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MP Election 2018 : EVM मतगणना के साथ VVPAT मशीनों की पर्चियों के मिलान की याचिका निरस्त

MP Election 2018 : कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को कोई राय देनी थी, तो वे चुनाव आयोग के समक्ष जा सकते थे।

By Hemant UpadhyayEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 10:29 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 10:29 PM (IST)
MP Election 2018 : EVM मतगणना के साथ VVPAT मशीनों की पर्चियों के मिलान की याचिका निरस्त

जबलपुर। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एसके सेठ व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने ईवीएम की मतगणना के साथ वीवीपैट मशीनों की पर्चियों का मिलान कराने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को कोई राय देनी थी, तो वे चुनाव आयोग के समक्ष जा सकते थे। संविधान के अनुच्छेद 329 (बी) के तहत चुनाव प्रक्रिया आरंभ होने के बाद उसके खिलाफ रिट याचिका पोषणीय नहीं है।

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जबलपुर तिलहरी निवासी अधिवक्ता व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अमिताभ गुप्ता द्वारा जनहित याचिका पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद सोमवार को कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता कमलनाथ द्वारा इस संबंध में दायर याचिका खारिज कर दी थी। इस फैसले में मतदाता सूची की सॉफ्ट कापी उपलब्ध कराने व हर विधानसभा क्षेत्र की कम से कम 10 प्रतिशत वीवीपैट मशीनों की पर्चियों की गणना ईवीएम की मतगणना के साथ कराने की मांग ठुकरा दी थी।

इसी फैसले के आधार पर कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स 1961 के नियम 59 डी के तहत किसी भी ईवीएम की मतगणना पर शंका की स्थिति में सत्यापन के लिए प्रत्याशी या उसके अधिकृत एजेंट इसके साथ वीवीपैट मशीन की पर्चियों की मतगणना कराने के लिए मतगणना पीठासीन अधिकारी को आवेदन कर सकता है। पीठासीन अधिकारी इस पर विचार के बाद मामले के अनुसार निर्णय लेकर कारण सहित आदेश पारित कर ऐसा करा सकता है।

लिहाजा आयोग की व्यवस्था समुचित है। विदित हो कि जनहित याचिका में कहा गया था कि चुनाव आयोग दावे के मुताबिक ईवीएम टैंपर प्रूफ है। यह भी दावा किया गया है कि किसी भी वायरलैस डिवाइस से इसे कनेक्ट नहीं किया जा सकता है।

वहीं निर्वाचन आयोग ने अपनी वेबसाइट में ईवीएम मैन्युअल अपलोड किया है। इसके चेप्टर 19 में जानकारी दी गई है कि ईवीएम ट्रेकिंग के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन (ईटीएस) अर्थात ट्रैकिंग साफ्टवेयर बनाया गया है।

इसके जरिए सेंट्रल इलेक्शन ऑफिसर, जिला निर्वाचन अधिकारी और वेयर हाउस इंचार्ज ईवीएम से कनेक्ट हो सकते हैं। ईवीएम की लोकेशन ट्रेस कर सकते हैं। ऐसे में ईवीएम की मतगणना शंकास्पद हो जाती है।

ईवीएम की गणना का मिलान वीवीपैट पर्चियों से कराने का आग्रह किया गया। इस मामले में सुनवाई के दौरान शुक्रवार को आयोग की ओर से तर्क दिया गया कि हर विधानसभा क्षेत्र से रेंडमली एक-एक वीवीपेट मशीन की पर्चियों की गणना होगी।


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