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    Assembly Election: मप्र व राजस्थान में बसपा से जीतने वाले बदलते रहे हैं पाला, एमपी में जीते विधायकों में सभी जा चुके हैं दूसरे दलों में

    By Jagran NewsEdited By: Babli Kumari
    Updated: Mon, 27 Nov 2023 06:38 PM (IST)

    MP Election 2023 मध्य प्रदेश में वर्ष 2008 में बसपा से सात उम्मीदवार जीते थे पर यह सभी पाला बदल चुके हैं। रीवा जिले की त्योंथर सीट से जीते रामगरीब आदिवासी अब कांग्रेस के साथ हैं। वह सिरमौर सीट से चुनाव भी लड़ रहे हैं। सतना के रामपुर बघेलान से बसपा विधायक रहे राम लखन सिंह कांग्रेस में चले गए थे।

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    मध्य प्रदेश ही नहीं राजस्थान में भी दल बदल जोर पर (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, भोपाल। पिछले कुछ सालों से देखा गया है कि विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा और कांग्रेस से नाराज कई बड़े नेता बसपा का दामन थाम लेते हैं। बसपा भी उन्हें खुशी-खुशी टिकट देने में देर नहीं करती भले ही पुराने कार्यकर्ता नाराज हो जाएं। पार्टी के बैनर से उम्मीदवार जीतते भी हैं, पर वह ज्यादा दिन तक पार्टी का झंडा लेकर नहीं चल पाते। वह भाजपा या कांग्रेस में फिर शामिल हो जाते हैं।

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    मध्य प्रदेश ही नहीं, राजस्थान में भी यही स्थिति है। मध्य प्रदेश की बात करें तो वर्ष 2018 में बसपा के टिकट पर संजीव कुशवाह और रामबाई सिंह जीती थीं। कुशवाह भाजपा में चले गए थे, पर विधानसभा चुनाव में जब पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो वह फिर भिंड विधानसभा से बसपा से चुनाव मैदान में उतरे। इसके पहले वर्ष 2013 में रैंगाव विधानसभा सीट से जीतीं ऊषा चौधरी भाजपा में शामिल हो गई थीं।

    अंबाह सीट से जीते सत्य प्रकाश सखवार चले गए थे कांग्रेस में 

    वहीं, मनगवां से जीती शीला त्यागी कांग्रेस में शामिल होकर इसी सीट से इस बार चुनाव लड़ रही हैं। अंबाह सीट से जीते सत्य प्रकाश सखवार कांग्रेस में चले गए थे। इस चुनाव के पहले वह भाजपा के हो गए। वर्ष 2018 में राजस्थान में बसपा से छह उम्मीदवार जीते थे। यह सभी कांग्रेस में चले गए थे। इनमें बाद में एक भाजपा और एक शिवसेना में चला गया।

    साल 2008 में मध्य प्रदेश में बसपा से जीते थे सात उम्मीदवार 

    मध्य प्रदेश में वर्ष 2008 में बसपा से सात उम्मीदवार जीते थे, पर यह सभी पाला बदल चुके हैं। रीवा जिले की त्योंथर सीट से जीते रामगरीब आदिवासी अब कांग्रेस के साथ हैं। वह सिरमौर सीट से चुनाव भी लड़ रहे हैं। सतना के रामपुर बघेलान से बसपा विधायक रहे राम लखन सिंह कांग्रेस में चले गए थे। दतिया जिले की सेवढ़ा सीट से विजयी हुए राधेलाल बघेल पहले भाजपा में गए, पर यहां पटरी नहीं बैठी तो इस चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस का हाथ थाम लिया।

    ग्वालियर ग्रामीण से जीते मदन कुशवाह भाजपा में शामिल

    इसी चुनाव में ग्वालियर ग्रामीण से जीते मदन कुशवाह भाजपा में शामिल हो गए थे। इसी माह उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ले ली। मुरैना से जीते परसराम मुद्गल भाजपा, जौरा से जीते मनीराम धाकड़ सपा और रीवा जिले की सिरमौर सीट से विधायक चुने गए राजकुमार उर्मलिया आप में शामिल हो चुके हैं। जीतने वाले ही नहीं बसपा से दूसरे नंबर पर रहे प्रत्याशी भी भाजपा या कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं। वर्ष 2008 में सुमावली में दूसरे नंबर पर रहे अजब सिंह कुशवाह कांग्रेस, दिमनी से प्रत्याशी रहे रविंद्र सिंह तोमर कांग्रेस, दतिया में दूसरे नंबर पर रहे राजेंद्र भारती कांग्रेस और करेरा सीट से बसपा उम्मीदवार रहे प्रागलील जाटव कांग्रेस में हैं।