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    अनु अग्रवाल का छलका दर्द, बताया कैसे एक एक्सीडेंट के बाद बदल गई पूरी जिंदगी

    By Ruchi VajpayeeEdited By:
    Updated: Tue, 20 Apr 2021 09:58 AM (IST)

    अनु अग्रवाल फिल्म आशिकी के बाद रातों रात करोड़ों दिलों की धड़कन बन गईं थीं फिर ऐसा क्या हुआ कि कुछ एक फिल्मों के बाद किसी ने उन्हें नहीं देखा। अनु अग्रवाल ने अपने उस अतीत के बारे में खुलकर बात की जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं।

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    anu agrawal photo credit : instagram account jairajmukherjee

    नई दिल्ली, जेएनएन। अनु अग्रवाल फिल्म 'आशिकी' के बाद रातों रात करोड़ों दिलों की धड़कन बन गईं थीं फिर ऐसा क्या हुआ कि कुछ एक फिल्मों के बाद किसी ने उन्हें नहीं देखा। अनु अग्रवाल ने अपने उस अतीत के बारे में खुलकर बात की जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं। अनु ने बताया कि कैसे साल 1999 में एक एक्सीडेंट ने उनकी पूरी जिंदगी बदल दी। इस एक्सीडेंट के बाद वो कोमा में चली गईं थीं। 

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    छलका दर्द

    अनु जब कोमा से बाहर आईं तो उन्होंने बॉलीवुड की बजाए संयासी बनने का फैसला किया। 2015 में अनु ने अपनी आत्मकथा Anusual: Memoir of a Girl Who Came Back from the Dead लिखी। हाल ही में, अभिनेत्री ने अपनी ऑडियोबुक भी लॉन्च की है। इसी बीच अब अनु ने मीडिया के साथ हादसे के बाद की अपनी जिंदगी के बारे में खुलकर बात की।

    हॉलीवुड से भी आया था ऑफर

    अनु ने बताया कि आशिकी के बाद उन्हें कई शानदार रोल ऑफर हुए थे। अनु अग्रवाल को राकेश रोशन और मणिरत्नम का भी फोन आया था और एक हॉलीवुड फिल्म में भी अच्छी भूमिका की पेशकश की गई थी। उस दौर में उनके पास कुछ अच्छे प्रोजेक्ट्स थे लेकिन वो हमेशा पहले स्क्रिप्ट देखती थीं। 

    बॉयफ्रेंड से भी टूट गया था रिश्ता

    अनु ने आगे बताया कि, 'उसी समय, मैं मॉडलिंग भी कर रहा थी क्योंकि एमटीवी को भारत में1993 में लॉन्च किया गया था। मैं उन कुछ मशहूर हस्तियों में से एक थी, जो चुनिंदा ब्रांड एंडोर्समेंट करते थे। मेरा एक बॉयफ्रेंड था, लेकिन लॉन्ग डिसटेंस रिलेशनशिप होने की वजह से वो रिश्ता खराब हो चुका था। एक दिन मैंने लॉस एंजिल्स जाने का फैसला किया क्योंकि मुझे मॉडलिंग का एक बड़ा काम मिला था।

    अध्यात्म और योग की तरफ हुआ झुकाव

    अनु काफी इमोश्नल होते हुए आगे बताती हैं कि मैं वहां पर नस्लवाद का भी शिकार हुई, को लोग मुझे सकेंड लीड ऑफर कर रहे थे, मैंने नामंजूर कर दिया। फिर मैं इंडिया आ गई। यहां मेरा झुकाव अध्यात्म और योग की तरफ हुआ।

    अनु ने बताया कि ‘साल 1999 में, मैं एक एक्सीडेंट के बाद कोमा में चली गई थी। दुर्घटना से पहले मैं एक आश्रम में रहती थी जहां मेरा एक आध्यात्मिक नाम था। दुर्घटना के बाद, मुझे कुछ भी याद नहीं था सिवाय अपने आध्यात्मिक नाम के… 2001 में मैंने संन्यास लिया और अपना सिर मुंडवा लिया। तब मैंने बस मन और मानव मनोविज्ञान का अध्ययन किया। 

    लिपस्टिक लगाना भी भूल चुकी थी

    2006 में, मैं वापस आई तो लोगों और प्रेस की भीड़ घर के बाहर दिखने लगी। एक्सीडेंट के बाद, मैं सब कुछ भूल गई थी यहां तक कि लिपस्टिक कैसे लगाई जाती है ये भी। जल्द ही लोगों ने मेरे 'बिफोर' और 'आफ्टर' फोटोज शेयर करना शुरू कर दिए। मेरा नो-मेकअप लुक वायरल होने लगा। मैं बहुत शॉक्ड थी। क्योंकि मेरे बेहतर होने में साथ देने की बयाज वह मेरे बारे में कुछ भी लिख रहे थे।