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    सबसे बड़ी पौड़ी सीट पर खंडूड़ी के शिष्य और बेटे की बीच विरासत की जंग

    By BhanuEdited By:
    Updated: Wed, 10 Apr 2019 08:24 PM (IST)

    उत्तराखंड की सबसे बड़ी पौड़ी गढ़वाल संसदीय सीट पर इस बार भी मुकाबला परंपरागत प्रतिद्वंद्वी भाजपा और कांग्रेस के बीच ही सिमटा है।

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    सबसे बड़ी पौड़ी सीट पर खंडूड़ी के शिष्य और बेटे की बीच विरासत की जंग

    पौड़ी गढ़वाल, अजय खंतवाल। 16960.77 वर्ग किमी क्षेत्र में विस्तृत उत्तराखंड की सबसे बड़ी पौड़ी गढ़वाल संसदीय सीट पर इस बार भी मुकाबला परंपरागत प्रतिद्वंद्वी भाजपा और कांग्रेस के बीच ही सिमटा है। भाजपा प्रत्याशी तीरथ सिंह रावत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र व राज्य सरकार की उपलब्धियों पर जनादेश मांग रहे हैं तो कांग्रेस प्रत्याशी मनीष खंडूड़ी केंद्र सरकार को निशाने पर लिए हुए हैं। 

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    आमजन की चर्चाओं में भले ही सड़क, बिजली, पानी जैसे स्थानीय मुद्दे शामिल हैं, लेकिन राजनैतिक दलों की ओर से इन मुद्दों को कोई खास तवज्जो नहीं दी गई। इनका पूरा प्रचार अभियान आरोप-प्रत्यारोप तक ही सिमटा रहा।

    मुकाबला

    पौड़ी सीट का चुनाव इस बार खासा दिलचस्प है। पिछले तीन दशक से भाजपा के दिग्गज मेजर जनरल (सेनि)भुवन चंद्र खंडूड़ी की पहचान रही इस सीट पर इस बार मुकाबला उनके राजनैतिक शिष्य भाजपा के तीरथ सिंह रावत और कांग्रेस से मैदान में उतरे उनके पुत्र मनीष खंडूड़ी के बीच है। स्वयं खंडूड़ी ने पूरे चुनाव में अपने संसदीय सीट से दूरी बनाए रखी। वैसे इस सीट पर कुल नौ प्रत्याशी मैदान में हैं। 

    भाजपा प्रत्याशी तीरथ सिंह रावत की ताकत

    - मोदी रथ पर सवार

    -सांसद खंडूड़ी के करीबी और रणनीतिकार

    -राजनैतिक व सांगठनिक अनुभव

    कमजोरी

    -सांसद बीसी खंडूड़ी का चुनाव प्रचार में न आना

    -केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी का अंदेशा

    -अंतिम समय में गुटबाजी का खतरा

    कांग्रेस प्रत्याशी मनीष खंडूड़ी की ताकत  

    -कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से नजदीकी

    -सांसद बीसी खंडूड़ी का पुत्र होना

    -क्षेत्र विशेष में अल्पसंख्यकों का भरोसा

    कमजोरी

    - राजनैतिक अनुभव न होना

    - कांग्रेस में पूरी तरह नया चेहरा होना

    - कांग्रेस के भीतर धड़ेबाजी

    मुद्दे

    -ऑलवेदर रोड का निर्माण

    -कई गांवों में सड़कों को लेकर आंदोलन

    -वन्य जीवों के कारण बर्बाद होती खेती

    सामाजिक समीकरण

    गढ़वाल संसदीय सीट पर 86 फीसद हिंदू, आठ फीसद मुस्लिम, चार फीसद सिख व दो फीसद ईसाई मतदाता हैं। जातिगत समीकरणों पर नजर डालें तो 46 फीसद क्षत्रिय, 26 फीसद ब्राह्मण, आठ फीसद अनुसूचित जाति-जनजाति व ओबीसी और छह फीसद वैश्य व बाकी अन्य हैं।

    स्टार प्रचारकों का असर

    गढ़वाल संसदीय सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान कोटद्वार व गोपेश्वर में भाजपा ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह की जनसभा आयोजित की। राजनाथ सिंह का संबोधन राष्ट्रवाद और केंद्रीय योजनाओं पर केंद्रित रहा। कांग्रेस ने श्रीनगर में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की जनसभा का आयोजन किया, जिसमें राहुल गांधी ने भाजपा पर जनता को गुमराह करने और शहीदों के अपमान का आरोप लगाया। 

    मत व्यवहार

    कुल 13,21,334 मतदाता संख्या वाली इस सीट पर लोकसभा चुनाव में आम मतदाता स्थानीय मुद्दों पर अधिक ध्यान न देकर राष्ट्रीय मुद्दों पर फोकस करता नजर आ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सर्जिकल स्ट्राइक, नोटबंदी जैसे मुद्दों पर चर्चा अवश्य हो रही है। हालांकि मतदाता कहीं भी किसी पार्टी अथवा व्यक्ति विशेष के प्रभाव में नजर नहीं आया। ऐसे में प्रत्याशी भी मतदाताओं के व्यवहार को लेकर असमंजस में हैं।

    अतीत के आईने में

    पहले लोकसभा चुनाव में इस सीट का नाम गढ़वाल डिस्ट्रिक्ट ईस्ट कम मुरादाबाद डिस्ट्रिक्ट नार्थ ईस्ट था। 1977, 1980 व 1989 को छोड़ यह सीट भाजपा और कांग्रेस के ही पास ही रही। कांग्रेस के टिकट पर भक्तदर्शन लगातार चार बार इस सीट से सांसद रहे। 11वीं, 12वीं, 13वीं व 14वीं लोकसभा के चुनाव में मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी ने इस सीट पर जीत हासिल की। 

    37 वर्षों तक यह सीट कांग्रेस और 23 वर्ष तक भाजपा के पास रही। 1977 में पहली बार यह सीट कांग्रेस के हाथ से निकली और जनता पार्टी के जगन्नाथ शर्मा जीते। 1980 में जनता पार्टी सेक्यूलर में आए हेमवती नंदन बहुगुणा ने जीत हासिल की और 1989 में कांग्रेस छोड़ जनता दल में आए चंद्रमोहन सिंह नेगी जीते। 

    भाजपा प्रत्याशी बोले

    भाजपा प्रत्याशी तीर्थ सिंह रावत ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाए गए कदमों के साथ ही केंद्र सरकार की आमजन को लाभान्वित करने के लिए चलाई गई योजनाएं जीत का आधार बनेंगी।

    कांग्रेस प्रत्याशी बोले 

    कांग्रेस प्रत्याशी मनीष खंडू़ड़ी के अनसार, भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में जो घोषणापत्र जारी किया था, उसके अनुरूप एक भी वायदा पूरा नहीं किया गया। जनता केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियों से क्षुब्ध है। भाजपा के पास मुद्दे के नाम पर सिर्फ राष्ट्रवाद है, जबकि कांग्रेस क्षेत्र से जुड़े मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रही है।

    पौड़ी गढ़वाल सीट पर एक नजर 

    कुल मतदाता: 1355776 

    पुरुष: 674632

    महिला: 646688

    सर्विस वोटर: 34433

    अन्‍य: 23 

    कुल उम्‍मीदवार-09

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