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MP Election 2018: दोनों दलों को युवाओं के मुकाबले बुजुर्ग प्रत्याशियों पर ज्यादा भरोसा

MP Election 2018 दोनों ही दलों में सबसे ज्यादा प्रत्याशी 40 से 60 साल की उम्र के बीच हैं।

By Hemant UpadhyayEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 09:42 PM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 01:41 AM (IST)
MP Election 2018: दोनों दलों को युवाओं के मुकाबले बुजुर्ग प्रत्याशियों पर ज्यादा भरोसा

भोपाल। राजनीति में युवाओं को आगे लाने के लिए राजनीतिक दल तमाम दावे करते हैं, लेकिन जब टिकट की बात आती है तो सभी इससे पीछे हट जाते हैं। 2018 के विधानसभा चुनावों में भी यही हुआ है। जहां कांग्रेस और भाजपा जैसे प्रमुख दलों ने युवाओं की बजाय बुजुर्ग उम्मीदवारों पर ज्यादा भरोसा दिखाया है।

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कांग्रेस ने 40 साल से कम उम्र के सिर्फ 15 प्रतिशत उम्मीदवार उतारे हैं तो सत्ताधारी दल भाजपा ने महज 12 प्रतिशत प्रत्याशी बनाए हैं। दोनों ही दलों ने युवाओं से ज्यादा बुजुर्ग नेताओं को तवज्जो दी है।

भाजपा ने 60 साल से ज्यादा उम्र वाले 28 प्रतिशत उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि कांग्रेस ने 20 प्रतिशत उम्रदराज नेताओं को टिकट दिए हैं। 40 साल तक के जिन 35 युवाओं को कांग्रेस ने टिकट बांटे हैं, उनमें 11 नेताओं के परिवारों में ही दे दिए गए। वहीं भाजपा में भी ऐसे आधा दर्जन से ज्यादा टिकट दिए गए हैं।

40 से 60 साल के बीच सबसे ज्यादा प्रत्याशी

दोनों ही दलों में सबसे ज्यादा प्रत्याशी 40 से 60 साल की उम्र के बीच हैं। कांग्रेस ने ऐसे 151 और भाजपा में 136 उम्मीदवार उतारे हैं।

कांग्रेस : 35 युवाओं को मौका, 26 साल के अभिजीत मैदान में

युवाओं को प्रतिनिधित्व देने के लिए कांग्रेस ने 35 प्रत्याशियों को उतारा है, जिनमें भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विपिन वानखेड़े, युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुणाल चौधरी जैसे चेहरों को शामिल किया है। पीसीसी के अनुसूचित जनजाति विभाग के अध्यक्ष अजय शाह के 26 साल के बेटे अभिजीत सबसे युवा कांग्रेस प्रत्याशी हैं।

इनके अलावा जिन नेताओं के परिवारों के युवाओं को टिकट मिला, उनमें हेमंत कटारे, रणवीर जाटव, जयवर्द्धन सिंह, सिद्धार्थ कुशवाह, हिना कांवरे, निलय डागा, सतपाल पलिया, सचिन यादव, डॉ. विक्रांत भूरिया और विशाल पटेल शामिल हैं।

60 साल से ज्यादा उम्र के अनुभवी 43 प्रत्याशियों को कांग्रेस ने टिकट दिया है। इनमें भाजपा से अंतिम समय में आए होशंगाबाद के प्रत्याशी सरताज सिंह 78 साल के सबसे ज्यादा बुजुर्ग हैं। इनके अलावा 70 साल से ज्यादा उम्र वाले प्रत्याशियों में पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहटा और कटंगी के प्रत्याशी तामलाल सहारे हैं।

भाजपा : 28 साल के 4 व 70 से ऊपर 9 उम्मीदवार

भारतीय जनता पार्टी ने सबसे कम उम्र के चार उम्मीदवार उतारे हैं। ये सभी 28 साल के हैं। इनमें भांडेर से रजनी प्रजापति, ब्योहारी से शरद कोल, पंधाना से राम डोंगरे और नेपानगर से मंजू दादू शामिल हैं। हालांकि भाजयुमो से एक भी प्रदेश पदाधिकारी को टिकट नहीं दिया गया। वहीं मंत्री गौरीशंकर शेजवार के 33 वर्षीय बेटे मुदित, कैलाश विजयवर्गीय के 34 वर्षीय बेटे आकाश, प्रेमचंद्र गुड्डू के 34 वर्षीय बेटे अजीत बोरासी को टिकट दिया गया है।

दूसरी तरफ, उम्र का हवाला देकर भाजपा ने 70 साल से ज्यादा के 9 प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। गौरतलब है कि उम्र का हवाला देकर दो साल पहले बाबूलाल गौर और सरताज सिंह को शिवराज मंत्रिमंडल से बाहर किया गया था, लेकिन टिकट बांटते वक्त इसका ख्याल नहीं रखा गया।

भाजपा से 78 साल के पूर्व मंत्री मोती कश्यप सबसे ज्यादा उम्र के उम्मीदवार हैं। उनके अलावा लहार से 76 साल के रसाल सिंह, मुरैना से 73 साल के मंत्री रुस्तम सिंह, महाराजपुर से 70 साल के मानवेंद्र सिंह, दमोह से 71 साल के मंत्री जयंत मलैया, नागौद से 76 साल के पूर्व मंत्री नागेंद्र सिंह, सिंहावल से 70 साल के शिवबहादुर चंदेल, गुढ़ से 76 साल के नागेंद्र सिंह को टिकट दिया गया है।  


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