Amitabh Bachchan की इस फिल्म को देखकर भड़क गए थे दर्शक, फाड़ डाले थे थिएटर में सीटों के कवर
अमिताभ बच्चन की 1990 की फिल्म 'अग्निपथ' को अपनी रिलीज के समय दर्शकों से खराब प्रतिक्रिया मिली थी, खासकर उनकी भारी डबिंग आवाज के कारण। दर्शकों ने सिनेमाघरों में हंगामा किया, कुर्सियां फाड़ दीं और आवाज बदलने की मांग की। इस विवाद के कारण अमिताभ बच्चन को फिल्म को दोबारा डब करना पड़ा। हालांकि, शुरुआती नकारात्मकता के बावजूद, यह फिल्म बाद में एक कल्ट क्लासिक बन गई।
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अमिताभ बच्चन की अग्निपथ को लेकर हुआ बवाल (फोटो-इंस्टाग्राम)
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। अमिताभ बच्चन ने अपने पूरे फिल्मी करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में कीं और सफलता पाने के साथ-साथ एक बहुत बड़ा फैन बेस भी संभाला। दर्शकों ने उन्हें अपार प्यार दिया। लेकिन उनकी एक खास रिलीज को इतना खराब रिस्पॉन्स मिला कि दर्शकों ने कथित तौर पर हताश होकर अपनी थिएटर सीटें फाड़ दीं।
दोबारा से अभिनेता को करनी पड़ी डबिंग
अमिताभ बच्चन ने कभी सोचा भी नहीं था कि जिस फिल्म के लिए उन्हें अपना पहला नेशनल अवॉर्ड मिला, उसी को लेकर बवाल मचेगा। मामला इतना बढ़ गया कि अमिताभ बच्चन ने बाद में फिल्म को फिर से डब करवाया। ऐसा होना असामान्य नहीं है कि कोई फिल्म शुरुआत में खराब प्रदर्शन करे, लेकिन बाद में सकारात्मक प्रचार के माध्यम से लोकप्रियता हासिल करे। लेकिन महानायक की फिल्म के साथ ऐसा ही हुआ। अंततः इस मूवी को कल्ट क्लासिक का दर्जा दिया गया।
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साल 1990 में रिलीज हुई थी अग्निपथ
आज हम आपको अमिताभ बच्चन की एक ऐसी ही फिल्म के बारे में बताएंगे,जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था। हम जिस फिल्म की बात कर रहे हैं वह 'अग्निपथ' है, जो 1990 में रिलीज हुई थी। फिल्म में अमिताभ बच्चन ने विजय दीनानाथ चौहान की भूमिका निभाई थी। फिल्म के लिए उनकी खराब डबिंग आवाज ने दर्शकों को इतना नाराज कर दिया था कि उन्होंने सिनेमाघरों में हंगामा कर दिया था।
किस बात से नाराज थे लोग?
इस बात का जिक्र अमिताभ बच्चन ने एक इंटरव्यू में किया था। एक्टर ने कहा,"शूटिंग के पहले दिन, मुझे अभी भी यह पता नहीं चला था कि ये कैसे हुआ। मैं मेकअप रूम में था और मुकुल आनंद को बुलाया और विजय को एक अलग थोड़ी भारी आवाज देने का सुझाव दिया। वह सहमत हो गए और इस तरह हमने इस पर फैसला किया। एक आदमी था जो संगीतकार कल्याणजी-आनंदजी के घर पर इसी तरह की भारी आवाज के साथ आता था, इसलिए मैंने सोचा, क्यों न विजय की आवाज को उसके जैसा बनाया जाए? बाद में, मुझे पता चला कि वह आदमी अंडरवर्ल्ड के बैकग्राउंड से था, जो विजय के कैरेक्टर में बिल्कुल फिट बैठता है।
हालांकि दर्शकों को ये बिल्कुल भी पसंद नहीं आया और फिल्म रिलीज होने पर खूब बवाल हुआ। दर्शक कुर्सियों की सीट फाड़ रहे थे और साउंड डिपार्टमेंट से कह रहे थे कि यह अमिताभ की आवाज नहीं है; इसे ठीक करो! आखिरकार अमिताभ को फिर से डबिंग करनी पड़ी।
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