सिसोदिया बोले- कोठी की टैक्स माफी MCD का हक तो हाउस टैक्स क्यों नहीं
कांग्रेस के शासनकाल में दिल्ली में हालात ऐसे हो गए थे कि बगैर रिश्वत के कोई काम ही नहीं होता था। जनता उसे भूली नहीं है। भाजपा ने भी खूब जनता को लूटा है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली नगर निगम चुनाव को लेकर भाजपा, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी (आप) की प्रतिष्ठा दांव पर है। चुनावी माहौल में लीक हुई शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट के बाद दिल्ली में राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। इसी को देखते हुए दैनिक जागरण के मुख्य संवाददाता वीके शुक्ला ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से बात की। प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंशः-
1. नगर निगम चुनाव भाजपा, कांग्रेस और आप के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। आप इसे किस रूप में ले रहे हैं?
-जनता ने कांग्रेस और भाजपा दोनों का नगर निगम में शासन देखा है। दोनों ने एमसीडी में भ्रष्टाचार किया है, निगमों को लूटा है। जनता दुखी है। भाजपा व कांग्रेस के लोगों ने राजस्व नहीं बढ़ाया, बल्कि नेताओं ने अपनी कंपनियां खोलीं। ठेके लिए और निगमों के लाखों करोड़ों रुपये दबा गए। कंपनियों को डिफॉल्टर घोषित करा दिया और फिर नई कंपनी खोल ली।
2. निगम के नेताओं की कंपनियों को ठेके मिलने और उन कंपनियों के डिफॉल्टर होने की बात केवल आरोप हैं या कोई आपके पास प्रमाण भी हैं?
-यह एक बड़ा भ्रष्टाचार है। मैं बगैर प्रमाण की बात नहीं करता। भ्रष्टाचार के और भी मामले हैं। आप निगमों के डिफॉल्टरों की लिस्ट निकलवाइए। निगम के कई नेताओं के बच्चों की कंपनियां उसमें हैं। पार्किंग और होर्डिग के विज्ञापन का काम लेने के मामले हैं जिसकी वजह से निगम को राजस्व नहीं मिला। आज भी दिल्ली में कई सड़कों पर लगे विज्ञापनों के मामलों में भ्रष्टाचार देखा जा सकता है। आप इंद्रप्रस्थ पार्क के पास लगे विज्ञापन ही देख लीजिए। पोल पर दोनों तरफ से विज्ञापन लगाए गए हैं। मैं दावे के साथ कह रहा हूं कि निगम के खाते में एक तरफ के विज्ञापन का ही पैसा मिल रहा होगा।
3.आप को निगम चुनाव के लिए दो बड़ी पार्टियों से लड़ना पड़ रहा है। आप की रणनीति क्या है?
-कांग्रेस तो जनता के लिए दुखती रग थी। कांग्रेस के शासनकाल में दिल्ली में हालात ऐसे हो गए थे कि बगैर रिश्वत के कोई काम ही नहीं होता था। जनता उसे भूली नहीं है। भाजपा ने भी खूब जनता को लूटा है। भाजपा व कांग्रेस के शासन में जनता को नहीं बल्कि माफिया को सुकून मिलता है। वहीं, हमने दो साल में दिल्ली सरकार में व्यवस्था संभाल दी है। जो बिजली कंपनियां बिजली महंगी कर जनता का पैसा चूस कर नेताओं को खिलाती थीं, हमने उसे रोका है। जल बोर्ड में भ्रष्टाचार चल रहा था, उसे रोका है। ऐसे में हमें पूरा भरोसा है कि जनता हम पर भरोसा करेगी।
4. आप ने हाउस टैक्स को माफ करने का मुद्दा छेड़ा है। मगर इसका अधिकार तो संसद को है?
-वाह..केंद्रीय मंत्री विजय गोयल की कोठी का टैक्स माफ करना हो तो निगम को अधिकार है और जनता के लिए नहीं है। ऐसा नहीं चलने देंगे।
5. शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट की बात सामने आ रही है, कहा जा रहा है उसमें दिल्ली सरकार के खिलाफ बहुत गड़बड़ियां मिली हैं?
-कैसी गड़बड़ियां, शुंगलू कमेटी ने रिपोर्ट में क्या कहा है?..। यही तो कहा है कि फाइलों पर एलजी से अनुमति नहीं ली गई। मैं कहता हूं कि क्या शुंगलू कमेटी को किसी भी मामले में एक पैसा का भ्रष्टाचार मिला है। हम भी तो यही कह रहे हैं कि एलजी से अनुमति नहीं ली गई। यह हमारी सरकार का स्टैंड था। हाई कोर्ट का आदेश आया। उसके बाद हमने अनुमति के लिए फाइलें एलजी के पास भेजी हैं।
6. शुंगलू कमेटी की जांच के बाद क्या सभी फाइलें सरकार के पास वापस आ गई हैं?
-हमने शुंगलू कमेटी के पास उपराज्यपाल से अनुमति से संबंधित 400 से अधिक फाइलें भेजी थीं, जिसमें कई फाइलें अभी नहीं लौटी हैं। उन्हीं में से एक-एक फाइल को लौटाया जा रहा है और फाइलों के बारे में आधा अधूरा लीक कराया जा रहा है।
7.पार्टी के मुख्यालय के लिए निर्धारित बंगले का आवंटन रद कर दिया गया है, आप का क्या कहना है?
-यह व्यवस्था है कि जो पार्टी मान्यता प्राप्त हैं उसे कार्यालय पाने का अधिकार है। हमने कार्यालय ले लिया तो क्या गुनाह कर दिया। सभी ऐसी पार्टियों के पास कार्यालय हैं। मगर आम आदमी पार्टी को कार्यालय नहीं देना है। यह ज्यादती नहीं है तो और क्या है?
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