भाजपा के 'भगवा रंग के कुर्ते' में ही BSP का नीला झंडा थामेगा ये नेता, वजह है दिलचस्प
भाजपा छोड़कर बसपा में शामिल हुए इस नेता की वजह से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गईं हैं।
हरिओम गौड़, श्योपुर। विजयपुर से दो बार विधायक और राज्यमंत्री रहे बाबूलाल मेवरा ने भाजपा से बगावत कर बसपा का दामन थाम लिया है। 51 साल तक जनसंघ और भाजपा में रहे बाबूलाल मेवरा अब विजयपुर से बसपा के प्रत्याशी हैं। मेवरा ने भगवा झंडा छोड़कर नीले रंग का झंडा थाम लिया है।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि, भाजपा बदलने वाले बाबूलाल मेवरा भगवा रंग के कुर्ते को बदलने को तैयार नहीं। भाजपा के भगवा रंग के कुर्ते में ही बाबूलाल मेवरा बसपा का नीला झंडा उठाएंगे। बाबूलाल मेवरा ने 1967 में जनसंघ की सदस्यता तभी से वह भगवा रंग का कुर्ता व सफेद धोती के अलावा भगवा रंग की साफी हमेशा धारण किए रहते हैं।
1980 में जनसंघ का नामकरण भाजपा के तौर पर हो गया, तब भी बाबूलाल मेवरा ने अपनी पोशाक नहीं बदली। जब देश में इमरजेंसी लगी तक मीसाबंदी के तहत इसी पोशाक में मेवरा 12 जुलाई 1975 से 03 फरवरी 1977 तक जेल में रहे। मेवरा ने बताया कि, वह अब से नीले रंग की साफी उपयोग करेंगे और बसपा की विचारधारा को आगे बढ़ाएंगे।
मुकेश को बसपा में लाने कांग्रेस लगा रही जोर
सोमवार की सुबह मेवरा ने खुद को बसपा प्रत्याशी घोषित करने के बाद जनसंपर्क व प्रचार भी शुरू कर दिया है। मेवरा के बसपा ज्वाइन करने से भाजपा में सुकून दिख रहा है, तो कांग्रेस में खलबली मच गई है। माना जा रहा है कि, मेवरा बसपा से लड़ेंगे तो कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास रावत का नुकसान होगा।
इसी बीच चर्चाएं चल पड़ीं कि, कांग्रेस के कई नेता, कराहल के भाजपा नेता मुकेश मल्होत्रा को बसपा का टिकट दिलाना चाहते हैं, क्योंकि, मल्होत्रा बसपा के प्रत्याशी बन गए तो भाजपा के सीताराम का नुकसान करेंगे। मुकेश को बसपा में लाने की कवायद इसलिए हो रही है। क्योंकि, बसपा ने अभी तक कोई आधिकारिक सूची जारी कर मेवरा को प्रत्याशी नहीं बताया है।
बसपा में शुरू हुआ मेवरा का विरोध
मेवरा का बसपा में विरोध भी शुरू हो गया है। सोमवार को विजयपुर के महात्मा ज्योतिवाराव फुले स्कूल में बसपा के सीनियर नेता व कार्यकर्ताओं की बैठक हुई जिसमें, मेवरा को पैराशूट नेता बताते हुए उनको टिकट न दिए जाने की मांग की। बसपा में मेवरा के विरोध की पुष्टि पार्टी के जिला अध्यक्ष काशीराम सेंगर व विस अध्यक्ष जगदीश प्रसाद कुशवाह ने भी की।