब भी नहीं बदले थे.
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। शाहरुख़ खान अपने काम की पूजा करते हैं. इस बात के मुरीद इंडस्ट्री से जुड़े वरिष्ठ कलाकार भी हैं. जब उन्होंने शुरूआत की थी. तब भी. और आज भी जब वह सुपरस्टार हैं. वे अपने काम को लेकर हमेशा सक्रिय रहे हैं.
दूरदर्शन के शो ‘वागले की दुनिया’ व कई फिल्मों में साथ काम कर चुके वरिष्ठ कलाकार अंजन श्रीवास्तव बताते हैं कि शाहरुख़ ने हमेशा काम को गंभीरता से लिया है. अंजन श्रीवास्तव पुराने दौर को याद करते हुए बताते हैं कि वागले की दुनिया में पुलिस स्टेशन वाला एपिसोड था. इसमें मैं लीड में था. बाकी कलाकार ऐपिसोडिक रूप से आते थे. शाहरुख से पहले अविनाश वाधवा वो किरदार निभाने वाले थे लेकिन उन्होंने एैन वक्त पर यह कह कर मना कर दिया कि वह एक एपिसोड के लिए यह शो नहीं करेंगे. उस वक्त कुंदन शाह को शाहरुख़ मिले. शाहरुख़ ने बिना नखरे दिखाये, तुरंत काम शुरू कर दिया था. यही वजह है कि आज द शाहरुख खान हैं. उन्होंने हमेशा काम को तवज्जो दी. स्क्रीन स्पेस कम मिल रहा है या नहीं मिल रहा. इससे उन्हें कभी फर्क नहीं पड़ा. मुझे याद है वह हर सीन के बाद हम लोगों से पूछता था मैंने सीन ठीक तो किया न. फिर एपिसोड के प्रसारण के बाद भी उसे इस बात की भूख रहती थी कि वह जानें कि उसके बारे में दर्शक क्या कह रहे हैं. लोगों को उनका किरदार पसंद आ रहा है या नहीं.
अंजन श्रीवास्तव ने बाद में उनके साथ फिल्म कभी हां कभी न में भी काम किया और वह कहते हैं कि शाहरुख तब भी नहीं बदले थे. काम की भूख तो आज भी कई सालों बाद भी जिंदा है. वे बताते हैं कि इस फिल्म का प्रीमियर दिल्ली में हुआ था. तो उसने हम सभी को अपने घर पर पार्टी के लिए बुलाया था. मैं यह देख कर हैरान था कि वहां ज्यादातर लोग मिलिट्री से ही थे. फिर पता चला कि उनका परिवार आजाद हिंद फौज से जुड़ा रहा है. मेरा मानना है कि शाहरुख़ में आदर करने की कला है. वह हमेशा आपको सामने से इतनी कद्र देगा कि आप कृतज्ञ हो जायेंगे.
अंजन बताते हैं कि हैरान तो मैं तब हुआ था, जब उसने चक दे इंडिया के दौरान मुझे कॉल किया कि मैं इस फिल्म का हिस्सा बनूं और इतने सालों के बावजूद भी वह आज भी नहीं बदला. इतना बड़ा सुपरस्टार लेकिन घमंड जरा भी नहीं. उसने शुरूआती दौर में यह ठान रखी थी कि उसे बस काम करना है. वह कभी दिखावे में नहीं रहा. सेट पर भी जब तक पूरा पैकअप न हो. वह नहीं जाता था. उसको काम को लेकर बेचैनी थी. लोग आज कहते हैं कि वह वर्कोहॉलिक है. मैं मानता हूं कि उसने काम की हमेशा कद्र की. दिखावा नहीं किया. इसलिए आज वह इस मुकाम पर है.
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