Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राजस्‍थान चुनाव भरतपुर: बड़े नेताओं के दौरों से बदला माहौल, अंतिम चरण प्रचार में दलों ने झोंकी ताकत

    By Preeti jhaEdited By:
    Updated: Tue, 04 Dec 2018 10:17 AM (IST)

    विधानसभा चुनावों में प्रचार के अंतिम चरण में सभी दलों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी। भाजपा और कांग्रेस के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गए हैं।

    राजस्‍थान चुनाव भरतपुर: बड़े नेताओं के दौरों से बदला माहौल, अंतिम चरण प्रचार में दलों ने झोंकी ताकत

    भरतपुर, प्रकाश मोहन गुप्ता। विधानसभा चुनावों में प्रचार के अंतिम चरण में सभी दलों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी। भाजपा और कांग्रेस  के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गए हैं। प्रधानमंत्री, प्रमुख दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों व बड़े नेताओं के दौरों के बीच तेजी से गिरते तापमान के बीच भरतपुर संभाग का चुनावी माहौल गरमा गया है। वर्तमान स्थिति में अधिकतर जगहों पर दोनों दलों के बीच सीधा मुकाबला तय है। वहीं कुछ जगहों पर बसपा व निर्दलीय प्रत्याशी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भरतपुर संभाग में 19 में से 12 सीटों पर काबिज भाजपा की कोशिश इस आंकड़े को बढ़ाने की है। वहीं कांग्रेस भी छह की संख्या को दहाई तक पहुंचाने में जुटी है। हालांकि पार्टी की प्रदेश व जिला स्तर पर गुटबाजी आड़े आ रही है। भरतपुर जिले की बात करें तो यहां पिछली बार भाजपा ने सात में से छह सीटों पर जीत हासिल की थी हालांकि उपचुनाव में एक सीट कांगे्रस ने छीन ली थी। इस बार छह सीटों पर भाजपा व कांग्रेस आमने-सामने हैं। वहीं एक जगह बसपा मुकाबले में है।

    भरतपुर विधानसभा क्षेत्र-

    कुल 2,55,603 वोटर्स वाले इस क्षेत्र से लगातार तीन बार से जीत रहे विजय बंसल भाजपा प्रत्याशी हैं। उनके सामने कांगे्रस व राष्ट्रीय लोकदल के संयुक्त प्रत्याशी और पहली बार मैदान में उतरे सुभाष गर्ग सहित कुल 19 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर दोनों ही प्रमुख दलों में कांटे की टक्कर है। भारत वाहिनी यहां मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में है। यहां पर लगभग एक लाख जाट व जाटव मतदाता निर्णायक की भूमिका में है।

    डीग- कुम्हेर विधानसभा

    इस क्षेत्र के 2,36,412 मतदाता 10 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। जिले की जाट बाहुल्य इस हॉट सीट पर मुख्य मुकाबले में कांग्रेस के महाराजा विश्वेंद्र सिंह हैं। भाजपा ने अपने पूर्व मंत्री एवं दिग्गज नेता रहे स्वर्गीय डा. दिगम्बर सिंह के पुत्र डा. शैलेष सिंह को मैदान में उतारा है। भाजपा ने यहां पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल सैनी सहित पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के कई मंत्रियों ने यहां डेरा डाल दिया है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल भी मंगलवार को यहां सभा को सम्बोधित करेंगे। गैर जाट मतदाताओं का एक तरफा झुकाव किसी का भी पलड़ा भारी कर सकता है।

    कामां विधानसभा क्षेत्र में धर्म के नाम पर वोटों का बंटवारा होता आया है। 2,33,498 कुल मतदाताओं वाले इस क्षेत्र में लगभग 40 प्रतिशत मेव मतदाता हैं। कांग्रेस से जाहिदा खान और भाजपा के जवाहर सिंह बेढम आमने-सामने हैं। हिंंदू वोटों का धु्रवीकरण भाजपा को सफलता दिला सकता है।

    नगर विधानसभा

    नगर विधानसभा क्षेत्र में 2,23,947 मतदाता हैं। यहां से कुल 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। मेव-गुर्जर बाहुल्य इस सीट पर दोनों प्रमुख दलों ने गुर्जर समाज के उम्मीदवारों को टिकिट दिया है। वहींं बसपा के मुस्लिम प्रत्याशी को मुस्लिम व अनुसूचित जाति के एक मुश्त वोटों पर पूरा भरोसा है। इसी समीकरण के चलते बसपा यहां से वर्ष 1998 में 14 हजार से भी अधिक मतों से जीती थी।

    नदबई विधानसभा क्षेत्र:

    जाट बाहुल्य क्षेत्र नदबई से भाजपा ने पूर्व विधायक एवं पर्यटन मंत्री कृष्णेंद्र कौर दीपा को प्रत्याशी बनाया है। उनके सामने कांगे्रस ने डा. हिमांशु कटारा को उतारा है वह पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। 2,62,325 मतदाताओं वाले इस क्षेत्र से 11 प्रत्याशी मैदान में हैं। एक लाख से अधिक जाट मतदाताओं के बीच भाजपा प्रत्याशी इस समाज की अकेली प्रमुख प्रत्याशी हैं।

    बयाना विधानसभा क्षेत्र:

    अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित बयाना विधानसभा क्षेत्र से आठ प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। भाजपा ने यहां से ऋतु बानावत को प्रत्याशी बनाया है। वे अनुसूचित जाति से हैं। उनके पति सवर्ण समाज से। इससे उन्हें दोनों ही वर्गों के वोट मिलने की संभावना है। हालांकि कांगे्रस के अमर सिंह भी सशक्त दावेदार हैं। वे जाटव समाज के अध्यक्ष रह चुके हैं। यहां कुल 2,39,110 मतदाता हैं।

    बैर विधानसभा क्षेत्र:

    अनुसूचित जाति के लिए ही आरक्षित 2,48,407 मतदाताओं वाले विधानसभा क्षेत्र से सबसे कम पांच उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। यहां पर मुख्य मुकाबला कांगे्रस के वर्तमान विधायक भजनलाल जाटव और भाजपा के पूर्व सांसद रामस्वरूप कोली के बीच है। इस क्षेत्र में सवर्ण समाज का झुकाव गैर जाटव प्रत्याशी की ओर होता आया है। गत दिवस मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दौरे के बाद भाजपा में उत्साह है।

    जिले में ऊंट किस करवट बैठेगा। इसका फैसला 11 दिसंबर को ही होगा। हालांकि मतदान का समय सात दिसंबर आते-आते समीकरण कब पलट जाएं यह कहा नहीं जा सकता। मुकाबला दिलचस्प होगा, यह तय है।

    comedy show banner
    comedy show banner