Move to Jagran APP

अक्षय कुमार ने विजयदशमी पर किया नई फ़िल्म 'गोरखा' का एलान, भारतीय सेना के जांबाज़ मेजर जनरल की है कहानी

गोरखा का निर्देशन संजय पूरन सिंह कर रहे हैं जबकि इसकी कहानी नीरज यादव और संजय ने लिखी है। फ़िल्म का निर्माण आनंद एल राय और हिमांशु शर्मा कर रहे हैं। अतरंगी रे और रक्षा बंधन के बाद आनंद के साथ अक्षय की यह तीसरी फ़िल्म है।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 04:24 PM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 06:34 PM (IST)
अक्षय कुमार ने विजयदशमी पर किया नई फ़िल्म 'गोरखा' का एलान, भारतीय सेना के जांबाज़ मेजर जनरल की है कहानी
Akshay Kumar as and in Gorkha. Photo- Twitter

नई दिल्ली, जेएनएन। असत्य पर सत्य की विजय के पर्व विजयदशमी पर अक्षय कुमार ने अपनी नई फ़िल्म गोरखा का एलान किया है। अक्षय ने फ़िल्म के फ़र्स्ट लुक पोस्टर भी जारी किये हैं, जो देखते ही देखते सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं। इन पोस्टर्स पर अक्षय के लुक से नज़रें हटाना मुश्किल है। ख़ास बात यह है कि गोरखा को अक्षय ख़ुद प्रस्तुत कर रहे हैं।

loksabha election banner

अक्षय ने दो पोस्टर शेयर किये हैं। एक पोस्टर पर बैकग्राउंड में गोरखा सैनिकों के साथ अक्षय चिल्लाने की मुद्रा में हैं। उनके हाथ में गोरखा रेजीमेंट की पहचान खुखरी है। इस पोस्टर पर अंग्रेज़ी में गोरखा लिखा है। दूसरे पोस्टर पर अक्षय कुमार के किरदार का क्लोज़अप है। इसमें खुखरी और अक्षय के हाव-भाव प्रमुखता से दिख रहे हैं। इन पोस्टरों के साथ अक्षय ने फ़िल्म के बारे में बताया है। अक्षय लिखते हैं- कभी-कभी आपको ऐसी कहानियां पता चलती हैं कि आप उन्हें बनाना चाहते हैं। लीजेंड्री वार हीरो मेजर जनरल इयान कारदोज़ो पर आधारित गोरखा एक ऐसी ही फ़िल्म है। एक आइकॉन का रोल निभाकर और बेहद ख़ास फ़िल्म को प्रस्तुत करके सम्मानित महसूस कर रहा हूं।

गोरखा का निर्देशन संजय पूरन सिंह कर रहे हैं, जबकि इसकी कहानी नीरज यादव और संजय ने लिखी है। फ़िल्म का निर्माण आनंद एल राय और हिमांशु शर्मा कर रहे हैं। अतरंगी रे और रक्षा बंधन के बाद आनंद के साथ अक्षय की यह तीसरी फ़िल्म है। गोरखा, आज़ादी के 75 साल पूरे होने के जश्न को डेडिकेट की गयी है।

दिलचस्प बात यह है कि गोरखा भी 1971 भारत-पाक युद्ध से निकली है, जिसमें मेजर जनरल कारदोज़ो ने भाग लिया था। एक लैंड माइन पर गिरने की वजह से उनकी एक टांग ज़ख़्मी हो गयी थी। मेडिकल सुविधा मौके पर ना मिलने की वजह से उन्होंने अपनी खुखरी से टांग काट दी थी। 84 साल के मेजर जनरल इयान कारदोज़ो एक डेकोरेटेड सैन्य अफ़सर रहे हैं, जिन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल (AVSM) से सम्मानित किया गया था। वो देश के पहले ऐसे सैन्य अफ़सर हैं, जिन्होंने युद्ध में अपंग होने के बावजूद एक ब्रिगेड और बटालियन का नेतृत्व किया था। नाम लेने में मुश्किल होने की वजह से गोरखा रेजीमेंट में उन्हें कारतूस साहिब के नाम से बुलाया जाता था। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.