गहलोत सरकार के लिए मुसीबत का सबब बनता जा रहा 'किसान कर्ज माफी' मुद्दा, 19,444 किसानों की जमीन हुई कुर्क
राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले किसान कर्ज माफी का मुद्दा मुसीबत का सबब बन चुका है। राज्य सरकार के आंकड़े बताते है कि पांच सालों के भीतर 19 हजार से अधिक किसानों की जमीन कुर्क कर ली गई। अशोक गहलोत की सरकार ने सफाई दी है कि सहकारी बैंकों के कर्ज माफ किए गए हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने सहकारी बैंकों के कर्ज माफ करने का वादा किया था।

जयपुर, (जागरण संवाददाता): राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले किसान कर्ज माफी का मुद्दा अशोक गहलोत सरकार के लिए मुसीबत का सबब बनता जा रहा है। राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले पांच सालों में लगभग 19 हजार 444 किसानों की जमीन कुर्क की गई। इन किसानों की जमीन इसलिए कुर्क की गई है क्योंकि जमीन कर्ज की रकम बैंकों में अदा नहीं की गई थी।
राज्य सरकार ने अपनी सफाई में कहा कि सहकारी बैंकों के कर्ज माफ कर दिए गए हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार ने पिछले चुनावों में सहकारी बैंकों के कर्ज माफ करने का वादा किया था। बता दें कि राष्ट्रीयकृत बैंक के कर्ज माफा का पूरा अधिकार केंद्र सरकार के पास है।
भाजपा उठा रही किसान कर्ज माफी का मुद्दा
सत्ता हासिल करने की राह में भाजपा अशोक गहलोत के खिलाफ बार-बार किसान कर्ज माफी का मुद्ददा हर छोटी से बड़ी सभाओं में उठा रहा है। भाजपा नेताओं के मुताबिक, गहलोत सरकार किसानों से कर्ज माफी का वादा कर सत्ता में आई थी। लेकिन अब इस वादे को पूरा नहीं कर रही है।
कितने किसानों पर कितना कर्ज?
जानकारी के अनुसार, राजस्थान के 99 लाख 97 हजार 692 किसानों पर 1 लाख 47 हजार 538.62 करोड़ का कर्ज है। राज्य सरकार ने इसके लिए एक किसान राहत आयोग का गठन करने का विचार किया और दो महीने पहले विधानसभा में विधेयक पारित किया। इस विधेयक में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश को आयोग का अध्यक्ष बनाने का प्रावधान किया गया था। हालांकि, अब तक इस आयोग का गठन नहीं हो सका है। भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया का आरोप है कि चुनावी साल में आयोग गठित करने का वादा कागजों में रह गया।
भाजपा चुनाव लाभ उठाने में जुटी
विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि किसान कर्ज माफी बड़ा चुनावी मुद्दा होगा। भाजपा इस मुद्दे को लेकर किसानों के बीच जाएगी। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार बनने पर दस दिन में किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था। कांग्रेस सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा कर रही है, लेकिन अब तक किसानों के कर्ज पूरी तरह से माफ नहीं हुए हैं।
सरकार की सफाई
प्रदेश के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने अपनी सफाई में कहा कि राज्य सरकार ने 22 लाख से अधिक किसानों के कर्ज माफ किए हैं। पिछले विधानसभा सत्र में गहलोत सरकार ने किसान कर्ज राहत आयोग गठित करने को लेकर विधेयक पारित करवाया है। अब बैंक या अन्य कोई वित्तीय संस्था जिसे भारत सरकार ने अधिसूचित किया हो वह किसी कारण से फसल खराब होने की स्थिति में किसानों पर कर्ज वसूली का दबाव नहीं बना सकेगी। किसान आयोग में अपील कर सकेंगे।उन्होंने कहा,इस साल कृषि बजट पांच से बढ़कार सात हजार करोड़ किया गया है।
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