Rajasthan: वोटिंग से पहले अशोक गहलोत की 'पिक्चर पॉलिटिक्स'; सचिन पायलट की तस्वीर दिखाकर जनता को दिया ये मैसेज
सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर सचिन पायलट (Sachin Pilot) के साथ एक तस्वीर साझा किया। तस्वीर साझा करते हुए सीएम गहलोत ने लिखाएक साथ जीत रहे हैं फिर से। मंगलवार को जब सीएम गहलोत से पूछा गया कि कुछ महीने पहले आप सचिन पायलट को निकम्मा कह रहे थे और आज आप साथ हैं? इस सवाल पर सीएम ने ज्यादा तवज्जो नहीं दिया।

जेएनएन, जयपुर। Rajasthan Election 2023। सीएम अशोक गहलोत को 'जादूगर' कहा जाता है। उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले जिस तरह सचिन पायलट के साथ अपनी साझेदारी फिर से बना ली, शायद इसलिए उन्हें जादूगर कहा जाता है। कुछ दिनों पहले सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर सचिन पायलट (Sachin Pilot) के साथ एक तस्वीर साझा किया।
तस्वीर साझा करते हुए सीएम गहलोत ने लिखा,"एक साथ जीत रहे हैं फिर से।" इस तस्वीर में तस्वीर में दोनों को महासचिव केसी वेणुगोपाल सहित सत्तारूढ़ कांग्रेस के अन्य लोगों के साथ बैठक करते हुए दिखाया गया है।
इस तस्वीर के जरिए अशोक गहलोत राजस्थान की जनता को यह पैगाम दे रहे हैं कि उनका और सचिन पायलट का खेमा एक साथ है। वहीं, दोनों गुट चुनाव के बाद भी एक साथ रहेंगे।
छोड़ो किसने क्या कहा: सचिन पायलट
मंगलवार को जब सीएम गहलोत से पूछा गया कि कुछ महीने पहले आप सचिन पायलट को 'निकम्मा' कह रहे थे और आज आप साथ हैं? इस सवाल पर सीएम ने ज्यादा तवज्जो नहीं दिया।
वहीं, कुछ दिनों पहले समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए सचिन पायलट ने कहा था,"छोड़ो! किसने क्या कहा? मैंने जो कहा उसके लिए मैं जिम्मेदार हो सकता हूंय़ हमें राजनीतिक चर्चाओं में गरिमा बनाए रखनी चाहिए।" उन्होंने कहा, ''एक साथ मिलकर हम कांग्रेस को जीत दिलाएंगे।''
दोनों नेता एक साथ भाजपा को दे रहे चुनौती
कुछ दिनों पहले सचिन पायटल ने ये भी कहा था कि कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने उन्हें लोगों को माफ करने और जो हुआ उसे भूल जाने की सलाह दी थी। बता दें कि फिलहाल राजस्थान में कांग्रेस की कोशिश है कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट का खेमा एक साथ मिलकर चुनावी मैदान में भाजपा के खिलाफ लड़े।
भाजपा का कहना-चुनाव के बाद बढ़ेगी तकरार
बता दें कि साल 2018 में राजस्थान में कांग्रेस दो हिस्सों में बंट गई थी। यह मामला दो सालों तक चलता रहा। इसके बाद 2020 में सचिन पायलट 30 वफादार विधायक के साथ भाजपा शासित हरियाणा आ गए। इसके बाद यह चर्चा शुरू हो गई थी कि सचिन पायलट इन विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो सकते है। हालांकि, अशोक गहलोत अपनी सरकार बचाने में कामयाब रहे।
राजस्थान में भाजपा इस बात को लगातार दोहरा रही है कि अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो दोनों नेताओं को बीच एक बार फिर मतभेद होने की संभावना है। वहीं, अशोक गहलोत और सचिन पायलट लगातार राज्य में जनता के बीच यह बात कहते आ रहे हैं कि हम साथ-साथ हैं और आगे भी साथ-साथ रहेंगे।
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