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    Amitabh Bachchan Birthday: 'हां, मैं साइन करूंगा...', आज भी रोंगटे खड़े कर देते हैं अमिताभ के ये 10 संवाद

    By Manoj VashisthEdited By:
    Updated: Tue, 11 Oct 2022 07:57 AM (IST)

    Amitabh Bachchan Birthday अमिताभ बच्चन की बेरीटोन में बोले गये ये संवाद आइकॉनिक माने जाते हैं जो कलाकारों की यंग जनरेशन के लिए प्रेरणा और पाठशाला से कम नहीं। बिग बी की ये संवाद आज भी उनके फैंस के बीच बेहद लोकप्रिय हैं।

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    Amitabh Bachchan 80th Birthday Dialogues. Photo- Twitter/PVR Cinemas

    नई दिल्ली, जेएनएन। अमिताभ बच्चन सिर्फ एक कलाकार नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा का एक प्रतीक हैं। पांच दशक से ज्यादा के करियर में बिग बी ने अभिनय की जो रेखा खींची है, उसे लांघना किसी भी कलाकार के लिए आसान नहीं है। सिनेमा का शायद ही कोई जॉनर ऐसा हो, जिसमें अमिताभ की अदाकारी के रंग ना छिटके हों।

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    पर्दे पर हर किरदार को उभारने में सबसे बड़ा योगदान उनकी आवाज और संवाद अदायगी के अंदाज का रहा। फिल्मों में अमिताभ जिस तरह डायलॉग्स बोलते थे, सिनेमाहॉल तालियों से गूंज उठते थे और वो गूंज दशकों बाद भी कम नहीं हुई है। 

    अमिताभ बच्चन के 80वें जन्मदिन का जश्न सिनेमाघरों में उनकी कुछ आइकॉनिक फिल्मों के प्रदर्शन के जरिए मनाया जा रहा है, जिसके वीडियोज फैंस सोशल मीडिया में शेयर कर रहे हैं और उनकी दीवानगी बता रही है कि अमिताभ के उन संवादों का रोमांच वक्त भी कम नहीं कर सका है। ऐसे ही चुनिंदा 10 संवाद।

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    (Photo- Instagram/Amitabh Bachchan)

    मोहब्बतें

    आदित्य चोपड़ा निर्देशित यह फिल्म मोहब्बतें 2000 में रिलीज हुई थी और बिग बी के करियर का टर्निंग प्वाइंट मानी जाती है। इस फिल्म ने उनके ढलते करियर को संभाला था। शाह रुख खान और ऐश्वर्या राय बच्चन स्टारर फिल्म में अमिताभ गुरुकुल के प्रधानाचार्य बने थे।

    ''परंपरा, प्रतिष्ठा, अनुशासन... ये इस गुरुकुल के तीन स्तंभ हैं। ये वो आदर्श हैं, जिनसे हम आपका आने वाला कल बनाते हैं।''

    सरकार

    राम गोपाल वर्मा निर्देशित फिल्म 2005 में आयी थी। महाराष्ट्र की राजनीति से प्रेरित फिल्म में बिग बी ने सुभाष नागरे का किरदार निभाया था। अभिषेक बच्चन और कटरीना कैफ मुख्य स्टार कास्ट में शामिल थे। 

    ''मुझे जो सही लगता है, मैं करता हूं... फिर चाहे वो भगवान के खिलाफ हो, कानून के खिलाफ हो या पूरे सिस्टम के खिलाफ!''

    अग्निपथ

    1990 में रिलीज हुई अग्निपथ बॉक्स ऑफिस पर नहीं चली थी, मगर इस फिल्म में डॉन बने अमिताभ के अंदाज ने सनसनी मचा दी थी। संवाद अदायगी का खास अंदाज बिग बी काफी लोकप्रिय हुआ था।

    ''विजय दीनानाथ चौहान पूरा नाम, बाप का नाम दीनानाथ चौहान, मां का नाम सुहासिनी चौहान, गांव मांडवा, उमर 36 साल, नौ महीना आठ दिन सोलहवां घंटा चालू है।'' 

    कालिया

    1980 की इस फिल्म में अमिताभ के किरदार को सीधे-सादे कल्लू से शातिर कालिया बनते हुए देखा गया था। जेलर बने प्राण के साथ बिग बी के संवाद इस फिल्म की एक हाइलाइट हैं। 

    ''हम भी वो हैं, जो कभी किसी के पीछे खड़े नहीं होते। जहां खड़े हो जाते हैं, लाइन वहीं शुरू होती है।'' 

    दीवार

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    1975 अमिताभ बच्चन के करियर का स्वर्णिम साल है, जब उनकी शोले, दीवार, चुपके-चुपके और मिली जैसी फिल्में रिलीज हुई थीं। शोले और दीवार हिंदी सिनेमा की ऑल टाइम क्लासिक फिल्मों में शुमार हैं। यश चोपड़ा निर्देशित दीवार अमिताभ के करियर की वो फिल्म है, जिसका हर सीन और संवाद आइकॉनिक है। इसके कुछ संवाद काफी लोकप्रिय रहे।

    ''तुम लोग मुझे ढूंढ रहे हो और मैं तुम्हारा यहां इंतजार कर रहा हूं... इसे अपनी जेब में रख ले पीटर, अब ये ताला मैं तेरी जेब से चाबी निकाल कर ही खोलूंगा।''

    ''हां, मैं साइन करूंगा, लेकिन... जाओ पहले उस आदमी का साइन लेकर आओ, जिसने मेरे हाथ में ये लिख दिया था, उसके बाद...''

    ''मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता...''

    नमक हलाल

    1982 में आयी नमक हलाल अमिताभ के कॉमिक स्किल्स का बेहतरीन नमूना है। इस फिल्म के फनी संवाद काफी पसंद किये गये थे।

    ''दैट आई कैन अंग्रेज लीव बिहाइंड, आई कैन टॉक इंग्लिश, आई कैन वॉक इंग्लिश, आई कैन लॉफ इंग्लिश, बिकोज इंग्लिश इज ए वैरी फन्नी लैंग्वेज!''

    डॉन

    1978 की डॉन अमिताभ की सबसे अधिक एंटरटेनिंग फिल्मों की लिस्ट में शामिल मानी जाती है। इस फिल्म में उन्होंने डबल रोल निभाया था। फिल्म के गाने और डायलॉग काफी फेमस रहे।

    ''डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।''

    जंजीर

    जंजीर वो फिल्म है, जिसने अमिताभ बच्चन को इंडस्ट्री में बतौर एंग्री यंग मैन स्थापित किया था। इस फिल्म में उन्होंने ईमानदार और उसूलों पर चलने वाले पुलिस अफसर का किरदार निभाया था। प्रकाश मेहरा निर्देशित इस फिल्म के संवाद भी आइकॉनिक रहे। प्राण ने फिल्म में पठान और उनके दोस्त का रोल निभाया था।

    ''जब तक बैठने का ना कहा जाए शराफत से खड़े रहो, ये पुलिस स्टेशन है, तुम्हारे बाप का घर नहीं, इसीलिए सीधी तरह खड़े रहो।''

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