Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नंदीग्राम में बड़ा उलटफेर, सुवेंदु ने ममता को 1957 वोटों से हराया, चुनाव आयोग की आधिकारिक घोषणा का इंतजार

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Sun, 02 May 2021 08:39 PM (IST)

    बंगाल विधानसभा चुनाव में सबसे हाईप्रोफाइल नंदीग्राम सीट पर जारी कांटे की टक्कर के बीच आखिरकार बड़ा उलटफेर हुआ है। पहले खबर आई कि मुख्यमंत्री ममता बनर् ...और पढ़ें

    Hero Image
    पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम सीट पर कांटे की टक्कर

    राजीव कुमार झा, कोलकाता। बंगाल विधानसभा चुनाव में सबसे हाईप्रोफाइल नंदीग्राम सीट पर जारी कांटे की टक्कर के बीच आखिरकार बड़ा उलटफेर हुआ है। पहले खबर आई कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यहां से 1,200 वोटों से जीत गई है। लेकिन, इस बीच अब खबर है कि भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी 1957 वोटों से यहां जीत गए हैं। हालांकि चुनाव आयोग ने अब तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की है। इससे पहले अभी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान नंदीग्राम के बारे में सवाल पूछे जाने पर ममता ने खुद कहा कि नंदीग्राम के लोगों का फैसला मंजूर है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हालांकि साफ तौर पर ममता ने नहीं कहा कि वह यहां हार गई हैं। ममता ने कहा-  भूल जाइए, नंदीग्राम। हम पूरे बंगाल में जीते हैं। गौरतलब है कि सुबह में वोटों की गिनती के बाद से ही इस सीट पर कांटे का मुकाबला चल रहा था। कभी ममता तो कभी सुवेंदु यहां आगे चल रहे थे। इससे पहले 16वें राउंड में ममता नंदीग्राम में छह वोटों से पिछड़ गई थी। इसके बाद 17वें व अंतिम राउंड में खबर आई कि ममता ने सुवेंदु अधिकारी को 1200 वोटों से हरा दिया है। लेकिन, इस बीच खबर है कि अंतत: सुवेंदु ने इस सीट को जीत लिया है।

    दरअसल, नंदीग्राम सीट के नतीजे पर इस बार पूरे देश-दुनिया की नजर थी। ममता ने कोलकाता की अपनी परंपरागत भवानीपुर सीट छोड़ इस बार नंदीग्राम से लडऩे का फैसला कर बड़ा दांव खेला था। ममता के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का विषय बन गया था। यहां उनका मुकाबला कभी उनके सहयोगी रहे और विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तृणमूल छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी के ही साथ था। नंदीग्राम सुवेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता है। इससे पहले 2016 में सुवेंदु ने नंदीग्राम से जीत दर्ज की थी। भाजपा ने ममता को नंदीग्राम में हराने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह तक ने यहां रैली व रोड शो किया था। इधर, नंदीग्राम में ममता को हराकर सुवेंदु ने यहां अपनी बादशाहत सिद्ध की है।

    बंगाल में तृणमूल की प्रचंड जीत के बावजूद ममता की नंदीग्राम से हार तृणमूल के लिए यह बहुत बड़ा झटका है। ममता के राजनीतिक जीवन में भी यह सबसे बड़ी हार है, क्योंकि कभी उनके सेनापति रहे सुवेंदु से उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। बता दें कि नंदीग्राम सहित पूर्व मेदिनीपुर जिले में अधिकारी परिवार का खासा दबदबा माना जाता है। सुवेंदु के पिता शिशिर अधिकारी और भाई दिव्येंदु अधिकारी भी इस जिले की कांथी एवं तमलुक सीट से सांसद हैं। बताते चलें कि 2007 में ममता ने बहुचर्चित नंदीग्राम आंदोलन का नेतृत्व किया था। इसी आंदोलन के चलते ममता ने बंगाल में साल 2011 में 34 साल लंबे वाममोर्चा शासन का अंत कर दिया था। लेकिन, अब उन्हें यहीं से हार का सामना करना पड़ा है।