सीमा पर गरम है राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा, लेकिन शहर में नरम, पंजाब की इस सीट पर क्या कहते हैं मतदाता? पढ़िए रिपोर्ट
Punjab Lok Sabha Election 2024 पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट पर राष्ट्रीय सुरक्षा एक अहम मुद्दा है लेकिन क्षेत्र के हिसाब से लोगों की राय इसे लेकर बंटी हुई नजर आई। जहां सीमावर्ती गांव के लोग बोले कि देश की सत्ता उसी की हो जो सीना तान के खड़ा हो तो वहीं शहरी क्षेत्र के लोग चाहते हैं कि सरकार ऐसी हो जो शांति बनाए रखे।
अभिषेक श्रीवास्तव, गुरदासपुर। पंजाब के गुरदासपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल नौ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें छह गुरदासपुर, जबकि तीन पठानकोट जिले के हैं। दोनों जिलों की सीमाएं पाकिस्तान से जुड़ती हैं। यही कारण है कि यह लोकसभा क्षेत्र सामरिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील हो जाता है।
यहां पाकिस्तान से सीधा तो कोई खतरा नजर नहीं आता, लेकिन साथ में जम्मू की सीमाएं भी जुड़ती हैं, जहां से आतंकी आकर गुरदासपुर और पठानकोट में हमला कर चुके हैं। इसलिए इस लोकसभा सीट पर राष्ट्रीय सुरक्षा भी एक अहम मुद्दा है। इस मुद्दे पर सत्ता किसे सौंपी जाए, यहां के लोगों के मत रावी दरिया के दो किनारों की तरह ही अलग-अलग हैं।
रावी के उस पार...
रावी दरिया के उस पार सीमावर्ती गांवों में लोग सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन चाहते हैं कि सत्ता में वही रहे, जो पाकिस्तान के सामने 56 इंच का सीना तानकर खड़ा रहे। सीमा से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव ढींडा के खेतों में नाड़ को आग लगी थी, आसपास धुएं का गुबार था, लेकिन गांव के लोगों का नजरिया एकदम स्पष्ट।
मुखत्यार सिंह, सनवर सिंह, बलविंदर सिंह, हरजीत सिंह, बनारसी दास, अजय ठाकुर के साथ ही वंदना और विमला देवी का तो यहां तक कहना है कि इस बार भी नरेन्द्र मोदी सत्ता में आए तो गुलाम जम्मू-कश्मीर भारत में शामिल हो जाएगा। ढींडा के आसपास स्थित सिंबल, पलाह, खोजकी चक, दनवाल, दोस्तपुर के लोग उच्च शिक्षा के लिए कालेज चाहते हैं, रोजगार के लिए इंडस्ट्री चाहते हैं, लेकिन इससे भी आगे बढ़कर पाकिस्तान पर और शिकंजा चाहते हैं।
मोदी से अपेक्षाएं
कहते हैं कि सीमा पार से ड्रोन आते हैं, क्योंकि यहां के कुछ क्षेत्र में तस्कर सक्रिय हैं और उनकी पाकिस्तानी तस्करों के साथ मिलीभगत है। इन तक नशीले पदार्थ और हथियार पहुंचाने के लिए पाकिस्तान ड्रोन भेजता है। उनकी अपेक्षा यही है कि मोदी फिर सत्ता में आए तो इसे रोकने के लिए कुछ न कुछ ठोस कदम जरूर उठाएंगे।
पीएम मोदी से प्रभावित
मोदी की टीशर्ट पहने गांव ढींडा के लगभग 70 वर्षीय बनारसी दास कहते हैं कि बात जब राष्ट्रीय सुरक्षा की होगी तो मोदी के टक्कर का कोई नहीं है। उन्हें प्रधानमंत्री की यह बात आकर्षित करती है कि पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहनीं तो हम पहना देंगे।
बनारसी दास कहते हैं कि यह मोदी सरकार ही है, जिसने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के माध्यम से पाकिस्तान को ऐसा जवाब दिया कि उसके हौसले पस्त हो गए। हमारा देश तरक्की कर रहा है। किसानों को सम्मान निधि और कंटीली तारों के बीच आने वाली जमीन का मुआवजा सीधे खातों में मिल रहा है। हम धक्के खाने से और भ्रष्टाचार से बच रहे हैं। यह हमारी मजबूत और स्थायी सरकार है, जिसकी वजह से देश तरक्की कर रहा है, जबकि पाकिस्तान में रोटी के लाले पड़े हुए हैं।
रावी के इस पार...
रावी दरिया के इस पार हालात कुछ बेहतर हैं। शहरी क्षेत्रों में विकास दिखता है। राष्ट्रीय राजमार्ग शानदार हैं। बमियाल से परिवहन की सुविधा के साथ ही उच्च शिक्षा के द्वार भी खुलते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर लोगों को खास चिंता नहीं है, लेकिन दीनानगर के मगराली बाजार में सिलाई की दुकान चलाने वाले रमेश कुमार कहते हैं कि हमें ऐसे किसी दल को वोट नहीं देना चाहिए, जिसके सोच से पाकिस्तान को बल मिले। सरकार ऐसी ही होनी चाहिए, जो दुनियाभर में देश का डंका बजा सके।
इससे आगे बढ़ने पर बटाला और सुचेतगढ़ में लोगों की राय कुछ बदलती दिखी। यहां हार्डवेयर की दुकान पर बैठे मंजीत सिंह, बलजीत सिंह और सुखदेव सिंह कहते हैं कि कांग्रेस सरकार ठीक थी। वह शांति से काम करती थी, पड़ोसी देश के साथ भी शांति बनाकर रखती थी। वर्तमान सरकार दोनों तरफ के लोगों को उकसाती और भड़काती है।
सुचेतगढ़ के शब्बीर कुमार और अनूप कुमार के अलावा मीना कुमारी आम आदमी पार्टी की योजनाओं, खासकर तीन सौ यूनिट निश्शुल्क बिजली से संतुष्ट दिखीं। उनके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा इस चुनाव में कोई मुद्दा नहीं है।